गर्मी में उच्च पैदावार देने वाली एवं 55 से 60 दिनों में पकने वाली मूंग की प्रमुख वैरायटीयों के बारे में जानें..

रबी फसलों की कटाई के बाद मूंग की खेती अच्छा फायदा देती है Mung varietys in summer मूंग की उन्नत वैरायटीयों के बारे में जानिए..

Mung varietys in summer | रबी फसलों के बाद गर्मी में मूंग की खेती किसानों के लिए अच्छी फायदेमंद साबित हो रही है। गर्मी में मूंग की खेती से किस अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। मूंग की अच्छी पैदावार के लिए अच्छी वैरायटी का चयन करना जरूरी है। गर्मी के लिए अनुशंसित उच्च पैदावार देने वाली एवं कम समय अर्थात 55 से 60 दिनों में पककर तैयार होने वाली मूंग की प्रमुख किस्मों Mung varietys in summer के बारे में आइए जानते हैं..

मूंग की खेती के लिए भूमि एवं तैयारी

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मूंग की खेती के लिए दोमट भूमि उपयुक्त रहती है। पलेवा करके दो जुताइयाॅ करने से खेत तैयार हो जाता है। ट्रैक्टर, पावर टिलर, रोटावेटर या अन्य आधुनिक कृषि यंत्र से खेत की तैयारी शीघ्रता से की जा सकती है। Mung varietys in summer

गर्मी में मूंग की बुवाई का समय

Mung varietys in summer गर्मी में मूंग की बुवाई रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद की जा सकती है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बसंत कालीन प्रजातियों की बुआई 15 फरवरी से 15 मार्च तथा ग्रीष्म कालीन प्रजातियों के लिए 10 मार्च से 10 अप्रैल का समय उपयुक्त होता है। जहाॅ बुआई अप्रैल के प्रथम सप्ताह के आसपास हो वहाॅ प्रजाति सम्राट एवं एच.यू.एम.-16 की बुआई की जाये।

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मूंग की अच्छी पैदावार देने वाली हाइब्रिड किस्में

एसवीएम-88 – एसवीएम-88, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित मूंग की एक किस्म है। इसका पौधा सीधा होता हैं, जिसकी ऊंचाई 30-55 सेमी होती हैं। इसका अनाज चमकदार, आकर्षक हरा और मोटे दाने वाला होता हैं। मूंग की किस्म एसवीएम-88 की फलियां पकने पर काले-भूरे रंग की हो जाती हैं। Mung varietys in summer यह ग्रीष्म एंव खरीफ मौसम में बुआई के लिए उपयुक्त हैं। इसके 1000 दानों का वजन 29 ग्राम होता हैं।

शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स की मूंग किस्म एसवीएम-98

शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स की मूंग किस्म एसवीएम-98 – एसवीएम-98, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित मूंग की एक किस्म है। यह किस्म पीला मोजेक वायरस के प्रति सहनशीलता रखती है। इसका पौधा सीधा और कम ऊंचाई वाला होता हैं। इसका अनाज चमकदार हरे रंग का और छोटे दाने वाला होता हैं। मूंग की इस किस्म एसवीएम-98 की फलियां पकने पर काले-भूरे रंग की हो जाती हैं। यह Mung varietys in summer ग्रीष्म एंव खरीफ मौसम में बुआई के लिए उपयुक्त हैं।

विराट गोल्ड शक्ति वर्धक

Mung varietys in summer शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स की इस मूंग किस्म से करें बुवाई, मिलेगी अधिक पैदावार – विराट गोल्ड शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित मूंग की एक किस्म है। यह किस्म पीला मोजेक वायरस के प्रति अत्यधिक सहनशील है।

इसका पौधा सीधा तथा मोटा होता, जिसकी ऊंचाई लगभग 50 से 60 सेंटीमीटर तक रहती है। इस पर फलियाँ गुच्छों में लगती है, और एक फली में 12 से 15 दाने पाए जाते हैं। इसका अनाज चमकदार, मोटा और हल्का हरे रंग का होता है। यह जायद (ग्रीष्म) एवं ख़रीफ़ मौसम के लिए उपयुक्त हैं। इस किस्म के 1000 दानों का वजन 50-55 ग्राम होता हैं। Mung varietys in summer

शक्ति वर्धक मूंग किस्म एसवीएम-55  

Mung varietys in summer शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स की मूंग किस्म एसवीएम-55 – एसवीएम-55, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित मूंग की एक किस्म है। यह किस्म पीला मोजेक वायरस के प्रति सहनशीलता रखती है। इसका पौधा घना, प्रचुर शाखाओं वाला होता हैं, जिसकी ऊंचाई मध्यम लगभग 50 से 60 सेंटीमीटर तक रहती है। इसका अनाज चमकदार, आकर्षक हरा रंग का और छोटे दानो वाला होता हैं। मूंग की यह किस्म एसवीएम-55, 50-60 दिन में पक जाती हैं। यह ग्रीष्म मौसम में बुआई के लिए उपयुक्त हैं। इसमें 40 दिनों में फूल आना शुरू हो जाते हैं।

शक्ति वर्धक मूंग किस्म ‘विराट सुपर’

शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स की मूंग किस्म ‘विराट सुपर’ – विराट सुपर, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित मूंग की एक किस्म है। यह किस्म पीला मोजक वायरस के प्रति सहनशील है। इसका पौधा घना, प्रचुर शाखाओं वाला होता हैं, जिसकी ऊंचाई लगभग 40 से 45 सेंटीमीटर तक रहती है। इसकी फलियाँ लंबी, मोटी और चमकदार हरे रंग के दानो वाली होती हैं।

Mung varietys in summer मूंग की यह किस्म विराट सुपर, 68-70 दिन में पक जाती हैं। इसके 1000 दानों का वजन 44 ग्राम होता हैं। यह ग्रीष्म एवं खरीफ की बुआई के लिए उपयुक्त हैं। इसमें मूंग की अन्य प्रचलित किस्मों की तुलना में अधिक रोग सहनशीलता होती है।

शक्ति वर्धक मूंग किस्म ‘विराट शक्ति’

शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स की मूंग किस्म ‘विराट शक्ति’ – विराट शक्ति, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स द्वारा विकसित मूंग की एक किस्म है। यह किस्म खस्ता फफूंदी और पीला मोजक वायरस के प्रति सहनशील है। इसका पौधा फैला होता हैं, जिसकी ऊंचाई लगभग 60 से 65 सेंटीमीटर तक रहती है। इसकी फलियाँ लंबी होती हैं और प्रति फली में 13 से 14 दाने पाए जाते हैं।

Mung varietys in summer मूंग की किस्म विराट शक्ति अधिक पक जाने पर चटकती नहीं है। इसके दाने बड़े, चमकदार और भारी होते है। यह जायद (ग्रीष्म), ख़रीफ़ और वसंत मौसम के लिए उपयुक्त हैं। इस किस्म के 1000 दानों का वजन 48 ग्राम होता हैं। यह जायद (ग्रीष्म) मौसम मे 60 से 65 दिन में पक जाती हैं। वहीं खरीफ मौसम में यह पकने में 70-72 दिन का समय लेती हैं।

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बीज दर व एवं बीज उपचार

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक 15-18 किलो स्वस्थ्य बीज प्रति हैक्टर पर्याप्त होता है। 2.5 ग्राम थीरम अथवा 2 ग्राम थीरम एवं 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम या 5 ग्राम ट्राडकोडर्मा $ स्यूडोमोनास से प्रति किलो बीज की दर से शोधन करें। इससे प्रारम्भिक अवस्था में रोग रोधक क्षमता बढ़़ती है। इससे जमाव अच्छा हो जाता है।

फलस्वरूप प्रति इकाई पौधों की संख्या सुनिश्चित हो जाती है और उपज में वृद्वि हो जाती है। इसके बाद मोनोक्रोटोफास 36 ईसी दवा 10 मिली/ किलो की दर से बीज का शोधित कर लें इससे तना बेधक मक्खी के प्रकोप से बचाव होता है तथा फसल की बढ़वार अच्छी होती है।

रसायन से बीज शोधन के बाद बीजों को एक बोरे पर फैलाकर, मूंग की विशिष्ट राईजोबियम कल्चर से उपचारित करते हैं। आधा लीटर पानी में 200 ग्राम राइजोबियम कल्चर का पूरा पैकिट मिला दें। इस मिश्रण को 10 कि0ग्रा0 बीज के ऊपर छिड़ककर हल्के हाथ से मिलायें जिससे बीज के ऊपर एक हल्की पर्त बन जाती है।

इस बीज को छाये में 1-2 घन्टे सुखाकर बुवाई प्रातः 9 बजे तक या सायंकाल 4 बजे के बाद करें। तेज धूप में कल्चर के जीवाणुओं के मरने की आशंका रहती है। ऐसे खेतों में जहाॅ मूंग की खेती पहली बार अथवा काफी समय केे बाद की जा रही हो, वहाॅ कल्चर का प्रयोग अवश्य करें। Mung varietys in summer

मूंग की फसल में सिंचाई 

Mung varietys in summer मूंग की सिंचाई भूमि की किस्म, तापमान तथा हवाओं की तीव्रता पर निर्भर करती है। आम तौर पर मूंग की फसल को 4-5 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। पहली सिंचाई बुवाई के 20-35 दिन बाद और फिर बाद में 10-15 दिन के अन्तर से आवश्यकतानुसार सिंचाई की जाये।

पहली सिंचाई बहुत जल्दी करने से जड़ों तथा ग्रन्थियों के विकास पर विपरित प्रभाव पड़ता है। फूल आने से पहले तथा दाना पड़ते समय सिंचाई आवश्यक है। सिंचाई क्यारी बनाकर करना चाहिए। जहाॅ स्प्रिंकलर हो वहाॅ इसका प्रयोग उत्तम जल प्रबन्ध हेतु किया जाये। मिट्टी की जलधारण क्षमता कम होने तथा जलवायु (तापमान ज्यादा होने के कारण) के अनुसार किसान खेत में 6-8 सिंचाई तक करते हैं। Mung varietys in summer

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