रबी सीजन के लिए मक्का की ये टॉप 5 उन्नत किस्में देगी सबसे ज्यादा पैदावार, जानें अवधि एवं पैदावार

रबी सीजन में कौन सा मक्का लगाए। यहां जानें मक्के की टॉप 5 शरदकालीन किस्मों (Maize Varieties) के बारे में।

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Maize Varieties | मक्का भारत की नहीं बल्कि विश्व की एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है। मक्का की अधिक उपज क्षमता और विभिन्न उपयोग के कारण इसे खाद्यान्न फसलों की रानी भी कहा जाता है।

रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू होने वाला है। इस समय अधिकतर किसान रबी फसलों के लिए खेत तैयारी में लगे हुए है।

कई किसानों से हमारे पास यह क्वेरी आ रही थी की, वह रबी सीजन में कौन सा मक्का लगाए या कौन सी किस्म का चयन करना होगा।

ऐसे में आज हम आपको यहां चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से मक्का की उन्नत किस्मों Maize Varieties के बारे में बताएंगे। मक्के की टॉप 5 किस्मों के बारे में सबकुछ जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..

1. मक्का की पूसा सुपर स्वीट कॉर्न -1 संकर किस्म

Maize Varieties | मक्का की पूसा सुपर स्वीट कार्न-1 किस्म को खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए वर्ष 2018 में अधिसूचित किया गया है।

इस किस्म के मक्के की खेती उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, (पहाड़ियों) और उत्तर पूर्वी राज्य, उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र-पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड (मैदानी क्षेत्र) और पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र बिहार, झारखंड, ओडिशा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के लिए अनुमोदित की गई है।

मक्के की यह किस्म Maize Varieties 74 से 81 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म के मक्के की उपज क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग है। उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र इसकी औसत उपज 98.4 क्विंटल, उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र 97 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र 75.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में 101 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं।

वहीं इस किस्म के मक्का की संभावित उपज 126.6 क्विंटल उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, 118.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, 105.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र और 111.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए है। मक्के की इस किस्म से सर्वाधिक उपज प्राप्त होगी।

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2. मक्का की पूसा सुपर स्वीट कॉर्न-2 किस्म

Maize Varieties | मक्का की यह किस्म को खरीफ सिंचित क्षत्रों हेतु विकसित की गई है। इसकी खेती उत्तर और दक्षिण भारत में की जा सकती है। मक्के की इस किस्म को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए अनुमोदित किया गया है।

यह किस्म 77 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उत्पादन क्षमता औसतन 95 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 102 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

मक्के की इस किस्म Maize Varieties का उपयोग हरे चारे तथा हरे भुट्टे के लिए किया जाता है। औसत हरा भुट्टा उपज 128 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। जबकि हरे चारे के रूप में 183 क्विंटल प्रति हेक्टेयर इसकी उपज मिल सकती है।

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3. मक्का की पूसा जवाहर हाइब्रिड मक्का-1 (संकर) किस्म

Maize Varieties | मक्का की इस किस्म को वर्ष 2019 में अधिसूचित किया गया है, जिसे खरीफ सीजन तथा सिंचित क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म 95 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

साथ ही साथ यह प्रोटीन युक्त मक्के की प्रजाति है। मक्के की इस किस्म का औसत उत्पादन 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि संभावित उपज 103 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। मक्के की यह किस्म मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त है।

4. मक्के की पूसा एच क्यू पी एम 5 संकर किस्म

Maize Varieties | मक्के की इस किस्म को वर्ष 2020 में लॉन्च किया गया था। यह किस्म मक्का का उत्पादन बढ़ाने और किसानों को लागत कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम किस्मों में से एक है।

मक्का की यह किस्म संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण सामान्य किस्मों की तुलना में कम बीमारियाँ पैदा करती है, जिससे किसानों को कीटनाशकों और अन्य दवाओं पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है। पूसा एचक्यूपीएम 5 उन्नत किस्म 88 से 111 दिनों में पक जाती है।

प्रति हेक्टेयर 104.1 क्विंटल की औसत उपज के कारण देश के कई क्षेत्रों में इस किस्म Maize Varieties से बड़े पैमाने पर मक्का का उत्पादन होता है। हालाँकि, इस किस्म की उपज भी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है। इस किस्म की खेती पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जाती है।

इस किस्म को चुनने से पहले किसान अपने नजदीकी कृषि सलाहकार से संपर्क जरूर करें और मिट्टी की जांच भी करा लें। इस बीज से आसपास के वातावरण और सही मिट्टी की गुणवत्ता और क्षेत्र के अनुसार मक्का की खेती तय की जा सकती है।

5. मक्का की एचएम – 11 (HM – 11) किस्म

Maize Varieties | मक्का की यह किस्म यह देर से पकने वाली किस्म है, जिसे पकने में 95 से 120 दिन का समय लग सकता है। संकर मक्का की यह उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहिष्णु है। इस किस्म की खासियत यह है कि यह अच्छी उपज देती है।

इसके साथ ही संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण किसानों को इस किस्म की मक्का की खेती में लागत भी कम आती है। संकर मक्का की यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। इस किस्म से किसान 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकते हैं।

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