15 जून तक एमपी के सभी जिलों में एक्टिव होगा मानसून, कहां किस जिले में कितनी बारिश होगी, जानिए..

आइए जानते है इस वर्ष मानसून (Monsoon in MP) में एमपी के किन जिलों में कब एवं कितनी कितनी बारिश होने का अनुमान है।

Monsoon in MP | देश में मानसून अपनी दस्तक दे चुका है। लेकिन जिसके बाद भी मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ शहरों में लू का कहर जारी है। इसी बीच मौसम विभाग ने मानसून को लेकर नया अपडेट जारी कर दिया है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून को फिर से सामान्य होने में कुछ दिन और लगेंगे। इससे दक्षिण महाराष्ट्र और बाद में उत्तर-पश्चिम भारत में भी मानसून के प्रवेश में देरी हो सकती है। आइए आपको बताते है एमपी में कब प्रवेश करेगा मानसून Monsoon in MP एवं कहां किस जिले में होगी बारिश…

एमपी में कब आयेगा मानसून

Monsoon in MP | मध्य प्रदेश में 15 जून के बाद मानसून की एंट्री हो जाती है। पिछले साल 24 जून को प्रदेश में मानसून का प्रवेश हुआ था। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष 15 से 20 जून के बीच मध्य प्रदेश में मानसून की एंट्री हो जाएगी। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया, मानसून को लेकर रिपोर्ट जारी की गई है। जिसके अनुसार, मध्यप्रदेश में इस बार अच्छी बारिश होने का अनुमान है।

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एमपी के किन जिलों में कितनी बारिश का अनुमान

मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि एमपी में इस वर्ष पिछले साल से ज्यादा बारिश Monsoon in MP होगी। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी मध्यप्रदेश के 4 संभाग- सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल। इनमें जबलपुर, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, रीवा और सतना आदि जिलों में 98 से 99% बारिश होने की संभावना है।

वहीं, पश्चिमी मध्यप्रदेश के 6 संभाग- भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल। इनमें भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, इंदौर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, उज्जैन, रतलाम, देवास, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा आदि जिलों में 101 से 102 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार मानसून Monsoon in MP को लेकर मौजूदा परिस्थितियां काफी बेहतर है।

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किसानों के लिए अच्छी खबर! जल्दी होगी खरीफ फसलों की बुवाई

केरल में 1 जून की नियत तिथि के बजाए 30 मई को ही दक्षिण-पश्चिम मानसून Monsoon in MP के पहुंचने से इस बार राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों की बिजाई सही समय पर होने की संभावना है। सूखाग्रस्त दक्षिण भारत में अगले कुछ दिनों के अंदर मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है। केरल में वर्षा का दौर पहले से ही जारी है। मानसून आजकल में तमिलनाडु पहुंच सकता है।

इसके बाद कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार और बंगाल में इसकी पहुंच 15-20 जून तक हो जाएगी। मानसून का एक सिरा देश के पूर्वोत्तर भाग में पहुंच चुका है जहां भारी वर्षा से कई क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आ गई है। खरीफ फसलों की खेती के लिए किसान पहले से ही आवश्यक तैयारी कर रहे हैं।

धान की नर्सरी लगाई जा चुकी है और Monsoon in MP मानसून की पहली बारिश के साथ ही इसकी रोपाई आरंभ हो जाएगी। इस बार क्षेत्रफल बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि चावल का बाजार भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है। दलहनों की खेती में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने के आसार हैं। तिलहन फसलों का रकबा काफी हद तक सामान्य रह सकता है, जबकि कपास व गन्ना के क्षेत्रफल में कुछ कमी आने की आशंका है।

पिछली बार कहां कितनी हुई थी बारिश

इन जिलों में ज्यादा बारिश :- मौसम विभाग के मुताबिक एमपी के इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, उज्जैन, अलीराजपुर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, देवास, धार, हरदा, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, निवाड़ी, सिवनी, टीकमगढ़। : Monsoon in MP

इन जिलों में कम बारिश :- भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, छतरपुर, दमोह, मंडला, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, आगर-मालवा, अशोकनगर, दतिया, गुना, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नीमच, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, शिवपुरी।

पिछली बार एवं 10 सालों में क्या रहा मानसून का ट्रेंड

मध्यप्रदेश की सामान्य बारिश 949mm यानी, 37.3 इंच है। मानसूनी सीजन Monsoon in MP के दौरान (जून से सितंबर के बीच) इतनी बारिश होती है। पिछले साल की बात करें, तो प्रदेश में एवरेज 37.22 इंच बारिश हुई थी, जो सामान्य के बराबर ही थी। भोपाल समेत कई जिलों में तो सामान्य से अधिक बारिश हुई थी।

इस कारण बाढ़ के हालात भी बन गए थे। इस बार भी मानसून अगर अनुमान के मुताबिक रहा, तो लगातार छठे साल ऐसा होगा, जब सामान्य या इससे ज्यादा बारिश होगी। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 2019 में सबसे ज्यादा 53 इंच बारिश हुई थी। इसके बाद से ही प्रदेश में सामान्य या इससे अधिक बारिश हो रही है। : Monsoon in MP

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