सिंगल सुपर फास्फेट अर्थात एसएसपी (SSP Fertilizer) उर्वरक की प्रमुख विशेषताएं और फायदे के बारे में जानिए..
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SSP Fertilizer | जून महीने में मानसून की बारिश के साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी। इसके पूर्व किसान साथी खेत को जोतने एवं अन्य कृषि उपयोगी संसाधन जुटाना में लगे हुए हैं।
फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए सही मात्रा एवं सही उर्वरकों की आवश्यकता होती है। फसलों में उर्वरक प्रबंधन से जहां एक और पैदावार बढ़ती है, वहीं दूसरी ओर खेत की मिट्टी पर भी विपरीत असर नहीं पड़ता है।
ऐसे में किसानों की प्रमुख आवश्यकता है कि वह सही उर्वरकों का चयन करें। इसमें खरीफ सीजन में प्रमुख रूप से बोई जाने वाली सोयाबीन सहित दलहनी एवं तिलहनी फसलों की उपज बढ़ाने एवं लागत में भी कमी लाने के मामले में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक बहुत उपयोगी है। इस उर्वरक की प्रमुख विशेषताएं एवं डीएपी के मुकाबले यह कितना फायदेमंद है आईए जानते हैं..
सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक क्या है
सिंगल सुपर फॉस्फेट प्रमुख रूप से एक बहु- पौष्कीय स्वदेशी उर्वरक है जिसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस, 11 प्रतिशत सल्फर एवं 18-21 प्रतिशत केल्शियम पाया जाता है। SSP Fertilizer
फसलों के लिए क्यों आवश्यक है सिंगल सुपर फॉस्फेट
तिलहन एवं दलहन फसलों को अनाज वाली फसलों की तुलना में अधिक सल्फर की आवश्यकता होती है। कार्बनिक पदार्थ मृदा में सल्फर का प्रमुख स्त्रोत होता है। SSP Fertilizer
कृषकों द्वारा मृदा में पर्याप्त कार्बनिक पदार्थ का उपयोग नहीं करने के कारण मृदा में सल्फर की कमी होती जा रही है। जिससे तिलहन एव दलहन फसलों के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
इसी कारण सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग से इसमें उपस्थित सल्फर से तिलहनी फसलों यथा सोयाबीन, सरसों, तिल, अलसी में तेल उत्पादन एवं दलहनी फसलों यथा मूंग, उड़द, चना, अरहर, मसूर, मटर आदि में प्रोटीन उत्पादन में वृद्धि होती है जिससे फसलो की पैदावार में बढ़ोतरी होती है। SSP Fertilizer
अत्यंत गुणकारी है सिंगल सुपर फॉस्फेट
सिंगल सुपर फॉस्फेट प्रमुख्तया एक फॉस्फोरस उवर्रक है। फॉस्फोरस पौधों में जड़ों के विकास, पौधे में ऊर्जा निर्माण व स्थानान्तरण, बीज के विकास, अनुवांशिक द्रव्य के निर्माण आदि में अत्यन्त आवश्यक है। SSP Fertilizer
सिंगल सुपर फॉस्फेट में 11 प्रतिशत सल्फर भी पाया जाता है जोकि प्रोटीन निर्माण, तेल निर्माण, तेल को एकत्रित करने वाले कोशिकांगो के निर्माण, विटामिनस् निर्माण, जीरा, सौफ, धनिया, अजवायन, सरसों आदि में आने वाली विशेष गंध एवं प्याज, लहसुन व सरसों में तीखेपन हेतु उत्तरदायी तत्वों के निर्माण में आवश्यक होता है।
सिंगल सुपर फॉस्फेट में 18 से 21 प्रतिशत केल्शियम भी पाया जाता है जो पौधों में कोशिका विभाजन, विभिन्न एन्जाइम को सक्रिय करने, कोशिकाओं के मध्य संदेशवाहक तथा मृदा में उपस्थित हानिकारक सोडियम आयनस् को विस्थापित कर मृदा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। साथ ही सिंगल सुपर फॉस्फेट में उपस्थित केल्शियम अम्लीय / क्षारीय मृदाओं के सुधारक के रूप में भी कार्य करता है। SSP Fertilizer
फोर्टीफाईड सिंगल सुपर फास्फेट से मिलेगा अतिरिक्त फायदा
बाजार में फोर्टीफाईड जिंकेटेड सिंगल सुपर फॉस्फेट, जिंकेटेड एवं बोरोनेटेड सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा जिंकेटेड, बोरोनेटेड एवं मेग्निशियम युक्त सिंगल सुपर फॉस्फेट भी उपलब्ध है जिसमें फॉस्फोरस, सल्फर एवं केल्शियम के अतिरिक्त 0.5% जिंक, 0.2% बोरोन एवं 0.5% मेग्निशियम भी पाया जाता है। SSP Fertilizer
फोर्टीफाईड जिंकेटेड सिंगल सुपर फॉस्फेट, जिंकेटेड एवं बोरोनेटेड सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा जिंकेटेड, बोनेटेड एवं मेग्निशियम युक्त सिंगल सुपर फॉस्फेट पौधों को फॉस्फोरस, सल्फर एवं केल्शियम के अतिरिक्त जिंक, बोरोन एवं मेग्निशियम की भी आपूर्ति करते हैं। जिससे फसल उत्पादन एवं गुणवत्ता में सुधार होता है।
डीएपी से क्यों बेहतर है सिंगल सुपर फॉस्फेट
डीएपी एक नाईट्रोजन एवं फॉस्फोरस युक्त जटिल उर्वरक है जिसमें 18 प्रतिशत नाईट्रोजन एवं 46 प्रतिशत फॉस्फोरस होता है। भारत में लगभग 80 प्रतिशत डीएपी विदेशों से आयात किया जाता है। जिससे भारत सरकार पर सब्सीडी के रूप में अत्यंत वित्तीय भार पड़ता है। डीएपी के अधिक उपयोग से मृदा स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है साथ ही एनपीके अनुपात भी असंतुलित हो जाता है। SSP Fertilizer
वर्तमान में कोटा जिले की 22 प्रतिशत मृदाओं में जिंक तथा 28 प्रतिशत मृदाओं में आयरन का स्तर कम देखा गया है। अत: इस स्थिति में सिंगल सुपर फॉस्फेट डीएपी से काफी कारगर है।
डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट + यूरिया का वैकल्पिक उपयोग करने से लगभग 12 किग्रा नाईट्रोजन, 16.50 किग्रा सल्फर, 0.75 किग्रा जिंक एवं 27-32 किग्रा केल्शियम अधिक प्राप्त होता है। SSP Fertilizer
कैसे करे सिंगल सुपर फॉस्फेट का उपयोग, जानिए
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक सिंगल सुपर फॉस्फेट एक जल घुलनशील फॉस्फोरस उर्वरक है जो धीमी गति से घुल कर पौधों को पौषक तत्व उपलब्ध कराता है। अतः अनाज वाली फसलों में 06 बेग एवं तिलहनी व दलहनी फसलों में 05 बेग प्रति हैक्टेयर बुवाई के समय उपयोग करे। SSP Fertilizer
सिंगल सुपर फास्फेट से इस प्रकार आएगी लागत में कमी
सिंगल सुपर फास्फेट से खेती में आने वाली लागत में भी कमी आती है। सिंगल सुपर फास्फेट के स्थान पर अधिकतर किसान डीएपी उर्वरक का प्रयोग करते हैं। डीएपी उर्वरक के एक बेग की वर्तमान कीमत 1350 रुपए है। डीएपी के एक बैग में 23 किग्रा फॉस्फोरस एवं 09 किग्रा नाईट्रोजन पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। SSP Fertilizer
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि एक डीएपी उर्वरक के स्थान पर तीन बोरी जिंक फैट सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करने से फसलों को अतिरिक्त पोषक तत्व प्राप्त होंगे।
जिंकेटेड एसएसपी के तीन बेग के मिश्रण से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व 24 किग्रा फॉस्फोरस, 20.7 किग्रा नाईट्रोजन 16.5 किग्रा सल्फर, 0.75 किग्रा जिंक 27-32 किग्रा केल्शियम है। इसकी लागत भी मात्र 16 सो रुपए के करीब आएगी। इससे डीएपी के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की भी पूर्ति हो जाएगी. SSP Fertilizer
(नोट:- यदि किसान 12 किग्रा नाईट्रोजन यूरिया से देता है तो ₹155, 16.5 किग्रा सल्फर 90 प्रतिशत सल्फर से देने में ₹1850, 0.75 किग्रा जिंक मोनोहाईड्रेट जिंक सल्फेट से देने पर ₹275 एवं 27-32 किग्रा केल्शियम जिप्सम द्वारा देने पर लगभग ₹250 का भुगतान करना पड़ेगा।
इस प्रकार किसान को यूरिया + एसएसपी मिश्रण की तुलना में डीएपी का उपयोग करने पर पौधों को समान पौषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए ₹ 2263 का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।) SSP Fertilizer
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