सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में करें मटर की अगेती किस्मों की बुवाई, यह वैरायटियां देगी जबरदस्त फायदा..

खरीफ फसलों की कटाई के बाद मटर की खेती कर रहे है, हम यहां आपको बताएंगे मटर की टॉप किस्मों Pea Varieties के बारे में। जानें

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Pea Varieties | कई क्षेत्रों में खरीफ फसलों (सोयाबीन, मुंग, उड़द व मक्का) की कटाई का काम लगभग शुरू हो चुका हैं। साथ ही मंडियों में उपज की आवक भी शुरू हो चुकी है।

खरीफ सीजन के बाद कई किसान मटर की खेती करना पसंद करते है। ऐसे में उन किसानों को उन्नत किस्मों की मटर की जानकारी अवश्य होना चाहिए।

मटर एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है, जो विभिन्न व्यंजनों में उपयोग की जाती है। यही कारण है की, पूरे सालभर बाजारों में मटर की अच्छी डिमांड रहती है।

अगर आप भी खरीफ फसलों की कटाई के बाद मटर की फसल Pea Varieties लगा रहे है, तो यहां हम आपको बताएंगे की मटर की कुछ चुनिंदा अगेती किस्मों के बारे में।

जो इस माह यानी सितंबर के अंतिम सप्ताह में बो सकते है और अच्छा मुनाफा कमा सकते है। आइए जानते है चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में पूरी जानकारी…

मटर की टॉप किस्में

Pea Varieties | जिन क्षेत्रों में सोयाबीन, मूंग, उड़द व मक्का की फसल की कटाई हो रही है व जिन क्षेत्रों में सोयाबीन-मटर – गेहूं या सोयाबीन-मटर – ग्रीष्मकालीन मूंग फसल चक्र का उपयोग किया जाता है, उन क्षेत्रों में मटर की अगेती किस्मों की बुवाई करें। यहां नीचे जानें मटर की उन्नत किस्मों की जानकारी..

शीघ्र पकने वाली किस्में आर्किल, जवाहर मटर-3, पंत मटर-2, पीएसएम-5, काशीनंदिनी, काशी अगेती हैं। ये बुवाई के 60 से 65 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं।

इनकी बुवाई सितंबर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक करें। मध्य अवधि में पकने वाली किस्में बोनविले, काशी शक्ति, जवाहर मटर-4, मटर-3 आजाद हैं। : Pea Varieties

ये बुवाई के बाद लगभग 85 से 90 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं। देरी से पकने वाली किस्में आजाद मटर-1, जवाहर मटर-2 हैं।

ये बुवाई के बाद 100 से 110 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार होती हैं। मध्यम व देर से पकने वाली प्रजातियों की अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह में बुवाई करें।

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मटर की खेती के लिए बीज की मात्रा व उपचार

Pea Varieties | शीघ्र प्रजाति की बीज दर 100 से 120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर, मध्यम व विलंब प्रजाति की बीज दर 80 से 90 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें।

बीज को बुवाई पूर्व फफूंदनाशक कार्बेन्डाजिम मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज दर से उपचारित करें। उसके बाद राइजोबियम कल्चर 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।

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खाद व उर्वरक का कितना उपयोग करें..

Pea Varieties | अंतिम बखरनी के समय 15 से 20 टन प्रति हेक्टेयर अच्छी सड़ी गोबर खाद डालें व रासायनिक खाद यूरिया 40 किलोग्राम, सिंगल सुपर फास्फेट 375 किलोग्राम एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किलोग्राम बुवाई के समय दें।

खरपतवार नियंत्रण के लिए यह करें

मटर की बुवाई के 1-2 दिन के अंदर खरपतवारनाशक दवा पेंडामिथलीन 30 ईसी 3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर घोल बनाकर छिड़कें। सब्जियों में समसामयिक सलाह… फूलगोभी / पत्तागोभी का अगस्त में डाला गया रोपा एक माह का हो गया हो तो उसे खेत में कतार से कतार दूरी 40 सेंटीमीटर और पौध से पौध की दूरी 30 सेंटीमीटर पर लगाएं। : Pea Varieties

पालक की बुवाई का उपयुक्त समय सितंबर से नवंबर है। एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 40 किलोग्राम बीज, कतार से कतार दूरी 20 से 30 सेंटीमीटर व पौध से पौध की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर पर करें।

अगर आप गाजर की अगेती खेती कर रहे है, गाजर की पूजा केसर व पूसा मेघाली अगेती किस्मों को सितंबर के अंतिम सप्ताह में बोएं।

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