👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
GW 513 Wheat Variety | खरीफ फसलों का सीजन लगभग खत्म हो गया है और रबी फसल का सीजन भी शुरू हो चुका है। इस सीजन में किसान धान की फसल काटने के बाद गेहूं की रोपाई शुरू कर देंगे।
पिछले दो-तीन वर्षों से देखा जा रहा है कि गेंहू की खेती में किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। पर पिछले कुछ वर्षों के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि खराब मौसम के कारण गेहूं की पैदावार पर असर हो रहा है।
इससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की इस परेशानी को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक ऐसे मौसम परिवर्तन के दौरान अच्छी पैदावार देने वाली उन्नत किस्मों को विकसित कर रहे हैं जो रोग प्रतिरोधी भी है।
इसी के तहत कृषि वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में एक गेहूं की एक नई किस्म GW 513 Wheat Variety विकसित की है जिसका नाम जीडब्लयू 513 है। गेहूं की यह किस्म धान की खेती करने वाले किसानों की तकदीर बदल देगी।
अगर समय पर इस गेहूं की बुवाई की जाती है तो गेहूं अनुकूल परिस्थितियों में प्रति हेक्टेयर 85 से 90 क्विंटल तक की पैदावार देती है। गेहूं की यह किस्म उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के खेतों के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
गेहूं की इस बेहतरीन किस्म GW 513 Wheat Variety भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। आइए जानते है गेंहू की जीडब्ल्यू 513 किस्म की खासियत, पैदावार, अवधि सहित अन्य जानकारी जानें…
गेंहू जीडब्ल्यू 513 गेंहू किस्म की जानकारी
GW 513 Wheat Variety | गेहूँ की यह एक अत्यंत उन्नत किस्म गुजरात के सरदार कृषि नगर, दातीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, वीजापुर रिसर्च स्टेशन द्वारा विकसित की गई है।
यह चपाती एवं बिस्कीट हेतु तथा समय से बोनी हेतु म.प्र., गुजरात, राजस्थान के साथ देश के मध्यक्षेत्र हेतु बोनी के लिये अनुशंसित की गई है। इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्र. एस. ओ. 8 (E) दि. 24.12.2021 है।
गुजरात के इसी केन्द्र से पूर्व में जारी गेहूँ किस्म जी. डब्ल्यू. 322 ने अपनी उच्च उत्पादन क्षमता के कारण खाने वाले गेहूँ के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा नाम व भारी लोकप्रियता प्राप्त की है। इस किस्म GW 513 Wheat Variety में दाना कम चमक वाला बदरंग होता है।
जिससे मंडी भाव कम पौधे की ऊँचाई अधिक होने से आड़ा होने की समस्या व 10 वर्ष से अधिक अवधि होने के कारण कई समस्याएं 322 किस्म में आ रही थी जिसके कारण किसान भाई इन कमियों को मद्देनजर रखकर एक परिपूर्ण किस्म का इंतजार कर रहे थे।
इस कारण गुजरात के वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए गहन रिसर्च के पश्चात् गेहूँ की उपरोक्तानुसार कमियों का ध्यान रखते हुए यह परिपूर्ण (परफेक्ट) किस्म जी. डब्ल्यू. 513 विकसित की है।
GW 513 Wheat Variety | चपाती एवं बिस्किट हेतु सर्वश्रेष्ठ किस्म
पुरानी शरबती किस्मों में ऊँचाई अधिक होने से आड़ा पड़ने का डर व भारी नुकसान की संभावना, उत्पादन कम होने से मिलने वाले आर्थिक लाभ में भी निरन्तर कमी इन कारणों से परम्परागत एवं पुरानी शरबती किस्मों का रकबा निरन्तर घटता जा रहा है।
जबकि देश में चपाती/ बिस्कीट वाले गेहूँ की मांग निरन्तर बढ़ती जा रही है जो कि वैज्ञानिक एवं सरकार के लिये भविष्य में एक चिंता का विषय है ऐसी परिस्थिति में कृषक कम ऊँचाई वाली अधिकतम उत्पादन देने वाली अधिकतम बाजार भाव देने वाली किस्म जो कि इसे खाने वाले उपभोक्ताओं को भी पूरा स्वाद एवं पोषक तत्व भी प्रदान कर पूरी संतुष्टी प्रदान कर सके।
इन सब भावनाओं एवं आवश्यकताओं को जी. डब्ल्यू. 513 किस्म GW 513 Wheat Variety पूरा करने में सक्षम है क्योंकि इस किस्म को चपाती एवं बिस्कीट हेतु सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
गेंहू जीडब्ल्यू 513 किस्म की अन्य खासियत
GW 513 Wheat Variety | गेंहू जीडब्ल्यू 513 किस्म का दाना आकर्षक चमकदार है। इसके 1000 दानों का वजन 47 ग्राम है। इस किस्म की ऊँचाई कम लगभग 78 से 90 से.मी. है व टिलरिंग या कुचे काफी अधिक है।
इस किस्म की काड़ी (स्टा) कड़क होने से आड़ा पड़ने (लॉजिंग) की समस्या नहीं देखी गई है। इस किस्म का अंकुरण व टिलरिंग अधिक होने से बीज भी कम लगता है।
इस किस्म का हेक्टोलीटर वेट (78.00) है जो कि उच्च स्तर का है। जी.डब्ल्यू. 513 किस्म की अवधि 322 किस्म से काफी कम है।
इस किस्म GW 513 Wheat Variety की सेडिमेटेशन वेल्यू लगभग (41) है जो कि श्रेष्ठ चपाती गुणवत्ता की पुष्टी करती है। इस किस्म में जिंक ( 39.00 पी.पी.एम.) आयरन (36.00 पी.पी.एम.) व प्रोटीन ( 11% ) की मात्रा अधिकतम होने से इस किस्म में स्वाद एवं पोष्टीकता एवं उच्च उत्पादन देने में सक्षम है।
इस किस्म का अधिकतम बाजार भाव जिससे किसानों को अधिकतम आय ऐसा अद्भूत संयोजन एक साथ दिखाई देता है जो कि गेहूँ की जी.डब्ल्यू. 513 किस्म को चपाती वाले गेहूँ उत्पादन में एक नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा है जो कि परम्परागत किस्मों को विस्थापित कर अपना एक उच्च स्थान व एक बड़ा क्षेत्र बनाने में शीघ्र सफल होगी।
जीडब्ल्यू 513 गेंहू किस्म / GW 513 Wheat Variety की बीज दर 40 से 45 किलो प्रति एकड़ या 100 किलो हेक्टेयर लाईन से लाईन की दूरी 9 से 10″ इंच रखने व 4 से 5 सिंचाई देने पर आदर्श परिणाम। क्षेत्र व परिस्थिति अनुसार कम से कम 1 सिंचाई की बचत होगी।
गेंहू जीडब्ल्यू 513 किस्म की अवधि एवं पैदावार
GW 513 Wheat Variety | गेहूँ की जीडब्ल्यू 513 किस्म में अपनी चेक किस्म जी. डब्ल्यू. 322 से लगभग 18 से 21 प्रतिशत अधिक उत्पादन देकर ए.आई.सी.आर.पी नेटवर्क के अन्तर्गत पूरे भारत में लगाई जाने वाली गेहूँ की किस्मों में उत्पादन के आधार पर प्राप्त परिणामों के अनुसार ऑल इंडिया रेकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त कर स्वयं अपनी तकनीकी सर्वश्रेष्ठता सिद्ध कर दी है।
इस GW 513 Wheat Variety किस्म का उत्पादन लगभग 77.80 क्विंटल हेक्टेयर प्राप्त हुआ है। किंतु व्यवहारिक रूप से किसानों द्वारा इसे 85 क्विंटल हेक्टेयर अधिक बताया गया है। बात करें इसकी अवधि तो, क्षेत्र एवं परिस्थिति के आधार यह किस्म 115 से 117 दिनों में पककर तैयार हो जायेगी।
यहां से खरीदे GW 513 बीज
गेंहू की इस नवीन किस्म gw 513 का बीज अपनी नजदीकी बीज कंपनी से खरीद सकते है। इसके अलावा GW 513 किस्म का बीज किसान भाई श्री गायत्री ट्रेडर्स बीज कंपनी : 9575699947 से खरीद सकते है।
खरपतवार नियंत्रण के लिए गेंहू की बिजाई से पहले डालें यह दवाई
GW 513 Wheat Variety | गेहूं की अगेती बिजाई 25 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। गेहूं में खरपतवारों से बचाव के लिए, बिजाई के समय या कुछ दिन खरपतवारनाशी दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है, इसके बाद खरपतवार पर नियंत्रण रहता है व अच्छा उत्पादन होता है।
धान-गेहूं फसल चक्र वाले इलाकों में गुल्ली-डंडा (मंडूसी) की एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है, ज्यादातर जगह जंगली जई, बथुआ, मंडूसी, गजरी और कटीली पालक खरपतवार पाए जाते हैं।
गेहूं GW 513 Wheat Variety की फसल में खरपतवार नियंत्रण न किया जाए तो पैदावार में 30 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। वैज्ञानिकों की सलाह से खरपतवार का नियंत्रण समय रहते कर सकते हैं।
25 अक्टूबर से पांच नंवबर तक जो भी किसान बिजाई करते हैं, इसमें खरपतवार कम होता है, इसलिए किसान गेहूं की अगेती बिजाई करें। यहां क्लिक कर पढ़ें खबर 👉 गेंहू में खरपतवार नियंत्रण के लिए बिजाई से पहले डालें यह दवाई, बंपर उत्पादन होगा
खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
यह भी पढ़िए….👉 करनाल संस्थान द्वारा तैयार की गई गेहूं की 3 उन्नत किस्मों की विशेषताएं व खेती के बारे में जानें…
👉इस वर्ष किसानों को गेहूं के यह नई किस्म मालामाल करेगी, उपज क्षमता एवं विशेषताएं जानिए..
👉 गेंहू की इस खास किस्म से किसान ने एक हेक्टेयर से निकाला था 102 क्विंटल उत्पादन, जानें पूरी डिटेल
👉शरदकालीन गन्ने की टॉप 5 उन्नत किस्मों से मिलेगी 95 टन प्रति हेक्टेयर उपज…
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.