कृषि विभाग के वैज्ञानिकों से जानें – रबी फसलों में कौन कौन सा कब कब उर्वरक (Rabi Crop Fertilizer) का इस्तेमाल करना चाहिए।
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Rabi Crop Fertilizer | खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसानों ने रबी फसलों की बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है। पैदावार बढाने के लिए रबी फसलों में मुख्य तौर पर खाद एवं उर्वरक का उपयोग किया जाता है।
फसल की उपज बढ़ाने के लिए किसान डीएपी, यूरिया, एनपीके एवं पोटाश सहित कई खाद एवं उर्वरकों का इस्तेमाल करता है। लेकिन आपको बता दें की, खाद एवं उर्वरक का उपयोग संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए।
कृषि विभाग द्वारा खाद एवं उर्वरक के इस्तेमाल को लेकर किसानों को हिदायत दी जा रही है। कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया – किसानों को खाद एवं उर्वरक का उपयोग कब कब करना चाहिए।
आइए जानते है संतुलित मात्रा में खाद Rabi Crop Fertilizer का उपयोग कब एवं किस तरह करना चाहिए….
डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक सबसे अच्छा विकल्प
Rabi Crop Fertilizer | कृषि विभाग के अधिकारी ने उर्वरक उपयोग करने के लिये किसानों को सलाह दी है कि गेहूं फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करने हेतु डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक सबसे अच्छा विकल्प है।
सिंचित गेहूं की फसल के लिये नाइट्रोजन 120 किग्रा प्रति हेक्टेयर, फास्फोरस 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर और पोटाश 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर के मान से आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति कृषक डीएपी के अतिरिक्त विभिन्न उर्वरक विकल्प के माध्यम से कर सकते हैं।
युरिया 213 किलो, एनपीके 187 किलो, एमओपी 17 किलो प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। इसी तरह युरिया 260 किलो, एसएसपी 375 किलो, एमओपी 66 किलो प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। : Rabi Crop Fertilizer
क्यों उपयोग करे डीएपी की जगह एनपीके खाद
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक श्री आरपीएस नायक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बाजार में एनपीके के विभिन्न विकल्प 12:32:16 या 10:26:26 एवं 16:16:16 एवं 20:20:0:13 के नाम से उपलब्ध है।
बुवाई के समय एनपीके से फसलों में संतुलित मात्रा में पोषक तत्व आधार रूप से पौधे को उपलब्ध हो जाते हैं। इसके उपयोग से अलग से अन्य खाद की मात्रा देने की आवश्यकता नहीं होती है। : Rabi Crop Fertilizer
संतुलित उर्वरक के उपयोग से उत्पादन लागत में कमी होती है और साथ ही उत्पादकता में वृद्धि होती है। इसलिये किसान डीएपी उर्वरक के स्थान पर एनपीके उर्वरक का उपयोग करें। मिट्टी परीक्षण के अनुशंसा अनुसार संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करें।
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खाद एवं उर्वरक के इस्तेमाल को लेकर उचित सलाह
Rabi Crop Fertilizer | किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक श्री आरपीएस नायक ने आगे बताया की, भारत सरकार द्वारा मृदा का स्वास्थ्य अच्छा रहे एवं वातावरण प्रदूषित न हो, को ध्यान में रखकर नेनो युरिया एवं नेनो डीएपी के उपयोग की सलाह दी जा रही है।
इसलिये किसानों को सलाह है कि गेहूं फसल में दूसरी एवं तीसरी सिंचाई में दानेदार युरिया के स्थान पर नेनो युरिया का उपयोग करें, जिससे कृषि में लागत भी कम होगी और उत्पादन में भी अपेक्षाकृत वृद्धि होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में किसानों के द्वारा रबी की बुवाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। अच्छे बीज के साथ साथ संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन भी बहुत जरुरी है। : Rabi Crop Fertilizer
जब पोषक तत्वो के प्रबंधन की बात आती है तो किसान भाइयों को सबसे पहले जो दो उर्वरक नजर आते है- यूरिया और DAP। इन दोनों उर्वरको से पौधों को केवल नाइट्रोजन और फॉस्फोरस मिलते है।
हवा और पानी से मिलने वाले तत्वों को छोड़ दिया जाए तो 12 और पोषक तत्व है जिनकी जरुरत पौधों को होती है। जिसमे पोटाश, कैल्शियम, मैग्नेसियम, सल्फर और बाकी सूक्ष्म पोषक तत्व है।
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जब DAP (Rabi Crop Fertilizer) का उपयोग किया जाता है तो केवल दो पोषक तत्व ही पौधों को मिलते है। DAP में दो मुख्य पोषक तत्व होते है 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 46 प्रतिशत फॉस्फोरस। जबकि सुपर फॉस्फेट को एक फॉस्फोरस वाले उर्वरक के रूप में जाना जाता है जिसमे 16 प्रतिशत फॉस्फोरस होता है।
लेकिन इसके साथ दो पोषक तत्व और भी खेत में जाते है एक सल्फर (11 प्रतिशत) और दूसरा कैल्शियम (21 प्रतिशत)। आजकल जिंक और बोरोन युक्त सुपर फॉस्फेट भी बाजार में उपलब्ध है, जिससे इन पोषक तत्वों की पूर्ति भी जमीन में हो जाती है जो की अलग से किसान केवल कुछ नकदी फसल के अलावा उपयोग नहीं करता है। : Rabi Crop Fertilizer
मिट्टी परिक्षण के आंकड़े बताते है की भारत में बहुतायत में गंधक, जिंक और बोरोन की कमी दिखने लग गयी है। जिसका पता आसानी से किसान को नहीं लगता है क्योकि सभी फसल में इन पोषक तत्वों की कमी के लक्षण स्पष्ट रूप से नहीं दिखते है।
लेकिन अंतिम परिणाम उपज की कमी के रूप में जरूर दिखाई देते है। सही उपज की प्राप्ति के लिए खाद और उर्वरको और पोषक तत्वों की सही मात्रा का उपयोग करना आवश्यक है।
दलहन और तिलहन फसलों में सल्फर बहुत ही आवश्यक है जो उपज में प्रोटीन और तेल की मात्रा को बढ़ाते है वहीँ बाकि फसलों में क्लोरोफिल की मात्रा को बढाकर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ाता है जिससे ज्यादा भोजन बनता है विकास अच्छा होता है और अंत में उपज भी अच्छी मिलती है। : Rabi Crop Fertilizer
नाइट्रोजन और फॉस्फोरस DAP से दें या यूरिया और सुपर फॉस्फेट से देवे या NPK 12 : 32 :16 से पौधे उसको एक ही तरीके से लेते है। DAP के प्रति आपका ज्यादा लगाव आपको ठगी की और ले जाता है जब कोई DAP के स्थान पर कुछ और ही दे देता है।
पौधों को पोषक तत्वों की सही मात्रा दी जानी चाहिए फिर वो 12:32:16 हो या सुपर फॉस्फेट इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। लगभग 1 किलो DAP (कीमत 27रुपए) के स्थान पर आप 400 ग्राम यूरिया (कीमत 2.35 रुपए) और 2 किलो 875 ग्राम सुपर फॉस्फेट(कीमत 25.35) कुल 27.70 का उपयोग करके बेहतर परिणाम कम खर्च में प्राप्त कर सकते है। : Rabi Crop Fertilizer
सुपर फॉस्फेट उपयोग करने वाले किसानो को अलग से सल्फर देने की जरुरत नहीं है। इसलिए ज्यादा पैसा खर्च करने की जगह संतुलित पोषक तत्वों को देने पर खर्च कर ज्यादा लाभ मिलेगा।
बता दें की, उज्जैन जिले में इस वर्ष रबी मौसम में 471550 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। जिले में मुख्य रूप से गेहूं की फसल है। इसके लिये 440000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। : Rabi Crop Fertilizer
रबी फसलों की बुवाई से पहले जरूर करें ये काम
Rabi Crop Fertilizer | रबी फसलों की बुवाई को लेकर कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। कृषि विभाग ने कहा कि फसल सुरक्षा के लिए किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध है कि बीजोपचार करके ही बीज की बुआई करें।
बता दें कि फसल में रोग के कारक फफूंज रहने पर फफूंदनाशी से जीवाणु रहने पर जीवाणुनाशक से, सूत्रकृमि रहने पर सौर उपचार या कीटनाशी से उपचार किया जाता है। मिट्टी में रहने वाले कीटों से बीज सुरक्षा के लिए कीटनाशी से बीज उपचार किया जाता है।
वैज्ञानिक तरीकों से बीजोपचार करने में 1 रुपये खर्च करते हैं तो फसल सुरक्षा में की जाने वाली खर्च में 10 रुपये की नेट बचत होती है। इससे किसान का मुनाफा बढ़ेगा। इसलिए किसान भाई बीजोपचार करके ही बीज की बुआई करें। : Rabi Crop Fertilizer
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