30 से 40 दिन की धान की फसल के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी, कहा – इस बात का अवश्य ध्यान रखे किसान..

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने धान की खेती (Paddy Advisory) करने वाले किसानों को किया सचेत, इन बातो का अवश्य ध्यान रखें।

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Paddy Advisory | भारत में खरीफ सीजन की मुख्य फसलों में धान अव्वल स्थान रखती है। इस समय खरीफ धान की फसल 30 से 40 दिनों की अवस्था में है।

इस बीच भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने धान की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अहम एडवाइजरी जारी की है।

कृषि वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि, किसान इस बात का अवश्य ध्यान रखे की इस समय ब्राउन प्लांट हॉपर कीट के आक्रमण का है, जो धान की फसल को नष्ट कर सकती है।

आइए जान लेते है कृषि वैज्ञानिकों ने इसके बचाव के लिए क्या क्या लक्षण एवं कौन सी दवाई छिड़कने Paddy Advisory की जानकारी दी…

30 से 40 दिन की फसल में इस किट का प्रकोप

Paddy Advisory | भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने धान की खेती करने वाले किसानों को बताया की, कई स्थानों पर 30 से 40 दिन की धान की फसल में ब्राउन प्लांट हॉपर कीट का आक्रमण देखा जा रहा है।

अगर सही समय पर इसका नियंत्रण ना किया जाए तो, यह फसल को नष्ट कर सकती है।

किसानों को खेत के अंदर जाकर धान के पौधे के निचले भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करना चाहिए।

धान की फसल के लिए जारी Paddy Advisory एडवाइजरी में कहा गया कि, धान की फसल इस वक्त वानस्पतिक वृद्धि कर रही है, इसलिए किसानों को अपनी फसल में कीटों की निगरानी जरूर करनी चाहिए।

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इस तरह फसल को प्रभावित करता है ब्राउन प्लांट हॉपर कीट

कृषि वैज्ञानिकों ने Paddy Advisory एडवाइजरी में कहा गया कि, धान की फसल पर ब्राउन प्लांट हॉपर कीट का असर सितंबर से लेकर अक्तूबर तक रहता है।

इस कीट का 20 से 25 दिन का जीवन च्रक होता है। इसके शिशु और कीट दोनों ही धान के पौधों के तने और उसकी पत्तियों से रस चूसने का काम करते हैं।

ज्यादा रस निकलने की वजह से इसकी पत्तियों के ऊपर काले रंग की फफूंदी उगने लग जाती है।

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इसके बाद प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया ठप होने लगती है, जिससे पौधे भोजन कम बनाते हैं और उनका विकास भी रुक जाता है। : Paddy Advisory

इस कीट का रंग हल्का भूरा होता है और इससे प्रभावित फसल को हॉपर बर्न कहा जाता है।

एडवाइजरी में कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि, किसान स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न और गाजर की बुवाई मेड़ों पर करें।

किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 4 से 6 किलोग्राम बीजों की बुवाई करें।

प्रारंभिक उपाय के लिए बुवाई से पहले आपको बीजों को केप्टान 2 ग्राम/किलोग्राम की दर से उपचार करना है। : Paddy Advisory

वहीं खेत तैयार करते वक्त किसानों को खेत में देसी खाद और फास्फोरस उर्वरक को जरूर डालना चाहिए।

ब्राउन प्लांट हॉपर कीट से ऐसे करें फसल का बचाव

कृषि वैज्ञानिकों ने Paddy Advisory एडवाइजरी में कहा है कि, धान की फसल में कीड़ों और बीमारियों की किसानों को निरंतर निगरानी करते रहना चाहिए।

सही जानकारी लेने के बाद ही अपने खेत में दवाईयों का उपयोग करें, किसानों को सही जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

यदि आपकी फसल फल मक्खी से प्रभावित हुई है, तो ऐसे में आपको फलों को तोड़कर गहरे गड्ढे में दबा देना चाहिए।

फसल को फल मक्खी के प्रभाव से बचाने के लिए खेत में विभिन्न जगहों पर गुड़ या चीनी के साथ (कीटनाशी) का घोल बनाकर रखें। आप इस घोल को किसी छोटे कप या बरतन में डालकर भी खेत में रख सकते हैं।

एडवाइजरी Paddy Advisory में कहा गया है कि, मिर्च के खेत में विषाणु रोग होने पर आपको उससे ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में दबा देना चाहिए।

यदि इसके बाद भी इस रोग का प्रकोप अधिक हो, तो आपको इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिली/लीटर की दर से छिड़काव करना चाहिए।

तना छेदक के नियंत्रण के लिए यह उपाय कर सकते है 

कृषि वैज्ञानिकों ने Paddy Advisory एडवाइजरी में यह भी बताया की, तना छेदक कीट की निगरानी करने के लिए किसान फिरोमोन ट्रैप लगा सकते हैं, 1 एकड़ खेत में 3 से 4 ट्रैप काफी होते हैं।

वहीं अगर इसके खेत में पत्त्ता मरोंड़ या तना छेदक कीट का अधिक प्रकोप है, तो ऐसे में करटाप दवाई 4 फीसदी दाने 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का बुरकाव कर लेना चाहिए।

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