पराली जलाने की समस्या को कम करेगी धान की यह किस्म (New BRR2183 Paddy Variety), जानें कौन सी है वह धान की नई किस्म..
New BRR2183 Paddy Variety | कृषि वैज्ञानिकों ने धान की नई किस्म विकसित की है। जिससे किसानों को बंपर पैदावार भी मिलेगी इसके साथ ही यह किस्म पराली जलाने की समस्या को भी कम करेगी।
बता दें की, कृषि वैज्ञानिकों ने पुआल जनाने की समस्या को कम करने वाली धान की नई किस्म बीआरआर 2183 (New BRR2183 Paddy Variety) विकसित की है। यह पराली जलाने की समस्या को कम करने में मदद करेगा। इस धान की खासियत है कि यह खेत में आसानी से गल जाता है। इसलिए किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
15 से 20 दिन पहले पकेगी धान की यह किस्म
New BRR2183 Paddy Variety | धान की नई किस्म के उत्पादन में खाद और पानी की 30 से 35 फीसदी की बचत होगी। पौधे की लंबाई 110 सेमी होगी और औसत उत्पादन 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलेगा। यह अधिक उपज वाले अन्य वेरायटी से 15-20 दिन पहले तैयार हो जाएगी।
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इससे खेत अक्टूबर के अंत या देरी से बुवाई में नवंबर के पहले हफ्ते में खाली हो जाएगी और इसका पुआल भी आसानी से खेत में गल जाता है। बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने धान की नई वेरायटी New BRR2183 Paddy Variety विकसित की है। इस धान की किस्म को बिहार, यूपी, झारखंड, ओडिशा, हरियाणा, गुजरात सहित 6 राज्यों के किसानों को फायदा होगा। बारिश पर निर्भर और सीमित सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है। यह जलवायु अनुकूल वेरायटी है।
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राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षण अंतिम चरण में..
New BRR2183 Paddy Variety | इस किस्म का परीक्षण पिछले 3 वर्षों से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु में किया जा रहा है।
इस किस्म में बीमारी और कीट कम लगेंगे
यह प्रभेद कंडुआ-लेड़ा, जीवाणु झुलसा, अच्छद अंगमारी-गलका और झोंका रोग के प्रति प्रतिरोधी है। तना छेदक, भूरा कीट-वीएचपी और पत्तीलपेटक के प्रति सहनशील है। इस किस्म New BRR2183 Paddy Variety में प्रति पौध 18-20 कल्ले जिसमें बालियां होती है।
प्रत्येक बालियां 28-30 सेंटीमीटर लंबी, जिसमें दोनों की संख्या 300-450 तक होती है। 1000 दानों का वजर 20 से 21 ग्राम होता है। इसके दाने का रंग सुनहरा, मंसूरी या स्वर्ण जैसा होता है। धान से 65 फीसदी से अधिक चावल निकलता है। चावल भी मुलायम और भुरभुरा होता है।
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