सोयाबीन फसल में पीला मोजक रोग बहुत आता है, अभी से करें Soybean Seed Treatment यह उपाय नहीं आएगा पीला मोजक, पढ़ें डिटेल..
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Soybean Seed Treatment | खरीफ फसलों में सोयाबीन की फसल प्रमुखता से बोई जाती है, सोयाबीन की फसल पर संकट के बादल उस समय मंडराने लगते हैं, जब पकने की अवस्था में पीला मोजैक रोग आ जाता है। पिछले वर्ष यह रोग सोयाबीन की जेएस 9560 वैरायटी में अधिक देखने को मिला था।
पीला मोजैक रोग सोयाबीन की फसल को नष्ट कर देता है। पिछले वर्ष मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल सितंबर महीने में पीला मोजैक रोग के कारण लगभग आधी खराब हो गई थी। पीला मोजैक रोग से सोयाबीन की फसल को बचाने के लिए सोयाबीन की बोवनी के दौरान ही उपाय करना होंगे, तभी फसल सुरक्षित रहेगी एवं उत्पादन भी अच्छा रहेगा। Soybean Seed Treatment इन उपायों के बारे में आईए जानते हैं..
पीला मोजैक रोग के लिए सफेद मक्खी जिम्मेदार
पीला मोजेक रोग फैलाने के लिए प्रमुख रूप से सफेद मक्खी जिम्मेदार रहती है। भारी वर्षा एवं जल जमाव की स्थिति के पश्चात मौसम खुलने पर हल्की सी गर्माहट से यह मक्खी तेजी से विकसित होती है। सफेद मक्खी फसल के पत्तों पर लार्वा देती है, इससे भारी मात्रा में सफेद मक्खियां पनप जाती है। यह वायरस किसानों की मेहनत पर पानी फेर देता है, क्योंकि इसका संक्रमण तेज गति से फैलता है इससे किसान को सोयाबीन की फसल बचाने का मौका ही नहीं मिल पाता है।
पीला मोजेक रोग फैलाने वाली सफेद मक्खी एक विनाशकारी कीट है, इसके एक बार फसल में लगने से यह पूरे खेत में फैल जाता है। यह बहुभोजी कीट पत्तियों का रस चूसते है। जिससे की पत्तियां प्याले के आकार में मुड़ जाती है और पीली पड़ जाती है। यह कीट ही पीला मोजेक रोग को पूरे खेत में फैलाता है। इसकी रोकथाम के लिए सोयाबीन की बोवनी के समय यह उपाय करना होंगे। Soybean Seed Treatment
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रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें
Soybean Seed Treatment ; कृषि उत्पादन में बीज का महत्त्वपूर्ण योगदान है। एक ओर ‘जैसा बोओगे- वैसा काटोगे यह मर्म किसानों को समझ में आना चाहिए, इसलिए अच्छी किस्म के बीजों का उत्पादन जरुरी है। पीला मोजेक रोग से बचाव के लिए सर्वप्रथम रोग प्रतिरोधी सोयाबीन की रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
सोयाबीन की किस्म NRC 142, JS 2098, RVS 1135, JS 2172 को प्रमोट करें। इन किस्मों की विशेषता है कि यह येलो मोजेक रोग के प्रभाव से पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। किसानों को सोयाबीन पीली पड़ने की समस्या से निजात मिलेगी। कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि बीज की बुवाई से पूर्व बीज उपचार जरूर करें।
बीज का महत्वपूर्ण योगदान
उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत अधिक उपज देता है। अतः शुद्ध एवं स्वस्थ ‘प्रमाणित बीज अच्छी पैदावार का आधार होता है। प्रमाणित बीजों का उपयोग करने से जहां एक ओर अच्छी पैदावार मिलती है वहीं दूसरी ओर समय एवं पैसों की बचत होती है। किसान अगर अशुद्ध बीज बोते व तैयार करते हैं तो उन्हें इससे न अच्छी पैदावार मिलती है और न बाजार में अच्छी कीमत।
अशुद्ध बीज बोने से एक ओर उत्पादन तो कम होता ही है और दूसरी ओर अशुद्ध बीज के फलस्वरुप भविष्य के लिए अच्छा बीज प्राप्त नहीं होता है बल्कि अशुद्ध बीज के कारण खेत में खरपतवार उगने से नीदा नियंत्रण के लिए अधिक पैसा खर्चा करना पड़ता है एवं अंत में उपज का बाजार भाव कम प्राप्त होता है, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित लाभ नहीं प्राप्त होता है। यदि किसान भाई चाहें कि उनके अनावश्यक खर्चे घटे और अधिक उत्पादन व आय मिले तो उन्हें फसलों के प्रमाणित बीजों का उत्पादन एवं उपयोग करना होगा। Soybean Seed Treatment
बीज उपचार करने से नहीं आएगा पीला मोजेक
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार Soybean Seed Treatment बीज उपचार हमेशा एफआईआर क्रम में करना चाहिये। इस हेतु जैविक फफूंदनाशक ट्रोईकोडर्मा वीरडी 5 ग्राम/किग्रा बीज, अथवा फफूंदनाशक थाइरम+कार्बोक्सिम आदि के मान से उपचारित करें। गत वर्ष जहां पर पीला मोजेक की समस्या रही, वहां पीला मोजेक बीमारी की रोकथाम हेतु अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 एफएस या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस से अवश्य उपचारित Soybean Seed Treatment करें। इसके बाद जैव उर्वरक का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
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सोयाबीन की बोवनी बीज उपचार करने के पश्चात ही करें
सोयाबीन के बीजों को केवल फफूंदीनाशक से बीज उपचार Soybean Seed Treatment करे। कीटनाशक से बीज उपचारित का कोई मतलब सोयाबीन में नही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बीज उपचार के लिए जो प्रोडक्ट ले रहे हैं वह असली है या नहीं यह भी जांच लें। नकली है या असली है देखने के लिए अपने मोबाइल के गूगल पर स्कैनर पर क्लिक करें और फिर बीज उपचार Soybean Seed Treatment के लिए खरीदे गए प्रोडक्ट के डिब्बे पर अंकित बारकोड को स्कैन करे स्कैन होने के बाद एक लिंक आयेगी उस पर क्लिक करे लिंक पर क्लिक करते ही 1 मिनिट में लिखा हुआ आएगा कि यह प्रोडक्ट डुप्लीकेट है या ओरिजनल है।
नैनो डीएपी से करें बीज उपचारित
नैनो डीएपी से बीज उपचारित Soybean Seed Treatment करने के फायदे यह है :– बीज अंकुरण के तुरंत बाद पौधे को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो परंपरागत डीएपी से समय पर नहीं मिल पाती। नैनो डीएपी के उपयोग से पौधे को तुरंत पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे जड़ और पौधे की वृद्धि तेजी से होती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो डीएपी से बीज उपचारित करने पर पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, पौधे में जड़ों की संख्या बढ़ती है और नमी की कमी होने पर पौधे की सूखा सहन करने की क्षमता बढ़ती है। नैनो डीएपी पर्यावरण और मिट्टी को कोई हानि नहीं पहुंचाता और यह परंपरागत डीएपी से सस्ता पड़ता है। Soybean Seed Treatment
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