फूल आने की अवस्था में सोयाबीन की फसल (Soybean Farming) में कौन सी दवाई का उपयोग करें, जानें..
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Soybean Farming | खरीफ के सीजन में बड़े पैमाने पर किसान सोयाबीन की खेती करते हैं। सोयाबीन में फूलों का फलन और आकार जितना बड़ा होता है, फसल भी उतनी ही अच्छी होती है। अभी सोयाबीन की फसल तकरीबन 30 से 40 दिनों की हो गई है। कई किसान फसल में खरपतवार सहित कीटनाशकों का भी उपयोग कर चुके है। अब इसके बाद सोयाबीन में फूल Soybean Farming आने वाले है। इसलिए आज हम आपको यहां चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में सोयाबीन के फूलो को झड़ने से बचाएगी। तो आइए जानते है डिटेल..
फूल वाली अवस्था में यह दवाई डालें
Soybean Farming | सोयाबीन के फूलों को झड़ने से बचाने के लिए किसानों को दवा का स्प्रे करना होता है। आज हम आपको एक ऐसी ही दवा के बारे में बताएंगे जो सोयाबीन का फूल बढ़ा देगी। सोयाबीन का फूल बढ़ाने की इस दवा का नाम दैनिक है। इसमें अमीनों और पेप्टिक एसिड होते हैं।
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इसमें कार्बनिक और गैर कार्बनिक कंटेंट हैं जो फसल की गुणवत्ता बेहतर करते हैं। यह दवा फसल में फल और फूलों में वृद्धि के लिए सहायक होती है। इतना ही नहीं ये दवाई सोयाबीन के फूलों को झड़ने से भी बचाती है। बाजार में यह दवा सीओ 1010 एल के नाम से आती है। इसका उपयोग अन्य दलहनी फसलों में भी कर सकते हैं। : Soybean Farming
किट/इल्ली को लेकर कृषि विभाग की सलाह
कृषकों को सलाह है कि अपने खेत की सतत निगरानी करें और खेत में जाकर 3-4 पौधों को हिलाकर देखें कि कीट/इल्ली का प्रकोप तो नहीं है। यदि कहीं पर एक वर्गमीटर में 3-4 इल्लियां दिखाई दे तो कीटनाशक का स्प्रे करना चाहिये।
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जहां पर सोयाबीन की फसल Soybean Farming घनी होने पर गर्डल बीटल का प्रकोप संभव है, इसकी पहचान पौधे पर दो रिंग बने हुए दिखाई देंगे व फसल लटकी हुई, मुरझाई-सी दिखाई देगी तो किसान उसको तोड़कर खेत से बाहर फैंक दें। खेतों में जलभराव से होने वाले नुकसान से बचाने के लिये जल निकासी की उचित व्यवस्था करें और कहीं पर कीटव्याधि का प्रकोप दिखे तो निम्नानुसार दवाईयों का उपयोग करें :-
तना मक्खी का नियंत्रण :-
Soybean Farming तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह है कि लक्षण दिखाई देने पर पूर्व मिश्रित कीटनाशक आइसोसाइक्लोसरम 9.2 ww.bc या थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+लेम्बड़ा सायहेलोथ्रिन 09.50 प्रतिशत जेड-सी या बीटासाइफ्लुजिन+इमिडाक्लोप्रिड या इंडोक्साकार्ब 15.8 ईसी का छिड़काव करें।
चक्र भृग (गर्डल बीटल) का नियंत्रण :-
इसी तरह जहाँ चक्र भृग (गर्डल बीटल) का प्रकोप हो, पत्ती खाने वाली इल्लियों तथा रस चूसने वाले कीट जैसे- सफेल मक्खी/जसीड एवं तनाछेदक कीट के लक्षण दिखाई देने पर प्रारम्भिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु एसिटेमिप्रिड 25 प्रतिशत+बायफेब्रिल 25 प्रतिशत wg या डेट्रानिलिप्रोल 18.18 sc या थायक्लोप्रिड 21.7 ac या प्रोफेनोफॉस 50 ec या इमामैक्टीन बेंजोएट या क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 9.30 प्रतिशत+लेम्बड़ा साइहेलोथ्रिन 09.50 प्रतिशत zc का छिड़काव पर्याप्त पानी की मात्रा से उपयोग करें। : Soybean Farming
डिसक्लेमर : यहां दी गई दवाइयों को उपयोग करने से पहले अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ या दुकानदार से अवश्य सलाह ले लेवे।(Soybean me kit nashak ka pahala dose)
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