नन्हीं बालिका ने सोयाबीन का भाव ₹6000 करने की जोरदार तरीके से मांग की, वायरल हुआ वीडियो देखें.

सोयाबीन का भाव Soyabean Rate बढ़ाने को लेकर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं आप भी देखें नन्हीं बालिका का वीडियो…

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Soyabean Rate | मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती सबसे अधिक होती है। सोयाबीन के भाव बढ़ाने के लिए प्रदेश के किसान ज्ञापन देकर मांग कर रहे हैं।

किसानों की मांग एक ही सोयाबीन के भाव ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाए। इसी दौरान सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं इनमें से एक हनी बालिका का वीडियो वायरल हो रहा है।

वीडियो में नन्हीं बालिका जोरदार तरीके से किसानों का पक्ष रखते हुए नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो किसान जोरदार तरीके से शेयर कर रहे हैं।

सोयाबीन भाव को लेकर Soyabean Rate क्या कुछ हो रहा है, किसानों की मांगे क्या-क्या है एवं वायरल वीडियो देखें..

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किसानों की यह है मांगे

किसान बताते हैं कि सोयाबीन फसल के भाव आज 10 वर्षों के पूर्व भाव 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच चुके हैं, लेकिन डीजल, कीटनाशक दवाइयां, मजदूरी, ट्रैक्टर भाड़ा सभी दो गुना हो चुके हैं।

इस हिसाब से सोयाबीन भाव Soyabean Rate किसानों को 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल मिलना चाहिए, जो किसान लीज पर जमीन लेकर खेती कर रहे हैं, उन्हें तो आज के इस भाव में नुकसान की भरपाई घर से रुपए लगाकर करना पड़ रही है।

किसानों का कहना है कि सरकार ने ट्रैक्टर कृषि यंत्र कीटनाशक दवाई खेती में उपयोग की जाने वाली मशीनरी सभी उपकरण पर जीएसटी लगाई है। लेकिन सरकार को किसानों की सोयाबीन 10 साल पुराने रेट में चाहिए। वहीं सरकार को पाम तेल सोयाबीन तेल आयात को भारत में पूरी तरह से बंद करना चाहिए एवं सोयाबीन को ज्यादा से ज्यादा निर्यात करना चाहिए। जिससे सोयाबीन के भाव किसानों को अच्छे मिल सकेंगे।

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समर्थन मूल्य 4892 रु. मंडी में भाव 4000

किसानों ने बताया कि आज सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 प्रति क्विंटल Soyabean Rate तय किया है। लेकिन मंडी में सोयाबीन आज भी 4000 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। किसानों ने बताया कि सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं की जाती है इसके बावजूद सरकार समर्थन मूल्य घोषित करती है जिसका कोई फायदा किसानों को नहीं मिलता।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन

सोयाबीन के दाम घटने के कारण किसानों में नाराजगी देखी जा रही है। इसको लेकर भारतीय किसान संघ के तत्वावधान जिला स्तर पर एवं तहसील स्तर पर अधिकारियों को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है। ज्ञापन में सोयाबीन का भाव बढ़ाने से लेकर किसानों की यह भी मांग है कि भारत में पाम तेल व सोयाबीन तेल Soyabean Rate के आयात को पूरी तरह बंद करने और सोयाबीन का उचित मूल्य देने की मांग की गई।

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सोशल मीडिया बना विरोध का जरिया, वायरल वीडियो देखें

मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में अव्वल है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सोयाबीन की खेती करने वाले किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। किसानों को इतनी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है।

किसान संगठनों ने भी कई बार मांग की मगर उसकी लागत के अनुसार भाव नहीं मिले। अब किसानों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया जा रहा है। Soyabean Rate

किसानों के साथ-साथ अब किसान परिवार भी विरोध में उतर गए हैं। सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है आप भी इसे देखें..👇

 

₹6000 प्रति क्विंटल हो सोयाबीन का भाव

सोयाबीन की कीमतें Soyabean Rate 10 साल पहले 4 हजार थी। लेकिन किसानों को अपनी फसल 3 हजार से 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। सीजन की शुरुआत से पहले ही कीमतों में आई इस भारी गिरावट ने किसानों की आय पर गहरा असर डाला है।

किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार ने आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का एमएसपी 4850 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, लेकिन किसानों को वास्तविकता में इससे काफी कम दाम मिल रहे हैं। किसान अपने सोयाबीन 6000 प्रति क्विंटल से खरीदने के बात कह रहा है। किसानों ने बताया कि लागत से हिसाब से भाव नहीं मिलते हैं। Soyabean Rate

सोयाबीन की खेती का गणित

सोयाबीन की फसल Soyabean Rate पैदावार करने में किस तरह से लागत लगती हैं अगर एक बीघा के हिसाब से देखें तो जुताई एवं बुवाई का खर्च 1500 रुपए, बुवाई के समय बीज का खर्च 1400, निंदाई खर्च 1000, तीन बार दवाई का स्प्रे 1500, मजदूरों से कटाई का खर्च 1000 और थ्रेसर मशीन से निकलने का खर्च 1000 खेत से घर लाने का खर्च 500 और मंडी पहुंचने का खर्च 100 प्रति कुंटल का खर्च आता है। इस हिसाब से देखा जाए तो एक बीघा में सोयाबीन की खेती पर 8100 रुपए की लागत आती है।

Soyabean Rate ; सोयाबीन की उपज एक बीघा में अनुमानित तीन क्विंटल होती है। 3000 से 3500 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलने पर किसान को नाम मात्र की बचत होती है। वहीं दूसरी ओर यदि फसल बिगड़ जाए तो कर्ज हो जाता है। ऐसे में किसान क्या घर चलाएगा और क्या खर्चा करेगा।

रैली निकाल कर 8 सूत्री मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन जिला ईकाई उज्जैन के द्वारा उज्जैन कोठी रोड पर प्रदर्शन किया गया। इसमें जिलेभर से आए सैकड़ों किसानों ने रैली में भाग लिया। दशहरा मैदान से रैली शुरू हुई। जो कोठी स्थित कलेक्टर कार्यालय पहुंची।

यूनियन के जिला प्रवक्ता देवराम जाट ने बताया कि रैली निकालकर यूनियन जिलाध्यक्ष भगवानसिंह राजपूत के नेतृत्व मे 8 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। 

ज्ञापन में किसानों की सोयाबीन का समर्थन मूल्य Soyabean Rate 6000 रु. प्रति क्विंटल किया जाएं। किसान की उपज मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे कतई नहीं बिकना चाहिए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार लागू कर C2+50% लाभकारी मूल्य किसानों को प्रदान करें। एमएसपी गारंटी कानून लागू करें।

राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया जाएं। प्रदेश में नकली खाद बीज और कीटनाशकों के निर्माण और विक्रय पर पूर्ण नियंत्रण करें आदि मांगे यूनियन की और से रखी गई है। हमारी मांग नहीं मानी गई तो आने वाले दिनों में उम्र आंदोलन किया जाएगा। 

इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष दिलीप जाट, भरत पटेल तराना, जीवन शर्मा, ईश्वर जाट, जयराम गोदारा, अशोक जाट, अशोक शर्मा, मलखानसिंह रमेश जाट, मोहन जाट, महेश जाटवा आदि मौजूद रहे। Soyabean Rate

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