देश-विदेश में सोयाबीन के भावों में गिरावट, सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं और बढ़ेंगे तो कब तक, जानिए..

सोयाबीन के भाव Soybean bhav को लेकर किसानों में अभी भी जिज्ञासा है जानिए सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं..

Soybean bhav : भारत में सितंबर अक्टूबर माह के दौरान सोयाबीन की फसल कट जाती है। सोयाबीन की कटाई के बाद से लेकर अब तक सोयाबीन के भाव में बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं हुआ। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सोयाबीन के भाव कम बने हुए हैं। इतना ही नहीं इस वर्ष सोयाबीन के भाव पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1000 रुपए प्रति क्विंटल कम है। पिछले वर्ष जनवरी माह के दौरान सोयाबीन 5000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक के भाव पर बिक रहा था वहीं अब यह भाव 4400 प्रति क्विंटल के लगभग बना हुआ है।

भाव बढ़ने की आशा में पिछले वर्ष एवं इस वर्ष कई किसानों ने सोयाबीन स्टॉक कर रखा है। किसान सोयाबीन के भाव बढ़ने की राह देख रहा है। जबकि दूसरी ओर सोयाबीन का भाव देश के साथ-साथ विदेश में भी कम बना हुआ है, Soybean bhav  सोया तेल की भरमार है। प्लांट सोयाबीन प्लांट वालों की खरीदी सुस्त पड़ी हुई है सोयाबीन प्लांट वाले लगातार भाव काम करते जा रहे हैं। ऐसी दशा में सोयाबीन के भाव और कितना कम हो सकते हैं या बढ़ेंगे तो कब तक बढ़ेंगे एवं कितना बढ़ेंगे? चौपाल समाचार की इस खबर में आईए सब कुछ जानते हैं..

इस वर्ष सोया तेल एवं सोया डीओसी की मांग कम

इस वर्ष Soybean bhav में गिरावट की अनेक वजह बन रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो ब्राजील में फसल की कटाई 9.46 प्रतिशत हो गई है, जबकि गत वर्ष 5.05 प्रतिशत की हो सकी थी। इससे वैश्विक बाजारों में भारतीय खली की मांग प्रभावित होना स्वाभाविक है। अमेरिकी सोयाबीन को ब्राजील के सोयाबीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा करना पड़ रही है। बीत रहे सप्ताह में सोया वायदा लगातार छठे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुआ।

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आगे सोयाबीन के भाव क्या रहेंगे

Soybean bhav अगले माह से सरसों की फसल आना शुरू हो जाएगी। कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार देश में पहली बार रिकार्ड फसल उतरने जा रही है। इससे तेल उद्योग में घबराहट है। यही कारण है कि सोयाबीन के भाव घटते जा रहे हैं। दूसरी ओर सोया डीओसी का निर्यात पड़तल नहीं लगने से बंद है।

सोया डीओसी में लोकल एवं आसपास के देशों की मांग निकल सकती है। इसके अलावा नहीं। इस वजह से प्लांटों में स्टॉक बढ़ सकता है। यदि Soybean bhav के भाव अधिक मात्रा में टूटे तब अगले वर्ष बोवनी पर असर पड़ सकता है। वैसे भी भारतीय किसानों को अर्जेंटीना,अमेरिका एवं ब्राजील की फसल को देखकर उत्पादन बदलने की ओर रूख शुरू कर देना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि सोयाबीन के भाव आने वाले समय में भी कमजोर ही रहेंगे।

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2 वर्ष पहले सोयाबीन के भाव उच्च स्तर पर पहुंचे थे

Soybean bhav पिछले दशकों भारतीय सोयाबीन की जो खपत होती थी, अब नहीं रही। कभी-कभी विदेशी बाजारों में बड़ी तेजी आने पर लाभ भारतीय किसानों को मिल जाता है, किंतु यह अधिक लाभकारी साबित नहीं होता। पिछले वर्षों में पाम उत्पादक देशों द्वारा रमजान की वजह से आयात रोक दिया था। जिससे सभी तेल-तिलहनों के भाव सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए थे। उसी वर्ष सोयाबीन-सरसों ऊंचे भाव पर बिक गई थी। ऐसी परिस्थिति बार-बार नहीं बनती है। इसलिए सोयाबीन के भाव बढ़ने की संभावना कम है।

सोयाबीन के भाव की यह स्थिति कब तक रहेगी

Soybean bhav ब्राजील में सोयाबीन की कुल फसल कटकर नहीं आएगी, तब तक इसमें उत्पादन के आंकड़ों में घट-बढ़ बनी रहेगी।

राज्य एजेंसी डेरल के अनुसार ब्राजील के पराना राज्य में 2023-24 में सोयाबीन की फसल का अनुमान 2.48 एमएमटी से घटकर 19.24 एमएमटी कर दिया गया। यह शुरुआती अनुमान से 14 प्रतिशत कम है। लोकल में सोयाबीन की हालत आए दिन खराब होती जा रही है। प्लांट वाले खरीदी भाव घटाते जा रहे हैं। फरवरी माह के मध्य तक यही स्थिति रहने की संभावना जताई जा रही है। अर्थात फरवरी माह तक भारत में भी Soybean bhav की यही स्थिति रहेगी।

यूएसडीए की रिपोर्ट से भी व्यापारी असहमत

Soybean bhav अमेरिकी कृषि विभाग सेवा (एफएएस) की रिपोर्ट में ब्राजील 2023 24 सोयाबीन सीजन के लिए उत्पादन अनुमान 2022-23 की तुलना में 30 लाख टन बढ़कर 1610 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अल नीनो की वजह से सूखा और गर्म मौसम के साथ मिट्टी में नमी कम होने से उत्पादकता पूर्व अनुमान के मुकाबले कम रहने की संभावना है, जिससे अब उत्पादन अनुमान घटाकर 1350 लाख टन लगाया जाने लगा है। यूएसडीए की इस रिपोर्ट के बाद भी अभी बाजार में असमंजस्य की स्थिति है।

ब्राज़ील बना सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक देश

Soybean bhav ब्राजील, अमेरिका को पीछे छोड़ विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश हो गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान ब्राजील से सोयाबीन का निर्यात अमेरिका से 4.70 करोड़ टन की तुलना में 9.90 करोड़ टन निर्यात होने की भविष्यवाणी की गई। इसमें से अधिकांश सोयाबीन चीन की निर्यात होने का अनुमान है।

Soybean bhav ब्राज़ील सोयाबीन उत्पादक देश की श्रेणी में प्रथम आ गया है। ब्राजील में सोयाबीन के भाव कम होने के कारण अन्य देशों खासकर भारत में सोयाबीन के भाव पर बड़ा असर पड़ा। ज्ञात हो कि ब्राजील में सोयाबीन के भाव 38 से 40 डॉलर अर्थात 3158 से 3324 से रुपए प्रति क्विंटल के लगभग हैं।

सोयाबीन के वर्तमान भाव

Soybean bhav मंडियों में सोयाबीन बेस्ट 4700-4750 एवरेज 4500-4600 सरसों निमाड़ी 6300-6500 राइडा 4800-5000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बताए गए।

प्लांटों की सोयाबीन में खरीदी भाव

Soybean bhav बैतूल ऑयल सतना 4885 बैतूल 4840 अग्रवाल नीमच 4800 बंसल 4800 लाभांषी 4800 एमएस 4800 आरएच सिवनी 4900 अडानी विदिशा 4775 अवि 4750 धीरेंद्र सोया 4790 दिव्यज्योति 4725 हरिओम 4725 केएन इटारसी 4750 आयडिया 4750 केपी निवाड़ी 4775 खंडवा ऑयल्स 4775 लिविंग फूड 4750 मित्तल 4750 नीमच प्रोटिन 4775 राम जानकी 4725 सिंहल न्यूट्रीशंस 4750 सावरिया इटारसी 4775 सोनिक 4750 सालासर 4790 सूर्या फूड 4765 वर्धमान जावरा 4750 कालापीपल 4725 विप्पी 4720 रुपए।

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