कई जगहों पर धान की फसल में तना छेदक किट (Paddy Disease control) का प्रकोप देखा जा रहा है, आइए जानते है कृषि वैज्ञानिकों की सलाह…
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Paddy Disease control | अभी धान की फसल 40 से 50 दिनों की हो गई है। ऐसे में धान की बढ़वार के लिए किट एवं रोगों का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में धान की फसल पर तना छेदक कीट का आक्रमण देखा गया है, जिससे किसानों में चिंता बढ़ गई है।
कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विशेषज्ञों ने तना छेदक कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं।
आइए जानते है तना छेदक किट Paddy Disease control के लिए किसानों को क्या क्या उपाय करने चाहिए एवं कौन सी दवाई का उपयोग करना चाहिए…
धान की फसल को नुकसान पहुंचाती है यह इल्ली
Paddy Disease control | कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि इस कीट की इल्ली अवस्था, फसल को नुकसान पहुंचाती है। इस कीट की चार अवस्था होती है अण्डा, इल्ली, शंखी व तितली।
मादा तितली पत्तियों की नोंक के पास समूह मे अंडें देती है। अंडे़ से इल्ली निकलती है जो हल्के पीले रंग की होती है।
इल्ली निकलने के बाद, इल्ली पहले पत्तियों को खाते हुए धीरे-धीरे गोभ के अंदर प्रवेश करती है, जिससे पौधे की बढ़वार रूक जाती है।
कीट पौधे के गोभ के तने को नीचे से काट देती है, जिससे धान के पौधे का बीच वाला हिस्सा सूख जाता है। सुखे हुए हिस्से को मृत गोभ (डेड हार्ट) कहते है।
इस कीट Paddy Disease control का प्रकोप बालियां निकलने के समय होता है जिससे फसल को भारी नुकसान होता है। बालियों में दाना का भराव नहीं हो पाता है और बालियां सूख कर सफेद रंग की हो जाती हैं जिसे सफेद बालियां (व्हाइट हेड) कहते हैं।
प्रभावित बालियों को खीचने पर आसानी से बाहर निकल जाता है। कई बालियों में इल्ली अंदर दिखाई देता है।
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कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी यह सलाह
Paddy Disease control | कीट के प्रकोप से बचने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने कुछ प्रभावी सुझाव दिए हैं, जैसे कि रोपाई करते समय पौधे के ऊपरी भाग को थोड़ा काटकर रोपाई करना, खेतों और मेड़ों को खरपतवार मुक्त रखना, और पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग करना।
इसके अलावा, खेत की समय-समय पर निगरानी करें तथा अण्डे दिखाई देने पर नष्ट कर दे। खेतों मे चिड़ियो के बैठने के लिए टी आकार की पक्षी मिनार लगाए।
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नर तितली को आकर्षित करने के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाए। रात्रि चर कीट को पकड़ने के लिए प्रकाश प्रंपच या लाइट खेतों में लगाए। : Paddy Disease control
तना छेदक किट के लिए यह दवाई डालें किसान भाई
रासायनिक नियंत्रण के लिए, वैज्ञानिकों ने कुछ कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी है, जैसे कि अण्ड परजीवी ट्राइकोग्रामा जॉपोनिकम के 50 हजार अण्डे प्रति हेक्टेयर की दर से दो से तीन बार खेेत में छोड़ना चाहिए।
उस समय रासायनिक कीटनाशक का स्प्रै ना करें। नीम अजेडीरेक्टीन 1500 पी पी एम का 2.5 लीटर प्रति हेक्टयर की दर से प्रयोग करें। दानेदार कीटनाशकों का छिड़काव गभोट वाली अवस्था से पहले करना चाहिए। : Paddy Disease control
बारिश रूकने व मौसम खुला होने पर कोई एक कीटनाशक का प्रयोग करें। क्लोरेटानिलिप्रोएल 0.4 प्रतिशत जी आर 10 किलो प्रति हेक्टेयर या क्लोरोपायरीफॉस 20 ई.सी. 1250 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एस.पी. 1000 ग्राम प्रति हेक्टेयर
या क्लोरेटानिलिप्रोएल 18.5 प्रतिशत एस.सी. 150 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या फिप्रोनिल 5 प्रतिशत एस.सी. 1000.1500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या फ्लूबेंडामाइड 20 प्रतिशत डब्ल्यू. जी. 125 ग्राम प्रति हेक्टेयर का उपयोग करके प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं। ठीक न होने पर 15 दिन बाद दूसरे कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए। : Paddy Disease control
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