अब पराली जलाओ नही बल्कि उससे पैसे कमाओ ! इस आसान तरीके से लाखों कमा रहे किसान भाई

क्या आप जानते है पराली (Stubble Bales Income) से भी तगड़ी कमाई हो सकती है। जलाने नहीं कमाने का जरिया बना पराली, जानें आसान सी टिप्स..

Stubble Bales Income | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराये जाने वाली ‘पराली’ अब पंजाब एवं हरियाणा के किसानों के लिए फायदे का सौदा बन गई है। यहां के कई किसान इसे खेतों में जलाने के बजाय बायोमास प्लांट (Biomass Plants) और बॉयलर को बेचकर लाखों रुपये कमा रहे हैं। आपको बता दे की, अब तक कई किसानों ने पराली प्रबंधन से लाखो रुपए कमाए है।

पंजाब के किसान की कहानी..

खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण Stubble Bales Income के लिए अक्सर पंजाब के किसानों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। गुरदासपुर के रहने वाले पलविंदर सिंह उन किसानों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल एक ‘बेलर’ खरीदा और फिर उसके जरिये पराली के गट्ठर बनाकर उन्हें कारोबारियों को बेचना शुरू किया। बेलर, कृषि क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली एक मशीन है, जो ट्रैक्टर से जुड़ी होती है और खेतों में पराली समेट कर उसके गठ्ठर बना देती है।

पलविंदर ने कहा, पिछले साल हमने 1,400 टन पराली बेची थी और इस साल हम 3,000 टन पराली बेचने की उम्मीद कर रहे हैं। वह आस-पास के गांवों से पराली इकट्ठा करते हैं और फिर पठानकोट में एक बिजली उत्पादन कंपनी Stubble Bales Income को उसकी आपूर्ति करते हैं। पलविंदर ने कहा कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने एक साल के भीतर अपने निवेश की सारी रकम प्राप्त कर ली है और इस साल 15 लाख रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। वह 180 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पराली बेचते हैं।

पराली बेचकर कमाए 8 लाख रुपये

Stubble Bales Income : मलेरकोटला के गुरप्रीत सिंह एक और किसान हैं, जो बेलर की मदद से धान की पराली से कमाई कर रहे हैं। गुरप्रीत ने कहा, पिछले साल मैंने 20 लाख रुपये की पराली बेची और सभी तरह के खर्चों को घटाने के बाद 7-8 लाख रुपये बचाए। उन्होंने पिछले साल 1,200 टन पराली बेची थी और इस साल उनका लक्ष्य 5,000 टन पराली बेचने का है।

ये भी पढ़ें 👉 धान की पराली से किसान ने कमाएं 31 लाख रुपए, जानें उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी 

मालेरकोटला के फिरोजपुर कुथला गांव में 10 एकड़ कृषि भूमि के मालिक गुरप्रीत ने कहा, इस साल, हमारी योजना जनवरी और मार्च के बीच बेचने के लिए कुछ पराली का भंडारण करने की है। साल के उन शुरूआती महीनों में इसकी कीमत 280-300 रुपये प्रति क्विंटल Stubble Bales Income तक हो जाती है। उन्होंने कहा कि अभी पराली की कीमत 170 रुपये प्रति क्विंटल है। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले साल 600 एकड़ भूमि पर किसानों को पराली जलाने से रोका। उन्होंने कहा, ‘इस साल, हम 2,000 एकड़ से अधिक भूमि पर इसे जलाने से रोकेंगे।

पराली जलाने की वजह से राजधानी में होता है प्रदूषण

Stubble Bales Income : बायोमास प्लांट्स, पेपर मिलों और बॉयलर द्वारा पराली की बढ़ती मांग के कारण राज्य में कई किसान ‘बेलर’ (Baler) खरीद रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर महीने में पंजाब औक हरियाणा में पराली जलाये जाने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हाल के वर्षों में वायु प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

बेलर की खरीद पर सब्सिडी देती है पंजाब सरकार

पंजाब सरकार पराली के एक्स-सीटू प्रबंधन के तहत बेलर की खरीद पर सब्सिडी देती है। राज्य सरकार ने पहले ही ईंट भट्टों के लिए अपनी कुल ईंधन जरूरत का 20% स्ट्रॉ पेलेट्स का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया है।

अगली फसल के लिए मजबूरन पराली जलाते है

लगभग 31 लाख हेक्टेयर धान क्षेत्र Stubble Bales Income के साथ पंजाब हर साल लगभग 180-200 लाख टन पुआल का उत्पादन करता है, जिसमें से 120 लाख टन इन-सीटू (खेतों में फसल अवशेषों को मिलाना) और लगभग 30 लाख टन एक्स-सीटू के माध्यम से प्रबंधन किया जाता है।

बता दें कि धान की कटाई के बाद रबी की फसल गेहूं के लिए समय बहुत कम होता है, इसलिए किसान अगली फसल की बुआई के लिए फसल के अवशेषों Stubble Bales Income को जल्दी से साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।   

यह भी पढ़िए….👉बाजार में महिंद्रा के इन टॉप 5 ट्रैक्टरों की भारी डिमांड, जानें टॉप 5 मॉडल की कीमत एवं खासियत

👉कृषि विज्ञानियों ने तैयार की गेहूं की नई वैरायटी Hi-1650 पूसा ओजस्वी, इस वैरायटी की पैदावार व खासियत के बारे में डिटेल जानें

👉 300 से 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली प्याज की सबसे अच्छी टॉप 8 किस्में

👉मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में मिलती है ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र पर 50% तक सब्सिडी, जानें योजना

👉मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बनाई नई योजना, 2025 तक 50 करोड़ का प्रावधान किया

Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment