किसानों को जल्द मिलेगी लहसुन की नई उन्नत किस्में: मंदसौर में बनेगा नई किस्मों को तैयार करने का शोध केंद्र

New improved varieties of garlic: मंदसौर में लहसुन किस्म तैयार करने के शोध केंद्र को हरी झंडी दी गई है। जल्द ही खेतो में आएगी लहसुन की नई किस्में, पढ़ें आर्टिकल.

New improved varieties of garlic | देशभर में लहसुन के उत्पादन में ख्याति प्राप्त कर चुका मंदसौर जिला अब लहसुन की नई किस्मों को लागू करने जा रहा है। शोध के लिए केंद्र भी तैयार होगा। पुणे से आए राष्ट्रीय स्तर के दल ने प्रयोग को देखा तो उन्होंने मुख्य केंद्र को लेकर हरी झंडी दी। जिन नई किस्मों पर परीक्षण हुआ उसका राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान केंद्र में परीक्षण होगा।

मुख्य रूप से जलवायु, वातावरण, मिट्टी की उर्वरकता, उत्पादन व कीट-रोगों के प्रभाव से लेकर लहसुन की कली सहित कई तकनीकी बिंदुओं New improved varieties of garlic पर शोध के बाद करीब दो साल में रिपोर्ट तैयार की गई है। प्याज के लिए भी नई किस्मों पर अनुसंधान चल रहा है। 2015 में शुरू हुआ था शोध पर पिछले दिनों पुणे स्थित प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय की टीम ने यहां निरीक्षण किया। इसमें वैज्ञानिक, विशेषज्ञ शामिल थे।

पूरे देश में मंदसौर की लहसुन प्रचलित – New improved varieties of garlic

मंदसौर में लहसुन-प्याज अनुसंधान का काम 2015-16 में शुरू हुआ था। मंदसौर उद्यानिकी महाविद्यालय क्षेत्र में निदेशालय के वैज्ञानिक डॉ. एसएस कुशवाह की देखरेख में इस पर काम शुरू हुआ। इसमें प्याज-लहसुन की नई किस्म के विकास के लिए काम किया जा रहा है। यह काम अब सफलता की ओर के बाद मुख्य केंद्र बनने की दिशा है। राष्ट्रीय स्तर की टीम के निरीक्षण में भी अग्रसर है।

लहसुन का उत्पादन बेहतर, गुजरात से मिलती है टक्कर 

New improved varieties of garlic लहसुन परियोजना के वैज्ञानिक डॉ. कुशवाह ने बताया कि मंदसौर सहित मालवा के जिलों में इसका बेहतर उत्पादन होता है। प्रदेश में मालवा में लहसुन का उत्पादन का क्षेत्र गढ़ है। राष्ट्रीय स्तर पर गुजरात से टक्कर मिलती है। इसके कई कारण हैं। वातावरण, जलवायु और मिट्टी के साथ यहां प्रकाश संश्लेषण ज्यादा होता है।

उत्तर भारत के क्षेत्र से इस क्षेत्र में प्रकाश ज्यादा होता है तो इसी कारण यहां लहसुन का उत्पादन ज्यादा है और देशभर में इसकी मांग भी है। वर्तमान में ऊटी और अमलेटा सहित जी-282 की लहसुन की खेती होती है। इसमें ऊटी में उत्पादन और भाव अच्छा मिलता है, लेकिन अमलेटा सहित जी-282 में रोग और कीट का असर भी अधिक होता है।

नई किस्में खेती में जल्द आएंगी

New improved varieties of garlic डॉ. कुशवाह के अनुसार लहसुन में आरएलबी व्हाइट, जी-404, 382 की नई किस्मों पर परीक्षण चल रहा है। यह कई चरणों में हुआ है, जो अब सफलता तक आया है। दो साल के परीक्षण की रिपोर्ट के तहत राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षण के बाद यह किस्में लहसुन की खेती में लागू की जाएंगी। इसमें जी-404 में उत्पादन अच्छा व रोग कम तो 382 में भी रोगों का असर कम है। आरएलबी में उत्पादन अच्छा व कली भी अच्छी होगी। इन किस्मों की तकनीक पर अभी काम चल रहा है।

New improved varieties of garlic

इसलिए खास है… मंदसौर का लहसुन

New improved varieties of garlic व्यापारी अनिल मित्तल ने बताया कि मंदसौर के लहसुन देश में सबसे अच्छी होती है इसलिए इसकी मांग अधिक रहती है। यह ज्यादा सफेद, कड़क एवं 15 माह तक चलता है। गुजरात का लहसुन छोटा हाेता है, उसमें डंडी लंबी रहती है। यूपी के लहसुन में काली मूंछ रहती है। राजस्थान का लहसुन 7 से 8 माह में खराब हाेने लगता है इसलिए हमारा लहसुन सबसे बेहतर है।

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