सोयाबीन में नीचे की पत्तियां पीली पड़ रही है, ग्रोथ – बढ़वार नहीं हो रही है, यह दवाई डालें…

खरपतवार दवाई के साइड इफेक्ट से सोयाबीन की पत्तियां पीली पड़ रही, Soybean cultivation किसान साथी यह उपाय करें..

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Soybean cultivation | सोयाबीन की फसल इस समय 15 से 25 दिनों की हो गई है। अभी फसल में खरपतवार के लिए कुछ किसान निंदाई गुड़ाई या फिर डोरा/ कुल्पा चलाते है तो कई खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग करते है।

खरपतवार नाशक दवाई के छिड़काव के बाद कई इलाकों में सोयाबीन के पौधे में नीचे पत्तियां पीली पड़ रही है। जिससे पौधे की बढ़वार रुकने का डर रहता है। आज हम चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में आपको इसी समस्या का समाधान बताएंगे। अगर आपके खेत में भी सोयाबीन फसल Soybean cultivation की पत्तियां पीली पड़ रही है, तो आइए जानते है इसकी रोकथाम के लिए किसानों को क्या करना होगा।

पर्याप्त नमी में दवाई छिड़कने पर होगा नुकसान

Soybean cultivation | खरपतवार नाशक दवाई के इस्तेमाल के पश्चात कई क्षेत्रों से खबर आ रही है कि सोयाबीन के पत्ते मुरझा रहे हैं एवं पीले पड़ रहे हैं। यह स्थिति तब निर्मित होती है जब खरपतवार नाशक दवाई पर्याप्त नमी नहीं होने पर छिड़की जाए। इसके अलावा अमानक दवाइयों का इस्तेमाल एवं दो प्रकार की दवाइयों को एक साथ मिलाने पर भी सोयाबीन की फसल को नुकसान हो सकता है।

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सोयाबीन फसल के पत्ते सूख गए

किसान ने फसल खराब होने की सूचना कृषि विभाग के अधिकारियों सहित दुकानदार को दी है। गुलावता निवासी किसान प्रकाश पटेल खाती ने बताया कि करीब 4 दिन पहले सोयाबीन फसल Soybean cultivation में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए खरपतवार नाशक दवाई बीड ब्लॉक दवाई सारंगपुर की दुकान से लाकर के इस खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे किया था।

इस दवाई का स्प्रे सोयाबीन फसल के लिए किया जाता है, जिसमें खरपतवार की बजाय सोयाबीन की फसल सूखने लगी। इससे फसल खराब होने लगी है। पौधा पूरा तरह से सूखा नहीं है, लेकिन ऊपर से पत्ते मुरझा गए है।

दवाई छिड़कने के दौरान किसान इन बातों का ध्यान रखें

Soybean cultivation | कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खरपतवार नाशक दवाई चौड़े पत्ते को खत्म करती है। किसान खेतों में नमी होने के दौरान ही खरपतवार नाशक दवाई का छिड़काव (Spray) करें। क्योंकि सोयाबीन के पत्ते भी चौड़े होने के कारण उनके भी खत्म होने की संभावना रहती है। खरपतवार नाशक दवाई स्प्रे के दौरान जिन किसान भाइयों की फसलें मुरझा गई है। उनको सोयाबीन फसल में टॉनिक का स्प्रे करना चाहिए, जिससे अपनी सामान्य अवस्था में आ जाए।

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यह दवाई छिड़कने से मिलेगा फायदा 

एक विशेष बात यदि सोयाबीन की फसल में खरपतवार नाशक दवाई का इस्तेमाल करने के पश्चात दुष्प्रभाव दिखाई देता है तो खरपतवारों के पीले पड़ने के बाद आप सोयाबीन की फसल Soybean cultivation को स्वस्थ करने के लिए मल्टीप्लेक्स कंपनी का समरस (18 प्रकार के अमीनो एसिड), महावीरा कंपनी का Amitron L (25 प्रकार के अमीनो एसिड) 400 से 500 मिलीलीटर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करके अपनी फसल पर हुए दुष्प्रभाव को बहुत अच्छी तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।

किसान की 35 बीघा की सोयाबीन फसल खराब हुई

Soybean cultivation | सोयाबीन की फसल में खरपतवार नाशक दवाइयां किस प्रकार से फसल को नुकसान पहुंचती है इसका ताजा उदाहरण राजगढ़ जिले में देखने को मिला यहां पर एक किसान की 35 बीघा सोयाबीन की फसल खरपतवार नाशक दवाई छिड़कने के पश्चात खराब हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम गुलावता के किसान के खेत में विपरीत प्रभाव होने से 35 बीघा में बोई सोयाबीन की फसल खराब हो गई। किसान ने फसल के बीच उगे खरपतवार को सुखाने दवाई का दवाई का छिड़काव किया था। लेकिन खरपतवार नाशक दवाई खरपतवार पर असर ना करते हुए सोयाबीन के पौधे पर असर कर गई।

अमानक दवाई का उपयोग न करें

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सोयाबीन Soybean cultivation की फसल में खरपतवार नाशक एवं कीटनाशक का प्रयोग करने के पहले किसान साथी यह पूरी तरह से कंफर्म कर लें कि वह जिन दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सही है कि नहीं, क्योंकि बाजार में अमानक दवाइयां बेची जा रही है।

दरअसल, दवाई बेचने वाली दुकानों की जांच कृषि विभाग नहीं कर रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश की की जिलों में जगह-जगह कीटनाशक दवाइयां दुकानदारों के द्वारा बेचीं जा रही हैं। अमानक दवाओं से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

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