कौन सी है वह सोयाबीन की उन्नत किस्में (New Soybean Variety) ? क्या है उनकी विशेषताएं? आइए आर्टिकल में जानते है सबकुछ।
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New Soybean Variety | भारत के मध्यप्रदेश राज्य में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। मध्यप्रदेश के बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड सहित अन्य राज्यों में सोयाबीन की खेती की जाती है। सोयाबीन की बुआई का मौसम शुरू हो चुका है। 15 जून से 15 जुलाई तक सोयाबीन की बुआई चलती है। जुलाई के पहले सप्ताह में सोयाबीन की बुआई कर लेना अच्छा होता है।
सोयाबीन से अच्छी पैदावार लेने के लिए सोयाबीन की उन्नत किस्मों का चयन बेहद आवश्यक है। ऐसे में आज हम चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में सोयाबीन की 2 ऐसी किस्मों के बारे में बात करने वाले है, जो अर्ली सोयाबीन की किस्मों (New Soybean Variety) से 27% अधिक उत्पादन देने वाली 88 से 90 दिवस में पकेगी। आइए जानते है इन दोनों किस्मों की विशेषताओं एवं अन्य जानकारी के बारे में…
New Soybean Variety | विगत कई वर्षों से किसान इस बात का इन्तजार कर रहे थे कि जे. एस. – 9560 व जे.एस.-20-34 व अन्य परन्परागत अर्ली किस्मों के बाद उन्हें एडवांस जनरेशन की एक एसी सोयाबीन की अर्ली किस्म का विकल्प मिले जिनमें इन परम्परागत अर्ली किस्मों में आ रही वायरस, कम उचाई, फूटने (शेटरिंग) व निरन्तर घट रहे उत्पादन की समस्या का सम्पूर्ण समाधान तो मिले ही तथा बढ़ते हुए कटाई में मजदूरी खर्च को देखते हुए इस किस्म की उचाई अच्छी हो ताकि हार्वेस्टर से काटने में भी उपयुक्त हो।
साथ ही उसमें दाने की गुणवत्ता व उच्च उत्पादन क्षमता एसे दोनो गुणों का भी संयोजन हो ताकि सोयाबीन उत्पादन में विगत कई वर्षों से कम उत्पादन, बढ़ती खेती की लागत व कम बाजार भाव के कारण हो रहे लगातार नुकसान की भरपाई हो सके व उपरोक्त कारणों का समाधान देकर सोयाबीन उत्पादन को लेकर जो किसानों में निराशा आ रही है उनमे पुर्वानुसार एक उत्साह का संचार कर सके। : New Soybean Variety
इस बाबत किसानों का इंतजार खत्म हुआ, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय (J.N.K.V.V.) म.प्र. द्वारा वर्षों की कड़ी मेहनत व गहन अनुसंधान के पश्चात सोयाबीन की नवीनतम अर्ली, चमत्कारी किस्म जे.एस.-23-03 अवधि लगभग 88 से 90 दिवस देश के मध्यक्षेत्र म.प्र. / राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के विदर्भ मराठवाड़ा व उ.प्र. के बुन्देलखण्ड में बोनी हेतु जारी की है,
जो कि किसानों की उपरोक्तानुसार बताई गई आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं को पूर्ण करने में भविष्य में पूरी तरह से सक्षम एवं सफल रहेगी व शिघ्र ही परंपरागत सोयाबीन की किस्मों (New Soybean Variety) को अपने बहु आगामी गुणों के कारण शिघ्र विस्थापित कर अपना एक उच्च स्थान बनाकर किसानों में बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जावेगी। इस सोया जाति में जल्दी कटाई होने के गुण के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए असिंचित अवस्था में भी रबी फसलों की सुखा निरोधक किस्मों का भी उत्पादन लिया जा सकता है।
साथ ही जल्दी कटाई होने के कारण खेत खाली होने की स्थिति में अगाती (अर्ली) रबी की फसलें लहसुन- आलू-प्याज, मटर, चना डॉलर चना, शरबती गेहूँ लेने वाले किसानों के लिये यह किस्म (New Soybean Variety) एक आदर्श विकल्प है। इससे किसानों का फसल चक्र प्रबंधन अधिक आसान एवं सुविधाजनक हो जावेगा। सोयाबीन एवं आगे की रबी अगाती फसलों का उत्पादन भी जल्दी प्राप्त होने से मण्डी में उसे जल्दी विक्रय कर किसान मण्डी में भीडभाड़ से मुक्ति तथा उच्चतम भाव का लाभ ले सकते हैं।
प्रमुख गुण (केरेक्टर) :- New Soybean Variety के दाने का आकार गोलाकार, बोल्ड, पीला, चमकदार, बहुत आकर्षक हायलम काला, 100 दानों का वजन लगभग 12/13 ग्राम अंकुरण क्षमता बहुत अच्छी लगभग 85/90 प्रतिशत पौधें का आकार अर्द्ध फैलाव वाला मध्यम उँचाई वाला लगभग 47 से.मी. वाला पौधा सेमिइरेक्ट अच्छी शाखाओं वाला पौधा पत्ती का रंग गहरा हरा आकार मध्यम चोड़ी गोलाकार पत्तिया पाइन्टेड ओवेट पत्ती रोएदार नहीं चिकनी, फुलों का रंग परपल (बैंगनी) आधे फूल आने की अवधि लगभग 36 से 38 दिन फलियों का रंग भूरा (ब्राउन) फलियाँ रोएदार नहीं, चिकनी, फलियों में चटकने (शेटरिंग) की समस्या बिलकुल नही तीन दाने की फलियाँ अधिक, इन्टरनोड शार्ट होने से फलियाँ अधिक। : New Soybean Variety
रोग प्रतिकार क्षमता येलो मोजेक, एंथेक्रोनोज, राइजोक्टेनिया, एरियल ब्लाईट व अन्य जड़ सड़न, चारकोल रॉट आदि रोगो एवं चुसने व काटने वाले कीटों के प्रति सहनशीलता एवं प्रतिरोधकता का गुण व अन्य कई प्रकार की बिमारीयों एवं कीट रोधी क्षमता/सहनशीलता के कारण इस किस्म को मल्टीपल रेजीस्टेस वैरायटी के रुप में भी जाना जावेगा।
इस किस्म की बीज दर लगभग 40 किलो एकड़ या 100 से 110 किलो हेक्टेयर रखने व लाईन से लाईन की दूरी 14 इंच रखने, आदर्श कार्यमाला अपनाने, सिंचाई एवं जल निकासी नियोजन, फर्टीगेशन, कीट/व्याधि नियंत्रण एवं खरपतवार नियंत्रण की उत्तम व्यवस्था रखने पर आदर्श परिणाम जे. एस. 23-03 सोयाबीन की इस अर्ली किस्म (New Soybean Variety) ने भारत में पूर्व में प्रचलित अन्य सभी अर्ली सोयाबीन की किस्मों से 27 प्रतिशत अधिक उत्पादन देकर एक नया रेकार्ड बनाया है इन्दौर में इस किस्म के 31.89 क्विंटल हेक्टेयर का उत्पादन दिया है। व्यवहारिक रूप से किसानों द्वारा भी इस किस्म का अधिकतम उत्पादन 7 क्विंटल बीघा तक भी लिया गया है।
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अन्त में सोयाबीन की यह अर्ली किस्म (New Soybean Variety) जिसका दाना व उत्पादन इतना आकर्षक है कि जो बाजार व किसान दोनों का दिल जीतकर शीघ्र ही यह किस्म कृषि क्षेत्र में सर्वोच्चता में नए आयाम बनाते हुए सोयाबीन की खेती में एक मील का पत्थर साबित होगी।
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New Soybean Variety | विगत कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान है कि एक अच्छी प्रमाणिक अर्ली सोयाबीन किस्म में उनके पास जे.एस. 95-60 व जे.एस. 20-34 के बाद जिनमें वायरस, कम उँचाई फुटने (शेटरिंग) निरंतर कम हो रहे उत्पादन आदि समस्याएँ देखी गई है, इन सबका निदान देने वाली कोई एडवांस जनरेशन की अर्ली किस्म उन्हे एक बेहतर विकल्प के रूप नही मिल पा रही थी।
किसानों की इन समस्याओं के समाधान एवं एक आदर्श विकल्प के रूप में जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर (J.N.K.V.V.) म.प्र. द्वारा वर्षो के गहन अनुसंधान के पश्चात एक नई सोयाबीन की अर्ली किस्म जे.एस.-24-33 अवधि लगभग 88-90 दिन विकसित की गई है जो कि पूर्व में जारी परंपरागत सोयाबीन किस्मों 95-60- व 20-34 व अन्य से अधिक एडवांस किस्म तो है ही किन्तु बेहतर वायरस एवं कीट रोधक क्षमता, फुटने (शेटरिंग) की समस्या नही अच्छी उँचाई जो कि मेकेनिकल हर्वेस्टर के लिये उपयुक्त आदि गुणों के अतिरिक्त उच्च उत्पादन क्षमता के बहुगुणी विशेषताओं के साथ देश के मध्यक्षेत्र म.प्र., राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र में विदर्भ, मराठवाड़ा व उ.प्र. के बुदेलखण्ड क्षेत्र हेतु अनुशंसित की गई है। : New Soybean Variety
प्रमुख गुण (केरेक्टर) : इस किस्म के दाने का आकार गोलाकार, मध्यम, बोल्ड पीला, चमकदार, हायलम का रंग काला 100 दानों का वजन लगभग 11.25 ग्राम अंकुरण क्षमता बहुत अच्छी लगभग 85-90 प्रतिशत पौधो का आकार अर्द्ध फैलाव वाला मध्यम अच्छी उँचाई वाला उँचाई लगभग 50 से.मि. मेकेनिकल हरवेस्ट के लिये उपयुक्त ब्रांचिग बहुत अच्छी सेमिइरेक्ट टाईप का पौधा। : New Soybean Variety
फुलों का रंग परपल (बैंगनी) आधे फूल आने की अवधि लगभग 35 से 40 दिवस। फलियों का रंग भूरा (ब्राउन) फलियाँ चीकनी रोएदार नहीं, फलियों में चटकने (शेटरिंग) की समस्या नहीं, तीन व चार दाने की फलियाँ, फलियाँ झुमके में, इन्टरनोंड शार्ट होने से भी अधिक फलियाँ कोटीलीडन कलर (दाल का रंग) पीला तेल की मात्रा 20.65 प्रतिशत, रोग येलो मोजेक चारकोल रॉट व जड़ सड़न के लिये प्रतिरोधी क्षमता सहनशीलता, कीटरोधक क्षमता पत्ती चुसने वाले व पत्ती काटने वाले कीटों के लिए प्रतिरोधी क्षमता/सहनशीलता आदि गुणों के कारण इस किस्म को मल्टीपल रेजीस्टेस वैरायटी की श्रेणी में रखा जा सकता है। : New Soybean Variety
आलू प्याज लहसुन मटर, डालर चना शरबती गेहूँ आदि अगेती फसल लेने वाले किसानों के लिये सोयाबीन की यह अर्ली किस्म वरदान सिद्ध होगी। जल्दी कटाई होने के गुण के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए असिंचित अवस्था में, सुखे की स्थिति या कम वर्षा की स्थिति में भी यह किस्म लगाने वाले किसान रबी की सुखा निरोधक किस्में लगाकर भी खेती कर पूरा लाभ प्राप्त कर सकते है।
इस किस्म की बीज दर 40 किलो प्रति एकड़ लाईन से लाईन की दूरी 14 इंच रखने आदर्श कार्यमाला अपनाने फर्टिगेशन मैनेजमेंट, जल निकासी, खरपतवार नियंत्रण, कीट, पौध संरक्षण की उत्तम व्यवस्था रखने पर आदर्श परिणाम। आदर्श परिस्थितियों में व्यवहारिक रूप से इस अर्ली किस्म की उच्च उत्पादन क्षमता का उपयोग करते हुए 30 क्विंटल या इससे अधिक उत्पादन प्रति हेक्टेयर लिया जा सकता है। सोयाबीन की यह नवीनतम उन्नत अर्ली किस्म जे. एस. 24-33 अपने आदर्श गुणों के कारण अतिशीघ्र पुरानी परम्परागत किस्मों को विस्थापित कर अपना एक उच्च स्थान बनाकर किसानों एवं बड़े कृषि क्षेत्र में आच्छादित होकर किसानों की पहली पसंद बनकर सफलतापूर्वक अपना नाम बनाने में सफल होगी। : New Soybean Variety
कहां से खरीद सकेंगे इनका प्रमाणित बीज | New Soybean Variety
वसुन्धरा सीड्स
51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन- 456010 (म.प्र.)
फोन : 2530547 मो. : 9301606161, 9425332517
ई-मेल : vasundharabio@yahoo.co.in
गोडाऊन : बड़ी उद्योगपुरी, मक्सी रोड, महावीर तोल कांटे के पास, गोल्डन टाइल्स के सामने, उज्जैन मो. 9669176048, 7649839062
किसान सोयाबीन बीज माफिया से रहे सावधान
New Soybean Variety | किसान भाइयों सोयाबीन की बुवाई में अब बहुत कम समय बचा है लेकिन सोयाबीन बीज माफिया सक्रिय हो गए हैं जो किसानों से मन माने दाम पर सोयाबीन बीज दे रहे हैं किसान भाइयों आप किसी से भी सोयाबीन का बीज खरीदते हैं अपने पहचाना के किसान से या विश्वाश पात्र व्यक्ति से ही खरीदी पिछले साल उज्जैन साइड के एक बीज माफिया ने किसानों को मन मने रेट पर और गलत बीज दे दिया था जिस से किसानों को बहुत परेशानी हुई थी।
वर्तमान में यह देखने में आ रहा है नई वैरायटी के नाम से किसानों को पुराना बीज देकर बीज माफिया सक्रिय हो गए हैं, जाने माने व्यक्ति और विश्वाश पात्र किसान से ही बीज खरीदे किसी भी प्रकार के विज्ञापन के जाल में ना फंसे बाकी आपको जैसा उचित लगे वैसा कर सकते हैं।
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इसी खबर में पूरी जानकारी दी गई है, बीज कहां मिलेगा यह भी बताया गया है.