मध्यप्रदेश के आलू उत्पादक किसानों को अब आलू के अच्छे भाव मिलेंगे। Potato Farming 2023 – सरकार ने यह व्यवस्था शुरू की…
Potato Farming 2023 : रबी सीजन में आलू की खेती होती है। इस वर्ष आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र एवं राज्य सरकार की नई व्यवस्था के अनुरूप अब किसानों का आलू डायरेक्ट विदेशों में निर्यात किया जा सकेगा, जिससे किसानों को आलू के भाव अच्छे मिलेंगे। सरकार की इस योजना का क्रियान्वयन हो चुका है। आइए जानते हैं सरकार की इस पूरी योजना एवं आलू की खेती Potato Farming 2023 के बारे में विस्तृत से…
एमपी का आलू विदेशों में निर्यात होगा
भारत का Potato Farming 2023 देसी आलू विदेशियों को पसंद आ रहा है। भारत ने पहली बार गुयाना को आलू निर्यात करना शुरू किया है। खास बात यह है कि यह आलू किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से निर्यात होगा। मतलब एफपीओ (FPO) आलू की खरीदी करेंगे एवं उसे विदेशों में निर्यात करेंगे। इसका फायदा यह होगा कि आलू के भाव अच्छे मिलेंगे। यह आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छा संकेत है। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से देश को निर्यात के लिए नए बाजार पाने में मदद मिलेगी।
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2 कंटेनर आलू विदेश रवाना हुए
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा, मध्य प्रदेश के किसान उत्पादक संगठन (FPO) से सीधे प्राप्त आलू के दो कंटेनर गुयाना को निर्यात किए गए हैं। इस तरह एक नए बाजार को एक नया उत्पाद निर्यात किया गया। अग्रवाल ने कहा कि जैविक उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कोरिया के साथ एक पारस्परिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। समझौते पर इस साल हस्ताक्षर होने की संभावना है। उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, असम और ओडिशा में कुल आलू एरिया का 80% से अधिक और देश में कुल आलू Potato Farming 2023 क्षेत्र का लगभग 33% कवर करती है।
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किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की भूमिका बढ़ेगी
आलू निर्यात को लेकर नई व्यवस्था में मध्य प्रदेश के किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की भूमिका बनने वाली है। किसान सीधे एफपीओ को आलू Potato Farming 2023 बेचेंगे यहां से एफपीओ आलू को विदेशों में निर्यात करेंगे। हाल ही में इसकी शुरुआत हो गई है। एफपीओ से सीधे प्राप्त आलू के दो कंटेनर गुयाना को निर्यात किए गए हैं। इस तरह एक नए बाजार को एक नया उत्पाद निर्यात किया गया।
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आलु की खेती के लिए आवश्यक बाते…
Potato Farming 2023 आलू कंदवर्गीय फसल है। इस के लिए बलुई दोमट मिट्टी सब से अच्छी मानी जाती है। अप्रैल–मई माह में खेत की गहरी जुताई कर उसे खुला छोड़ दें, ताकि उस में जो भी हानिकारक कीट या बीमारियां हैं, वे खत्म हो जाती हैं। वहीं बारिश में उसी में जुताई कर हरी खाद में ढेंचा या सनई की बोआई कर दें, फिर उस को 35-40 दिन बाद रोटावेटर से खेत की जुताई कर दें।
आलू की बंपर पैदावार के लिए उन्नत तकनीक
मध्य प्रदेश में आलू Potato Farming 2023 शीत ऋतु के दौरान कम तापक्रम एवं लघु दिवस अवधि में अक्टूबर से फरवरी/ मार्च तक लगाया जा सकता है। इस क्षेत्र में आलू फसल की वृद्धि हेतु अनुकूल परिस्थितियां शीत ऋतु के दौरान मिलती हैं जैसे कि प्रचुर सूर्य प्रकाश, अनुकूल तापक्रम एवं पाला व पछेती झुलसा की आशंका में कमी। एमपी में सर्दी मंद होती है जबकि आलू के पूर्व व उपरांत मौसम उत्तर-पश्चिमी मैदानों के समान होता है।
म.प्र. के कुछ क्षेत्रों में फसल वृद्धि के अंतिम 30 दिनों के दौरान रात का न्यूनतम तापमान 10°C से अधिक होता है जिसके कारण उत्पादित कंद उच्च शुष्क पदार्थ(>20%) एवं निम्न अपचयित शर्करा वाले होते हैं जो कि Potato Farming 2023 प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त होते है।
बीज चयन एवं बुवाई
आलू की खेती Potato Farming 2023 के लिए उन्नत किस्मों का चयन एवं बुवाई तिथि में परिवर्तन से एक उच्च परास तक उत्पादकता में गिरावट को रोका जा सकता है। अत: आलू की ऐसी किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता है जो कि उच्च तापक्रम के लिए अनुकूल होने के साथ-साथ उच्च कंद उत्पादन दर वाले हों। (दुआ एवं अन्य 2018)
Potato Farming 2023 उत्पादन हेतु किस्म का चयनः-
- केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला कृषकों की आवश्यकतानुरूप जैसे फसल तंत्र में उपयुक्त लघु एवं मध्यम अवधि किस्में एवं बाजार मांग के अनुसार आलू चिप्स, फ्रेंच फ्राई एवं अन्य शुष्कीकृत व डिब्बाबंद उत्पादों के निर्माण हेतु प्रसंस्करण आलू एवं एंटीऑक्सीडेंट (एंथोसाइनिन एवं कैरोटिनोइड) में वृद्धि कर पोषकों से भरपूर आलू, तथा लोहा एवं जस्ता अवयवों का जैव सुदृढ़ीकरण द्वारा समावेश वाली किस्मों को विकसित करता है।
- उत्पादन हेतु आलू Potato Farming 2023 किस्म का चयन मृदा एवम् जलवायु परिस्थितियों, बाजार मांग तथा रोगों जैसे पछेती झुलसा के प्रति सुग्राहिता जो कि आलू फसल को अधिकतम हानि पहुंचाती हैं आदि को ध्यान में रखकर किया जा सकता है।
- आलू किस्म जो कि चिप्स बनाने हेतु उगायी जा रही हैं उसके कन्द एक समान गोल/अण्डाकार, उथली आंखें होना चाहिये जबकि आयताकार एवम् उथली आंखों वाले कन्द की किस्में फ्रैंच फ्राई के लिये उपयुक्त मानी जाती हैं।
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आलू की यह किस्में अधिक पैदावार देगी
Potato Farming 2023 आलू उत्पादन की प्रमुख समस्याओं में स्वस्थ बीज की कमी, पिछेता झुलसा का प्रकोप, सिंचाई जल का अभाव, प्रसंस्कृति उत्पादों की बढ़ती मांग, उत्पादन की बढ़ती लागतें आदि हैं। आलू की अच्छी पैदावार लेने के लिए उन्नत किस्म के शुद्ध बीज का प्रयोग करना चाहिए ।
केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने विगत 4-5 वर्षों में कृषकों, उद्योगों एवं उपभोक्ताओं की वर्तमान आवश्यकता के अनुसार कुछ नई किस्मों का विकास किया है जिनका विवरण यहां दिया गया है।
Potato Farming 2023 अल्प अवधि वाली किस्में
कुफरी ख्याति :- यह एक शीघ्र परिपक्वता वाली (70-80 दिन) किस्म है। यह किस्म पछेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी है। यह किस्म अन्य अगेती किस्मों की तुलना में बुवाई के 60 एवम् 75 दिन के पश्चात् अधिक उत्पादन देती है।
Potato Farming 2023 इस किस्म के कन्द उत्तम भण्डारण गुणवत्ता वाले होते हैं जिनमें शुष्क पदार्थ की मात्रा (15%) होती है। इस किस्म के कन्द मध्यम-बडे, गोल अण्डाकार एवम् हल्के पीले गूदे वाले होते हैं जो कि भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त होते हैं। इस किस्म की उपज 40 टन प्रति हैक्टेयर होती है।
कुफरी लीमाः- इस किस्म का विकास केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने अंर्तराष्ट्रीय आलू केंद्र के सहयोग से किया है। यह शीघ्र परिपक्वता वाली (75-90 दिन) ताप सहनशील किस्म हैं और इसे गर्म क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। यह अगेती मौसम वाली उत्तर भारतीय मैदानी क्षेत्रों के लिये उपयुक्त किस्म हैं।
इस Potato Farming 2023 किस्म के कंद आर्कषक, सफेद से हल्के पीले, अंडाकार, उथली आंखों वाले एवं सफेद हल्के पीले गूदे वाले होते हैं। 19-20% शुष्क पदार्थ एवं पी वी एक्स, पी वी वाई विषाणु के प्रति प्रतिरोधी भी हैं। यह किस्म हॉपर एवं माईट के प्रति सहिष्णु है एवं इस किस्म में उत्तम भंडारण क्षमता पायी जाती है।
इस किस्म की उपज ताप तनाव के अन्तर्गत 15-20 दिवस अगेती बुवाई किये जाने पर 30-35 टन/है0 आती है।
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Potato Farming 2023 मध्यम अवधि किस्में-
कुफरी नीलकंठ :- यह एक भोज्य उपयोग हेतु मध्यम परिपक्वता अवधि वाली नवीन किस्म है। यह किस्म एंटीऑक्सीडेंट (एंथोसाईनिन 100 माइक्रोग्राम एवं केरोटीनॉइड्स 200 माइक्रोग्राम/100 ग्राम ताजे भार के अनुसार) से भरपूर एवं औसत उपज 35-38 टन/है0 है।
इस किस्म के कंद गहरे बैंगनी, अंडाकार, गहरी आंखों वाले, हल्का पीला गूदा, उत्तम भंडारण क्षमता, मध्यम शुष्क पदार्थ (18%) मध्यम सुसुप्तावस्था एवं उत्तम सुगन्ध वाले होते हैं। इसके कंद शीघ्र पकनेवाले एवं पकने के उपरांत रंग मलिनिकरण से मुक्त, हल्के गठन वाले होते हैं। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, उ0प्र0, उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ एवं इनके समान कृषि पारिस्थितिक परिस्थितियों वाले क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है।
आलू Potato Farming 2023 के बारे में हमेशा भ्रांति रहती है कि यह कार्वोहाइड्रेट युक्त जंक खाद्य पदार्थ है इसलिए इस संदर्भ में आलू में एंटीआक्सीडेंट का जैव सुदृढ़ीकरण द्वारा पोषक वर्धन इसकी पोषण महत्ता स्थापित करता है व उपभोक्ताओं के मध्य लोकप्रियता भी बढ़ाता है।
कुफरी मोहन :- यह एक मध्यम परिपक्वता, उच्च उपजशील भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त आलू की किस्म हैं जो कि सिंधु गंगा के मैदानी क्षेत्रों (उत्तरी एवं पूर्वी) में उत्पादन हेतु अनुकूल है। पिछेती झुलसा के प्रति मंद प्रतिरोधी इस किस्म के कंद अंडाकार, उथली आंखों वाले एवं सफेद गूदे वाले होते हैं।
इस Potato Farming 2023 किस्म की भंडारण क्षमता उत्तम होती है एवं कंद मध्यम शुष्क पदार्थ (16-18%) वाले होते हैं। इस किस्म की उपज 35-40 टन प्रति हैक्टेयर होती है एवं उपयुक्त सस्य क्रियाओं को अपनाये जाने पर 90 प्रतिशत से अधिक बाजार में विपणन योग्य कंद प्राप्त होते हैं।
कुफरी हिमालिनी :- यह मध्यम परिपक्वता वाली Potato Farming 2023 किस्म भारतीय पहाडी क्षेत्रों के लिये उपयुक्त हैं। यह किस्म उत्तर मध्य मैदानी क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती हैं। यह किस्म पछेती झुलसा के प्रति पत्तियों में उच्च स्तरीय प्रतिरोधकता एवं कंदों में मध्यम प्रतिरोधकता वाली है। इस किस्म के कंद मध्यम आकार वाले, अंडाकार, सफेद, हल्के पीले गूदे वाले तथा उत्तम गुणवत्ता वाले होते हैं। यह किस्म अनुकूलतम सस्य क्रियाओं के साथ 30-35 टन/है0 उपज देने में सक्षम हैं।
कुफरी गंगा :- यह मध्यम परिपक्वता वाली मुख्य मौसम की फसल के रूप में ली जाने वाली भोज्य आलू की किस्म हैं। यह किस्म उच्च कंद उत्पादन, पछेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधकता, उत्तम भंडारण क्षमता एवं उत्तर मैदानी क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है।
इस किस्म के कंद सफेद हल्के पीले, अंडाकार एवं एक समान आकार एवं उथली आंखों वाले व सफेद हल्के पीले गूदे वाले होते हैं। यह किस्म अनुकूलतम सस्य क्रियाओं के साथ 30-35 टन/है0 उपज देने में सक्षम हैं।
कुफरी करण :- यह एक मध्यम परिपक्वता वाली पिछेती झुलसा प्रतिरोधी किस्म है यह किस्म विभिन्न रोगों जैसे पिछेती झुलसा, शीर्ष पर्ण कुंचन विषाणु, आलू विषाणु बाई, एस, ए, एम, एवं आलू पर्ण मोड़क विषाणु के प्रतिरोधी होने के साथ-साथ आलू सूत्रकृमि के लिए मंद प्रतिरोधी है।
इसमें शुष्क पदार्थ 18% होता है। यह किस्म लगभग 30 टन/हेक्ट. उत्पादन देती है व भारतीय पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और मध्यप्रदेश में भी उगायी जा सकती है।
कुफरी फ्रायोम :– यह एक मध्यम परिपक्वता वाली प्रमुख उच्च उत्पादकता युक्त प्रसंस्करण आलू Potato Farming 2023 की किस्म है जो कि उत्तर पश्चिमी एवं मध्य मैदानी क्षेत्रों एवं समरूप सस्य पारिस्थितिक क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इस किस्म का पौधा लंबा, ओजपूर्ण एवं अर्द्ध-सघन आच्धादन एवं पिछेती झुलसा के लिए प्रतिरोधी है इसके कंद सफेद, हल्के पीले, लंबाकार होते हैं। जिसका गूदा सफेद एवं आंखे उथली होती है
इस किस्म की भण्डारण क्षमता अतिउत्तम है तथा कंदो की सुसुप्तावस्था भी 10 सप्ताह से अधिक होती है एवं कंद शुष्क पदार्थ (20%) एवं अपचयित शर्करा निम्न (<150 मि.ग्रा./100) होती है। इस किस्म की उपज 30-35 टन/हेक्टेयर एवं प्रसंस्करण हेतु उपयुक्त कंदों का प्रतिशत अधिक (>80%) होता है इस किस्म के कंदो से उत्तम गुणवत्ता की फ्रेंच फ्राई बनाई जा सकती है।
कुफरी संगम :– यह एक मध्यम परिपक्वता वाली प्रमुख उच्च उत्पादकता युक्त बहू उद्देशीय (सब्जी एवं प्रसंस्करण) आलू की किस्म है जो कि उत्तर पश्चिमी एवं मध्य मैदानी क्षेत्रों एवं समरूप सस्य पारिस्थितिक क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इस किस्म का पौधा मध्यम लंबा, ओजपूर्ण एवं पूर्ण-सघन आच्छादन एवं पिछेती झुलसा के लिए प्रतिरोधी है
इसके कंद सफेद, हल्के पीले, अंडाकार होते हैं। जिसका गूदा सफेद क्रीम एवं आंखे उथली होती है इस किस्म की भण्डारण क्षमता अति उत्तम है। कंदो की सुसुप्तावस्था 10 सप्ताह से अधिक होती है एवं कंद शुष्क पदार्थ सामान्य (18-20%) एवं अपचयित शर्करा निम्न (<150 मि.ग्रा./100) होती है।
किसान इन बातों का भी ध्यान रखे
Potato Farming 2023 मध्यप्रदेश के कृषक अपनी पसन्द जैसे मालवा क्षेत्र के लिये प्रसंस्करण किस्म, लघु एवम् मध्यम अवधि किस्में आदि के आधार पर किस्मों का चुनाव कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कृषक मध्य प्रदेश के चम्बल, परिक्षेत्र एवम् इसके समीपस्थ क्षेत्रों में बीज उत्पादन के लिये इन किस्मों का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि यह क्षेत्र अक्टूबर मध्य से जनवरी मध्य तक निम्न माहू संख्या एवम् कन्द व मृदाजनित बीमारियां कम होने (पारिस्थितिकी वश) के कारण बीज उत्पादन हेतु देश में सर्वोत्तम है।
एमपी के इन जिलों में होती है आलू की खेती
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश का मालवा क्षेत्र आलू उत्पादन Potato Farming 2023 में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्र इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर हैं एवं अन्य गौण क्षेत्र छिंदवाडा, सीधी, सतना, रीवा, सरगुजा, राजगढ, सागर, दमोह, जबलपुर, पन्ना, मुरेना, छतरपुर, विदिसा, रतलाम, बैतूल एवं टीकमगढ हैं। इंदौर जिला अकेले ही आलू के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में लगभग 30 प्रतिशत योगदान देता है।
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