कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीनोम संपादित चावल की दो किस्मों (Rice New Varieties) का किया लोकार्पण, देखें डिटेल..
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Rice New Varieties | देश में धान की खेती रवि एवं खरीफ दोनों सीजन के दौरान होती है। अन्य फसलों की तुलना में धान का रकबा सबसे अधिक रहता है। कृषि वैज्ञानिक धान की नई-नई किस्में विकसित कर धान उत्पादक किसानों की आर्थिक उन्नति में सहायक बन रहे हैं।
हाल ही में आईसीएआर के कृषि वैज्ञानिकों ने धान की दो नई किस्म को विकसित किया है। इन किस्मों की प्रमुख विशेषताओं की बात की जाए तो यह किस्में कम दिनों में पककर तैयार होगी एवं उत्पादन भी अधिक देगी। जानते हैं इन किस्मों (Rice New Varieties) के बारे में डिटेल..
कृषि मंत्री ने वैज्ञानिकों को सम्मानित किया
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के नई दिल्ली स्थित भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी कॉम्प्लेक्स में देश में विकसित विश्व की पहली दो जीनोम संपादित चावल की किस्मों (Rice New Varieties) का लोकार्पण किया और वैज्ञानिक शोध की दिशा में नवाचार की शुरुआत की।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों और किसानों ने कार्यक्रम में शिरकत की। श्री चौहान ने दोनों किस्मों के अनुसंधान में योगदान करने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।
डीआरआर धान 100 (कमला) के अनुसंधान में योगदान के लिए डॉ. सत्येंद्र कुमार मंग्राउथिया, डॉ. आर.एम सुंदरम, डॉ. आर. अब्दुल फियाज, डॉ. सी. एन. नीरजा और डॉ. एस.वी. साई प्रसाद तथा पूसा डीएसटी राइस के लिए डॉ. विश्वनाथन सी, डॉ. गोपाल कृष्णनन एस. Rice New Varieties
डॉ. संतोष कुमार, डॉ. शिवानी नागर, डॉ. अर्चना वत्स, डॉ. रोहम रे, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. प्रांजल यादव व अन्य संयोजकों जिसमें राकेश सेठ, ज्ञानेंन्द्र सिंह और सत्येंद्र मंग्राउथिया को सम्मानित किया गया। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का विकसित भारत का संकल्प पूरा हो रहा है और किसान समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि विश्व की पहली जीनोम-संपादित धान की दो किस्मों ‘DRR Dhan 100 (Kamala)’ और ‘Pusa Rice DST1’ का लोकार्पण किसानों को आत्मनिर्भर तथा समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। Rice New Varieties
इन किस्मों की प्रमुख विशेषताएं
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री ने कृषि की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों से आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान किया था, उन्हीं के शब्दों को प्रेरणा का रूप देते हुए आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने नई किस्सों (Rice New Varieties) का इजाद कर कृषि क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि अर्जित की है।
उन्होंने कहा कि इन नई फसलों के विकसित होने से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, साथ ही पर्यावरण के संदर्भ में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। इससे ना केवल सिंचाई जल में बचत होगी, बल्कि ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन से पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव में भी कमी आएगी। यानि आम के आम और गुठलियों के दाम के समान लाभ पहुंचेगा।
धान की नई किस्मों (Rice New Varieties) के बारे में कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि यह दोनों किस्में 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने में सक्षम हैं। इतना ही नहीं, यह किस्में धान की अन्य किस्मों की तुलना में 20 दिन पहले तैयार हो जाती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को अगली फसल की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उत्पादन लागत में कमी आएगी।
धान का रब्बा कम करके उत्पादन बढ़ाना प्रमुख उद्देश्य
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोयाबीन, अरहर, तुअर, मसूर, उड़द, ऑयल सीड की किस्मों सहित दलहन और तिलहन के उत्पादन की दिशा में वृद्धि के लिए हमें और आगे कदम बढ़ाना होगा। श्री चौहान ने यह भी कहा कि हमें माइनस 5 और प्लस 10 के फॉर्मूले को अपनाते हुए काम करना होगा। इस फॉर्मूले का मतलब है 50 लाख हेक्टेयर चावल का एरिया कम करना है और एक करोड़ टन चावल का उत्पादन उतने एरिया में ही बढ़ाना है। Rice New Varieties
ICAR अच्छे किस्म के बीजों को छोटे किसानों तक पहुंचायें
Rice New Varieties ; कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन अनुसार इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशकों के साथ लंबा विचार विमर्श किया।
कृषि मंत्री ने आईसीएआर के विभिन्न प्रभागों द्वारा किए जा रहे शोध प्रयोगों की जानकारी लेने के साथ ही भावी रणनीतियों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन दिया। इस दौरान श्री चौहान ने कहा कि बीजों की नई किस्मों का विकास हो और ये किसानों तक जल्दी पहुंचे, इस बात की कोशिश होनी चाहिए।
देशभर के बीज केंद्र प्रभावी भूमिका निभाते हुए काम करें। विशेषकर यह सुनिश्चित हो छोटे और सीमांत किसानों तक प्रौद्योगिकी का फायदा ज्यादा से ज्यादा और जल्दी पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब अंतिम पंक्ति का किसान समृद्ध बनेगा, तभी सही मायनों में विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा। Rice New Varieties
उन्होंने प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर बीज किस्में विकसित करने पर जोर दिया, साथ ही कृषि प्रगति में नवाचारों को बढ़ावा देने और आगामी वर्षों में आशाजनक परिणाम प्राप्त करने को केंद्र में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
दलहन में मेढ़ वाली किस्म विकसित करें वैज्ञानिक
कृषि मंत्री श्री चौहान ने अच्छी किस्म के बीज विकसित करने की दिशा में पूरी प्राथमिकता और समर्पण से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने दलहन में मेढ़ वाली किस्म विकसित करने पर भी जोर दिया। Rice New Varieties
सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने पर विशेष जोर देते हुए कृषि मंत्री ने इस दिशा में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के साथ चर्चा की बात कही। श्री चौहान ने सोयाबीन की खेती को खरीफ फसल की बुआई के दौरान बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास करने के लिए कहा।
श्री चौहान ने कहा कि गेहूं और चावल के साथ, दलहन, तिलहन व मोटे अनाजों की उपज पर भी जोर देने की आवश्यकता है। कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा कि मृदा परीक्षण किसानों के अपने खेतों में ही करने के प्रयास होने चाहिए। इस दौरान आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम. एल जाट सहित सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। Rice New Varieties
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