वैज्ञानिकों ने एआई का उपयोग कर बनाया नया ऐप, पांच भाषाओं में मिलेगी खेती की जानकारी

 IISR की नई तकनीक (Krishi Research) खेती को बनाएगा आसान, कृषि वैज्ञानिकों ने बनाया स्मार्ट सॉय ऐप, फोटो डालते ही पता चलेगी फसल की बीमारी व इलाज।

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Krishi Research | खेती-किसानी से जुड़ी चुनौतियों को आसान बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक अहम कदम उठाया है। आधुनिक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के मेल से अब एक ऐसा ऐप तैयार किया गया है, जो किसानों को उनकी अपनी भाषा में खेती की सटीक जानकारी देगा।

पांच प्रमुख भाषाओं में उपलब्ध यह ऐप न केवल मौसम, बीज और सिंचाई से जुड़ी जानकारी देगा, बल्कि रोगों की पहचान और समाधान भी बताएगा। यह रिसर्च देश के कृषि क्षेत्र को तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित हो सकती है। आइए जानते है इस ऐप के बारे में सबकुछ…

AI से बनाया IISR ने विकसित किया स्मार्ट सॉय ऐप

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोयाबीन रिसर्च (IISR) ने एक खास ऐप विकसित किया है, जिसका नाम है स्मार्ट सॉय। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित ऐप है। इससे सोयाबीन की फसल में होने वाली बीमारियों और कीटों की पहचान सटीकता से की जा सकती है। इस ऐप को वैज्ञानिक डॉ. सविता कोल्हे, डॉ. बीयू दुपारे और संजीव कुमार ने बनाया है। Krishi Research

यह ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। सोयाबीन की फसल की बीमारी या कीट की तस्वीर जैसे ही इस ऐप पर अपलोड करेंगे तो कुछ ही सेकंड में बीमारी की पहचान हो जाएगी। इसके साथ ही रोग दूर करने का उपाय भी मिल जाएगा। यह ऐप अब दूसरे ‘सोयाबीन ज्ञान’ नामक मोबाइल ऐप से भी जुड़ गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका फायदा उठा सकें।

खास कोडिंग का इस्तेमाल कर बनाया गया है नया ऐप

इस ऐप में Res Net50 नाम की एडवांस डीप लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें हाई रिजॉल्यूशन इमेज और खास कोडिंग का इस्तेमाल किया गया है। यह पूरा सिस्टम पायथन भाषा में विकसित किया गया है। इसे ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट सर्वर पर फ्लास्क एपीआई के जरिए बनाया गया है, जिससे यह रियल टाइम में जानकारी प्रदान करेगा। Krishi Research

सोयाबीन ज्ञान ऐप पर देखे जा सकते हैं मंडियों के भाव

किसानों की सहूलियत के लिए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने पहले ‘सोयाबीन ज्ञान’ नाम का ऐप भी बनाया था। यह ऐप सोयाबीन की खेती से जुड़ी हर जरूरी जानकारी पहले से उपलब्ध करा रहा है। इसे फ्लटर फ्रेमवर्क और डार्ट प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के जरिए तैयार किया गया है। फ्लटर एक यूआई फ्रेमवर्क है जो मोबाइल ऐप बनाने के लिए होती है। Krishi Research

इस ऐप में सोयाबीन की खेती के सभी तरीकों को बताया गया है। इसके साथ ही फसल प्रबंधन, कीट और रोग नियंत्रण, खरपतवार नियंत्रण, खाद्य उपयोग और स्वास्थ्य की जानकारी है।

इसमें कृषि यंत्रों की जानकारी के साथ ही विभिन्न मंडियों के रोजाना के भाव भी दिखाई देते हैं। इंस्टीट्यूट के यूट्यूब चैनल से डायरेक्ट लिंक भी उपलब्ध है, जिससे किसान वीडियो के जरिए सोयाबीन तकनीकों को बेहतर तरीके से समझ सकें। Krishi Research

किसानी से जुड़े दोनों ऐप का कॉपीराइट फाइल किया

डॉ. सविता ने बताया कि स्मार्ट सॉय व सोयाबीन ज्ञान ऐप का कोई भी रिवेन्यू मॉडल नहीं है। इन पर रिसर्च पेपर और पूरी जानकारी प्रामाणिक है। दोनों एप्लिकेशन का कॉपीराइट फाइल कर लिया गया है। मौसम के अनुसार सोयाबीन की खेती कैसे करना है इसको लेकर भी रिसर्च की जा रही है। इसकी जानकारी भी अपडेट कर दोनों ऐप पर डाली जाएगी। Krishi Research

फोटो अपलोड करने पर इस तरह मिलेगी जानकारी

कृषि वैज्ञानिकों (Krishi Research) द्वारा विकसित किए गए इस ऐप पर जैसे ही किसान बीमारी से संबंधित फोटो को अपलोड करेगा। वैसे ही ऐप के माध्यम से उसकी पहचान शुरू हो जाएगी। पहचान के पश्चात उससे कितनी क्षति होना है एवं किस प्रकार से उस रोग एवं कीट से बचाव व प्रबंधन होगा यह जानकारी सामने आ जाएगी।

जैसे–हरे सेमीलूपर्स :– छोटे लार्वा पत्तियों को खरोंच कर केवल सफेद झिल्ली छोड़ देते हैं। बड़े लार्वा पत्तियों पर विभिन्न प्रकार के छेद बनाते हैं। गंभीर संक्रमण के मामले में, पौधे पर केवल पत्ती की नसें ही देखी जाती हैं। पत्तियों का गिरना उपज में 50% तक की कमी कर सकता है। ये लार्वा अगस्त-सितंबर के दौरान अपनी उच्चतम सक्रियता पर होते हैं।

स्मार्ट सॉय ऐप की विशेषताएं

AI आधारित रोग और कीट पहचान प्रणाली: किसान संक्रमित पौधों की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं तो उन्हें रोग और कीट की सटीक जानकारी मिलती है। Krishi Research

चैटबॉट सुविधाः किसानों को अपने खेत से जुड़ी समस्याओं को ऐप में लिखकर बताना होगा। ऐप के माध्यम से चैटबॉट में उन्हें तुरंत ही समाधान प्राप्त होगा।

एक्सपर्ट की सलाहः खेत की तैयारी, उपयुक्त बीज का चयन, बीज उपचार, उर्वरक की मात्रा, बुआई, कटाई, बीज भंडारण आदि से जुड़ी सलाह उपलब्ध है। Krishi Research

भाषाः इस ऐप में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल और तेलुगु में सभी प्रकार की जानकारी दी गई है। इससे सभी राज्यों के किसान आसानी से इस ऐप का लाभ उठा सकते हैं।

इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे समय-समय पर वैज्ञानिक अनुसंधानों के आधार पर अपडेट किया जाता है, जिससे किसानों को हमेशा नई और प्रमाणित जानकारी मिलती रहे। Krishi Research

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