टमाटर की खेती से नर्मदापुरम के किसान (Success Farmer) ने 5 महीने में बेची 7 लाख की उपज बेची, आइए जानते है उनका राज.
Success Farmer | हमारे देश के कई किसान सालों से पारंपरिक रूप से खेती करते आ रहे है लेकिन कुछ किसान भाई ऐसे भी है जो पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती कर अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे है। उन्हीं किसानों में से एक है नर्मदापुरम जिले के रहने वाले किसान रामनरेश।
जी हां आज हम बात करने वाले सोहागपुर ब्लॉक के महुआखेड़ा के किसान रामनरेश पटेल के बारे में, जिन्होंने टमाटर की खेती (Success Farmer) से अपनी किस्मत बदल ली। उन्होंने टमाटर की खेती से 5 महीने में करीब 7 लाख रुपए कमा चुका है यानी 1.40 लाख रुपए महीना। इसके साथ ही 15 से 17 लोगों को रोजगार भी दे रहा है। टमाटर की खेती से किस प्रकार मालामाल हुए किसान रामनरेश, आइए जानते है उनकी सक्सेस की कुंजी..
पारंपरिक खेती के साथ ही दो साल से सब्जियों की खेती कर रहे
Success Farmer | सोहागपुर ब्लॉक के महुआखेड़ा के 55 साल के रामनरेश पूरी तरह से खेती-किसानी से जुड़े हैं। उनके बेटे भी खेती में उन्हें मदद करते हैं। पटेल के पास करीब 15 एकड़ खेत है। पारंपरिक खेती के साथ ही दो साल से सब्जियों की खेती कर रहे हैं।
पिछले साल उन्होंने 8 एकड़ में 80 क्विंटल मिर्च की पैदावार ली थी। जिसे सऊदी अरब के एक व्यापारी को 16 लाख रुपए में बेचा था। किसान को गेहूं की अच्छी पैदावर के लिए साल 2005 में तत्कालीन कृषि मंत्री से सम्मान भी मिल चुका है। उस समय किसान ने एक एकड़ में 29 क्विंटल गेहूं का उत्पादन किया था। : Success Farmer
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मिर्च की खेती के बाद टमाटर की खेती की
Success Farmer | किसान रामनरेश बताते है की, पहले मैं भी दूसरे किसानों की तरह 15 एकड़ खेत में धान, गेहूं और चने लगाता था। जिससे एक साल में मुझे 4 से 5 लाख रुपए तक मुनाफा हो जाता था, लेकिन परंपरागत खेती से होने वाले मुनाफे में बढ़ोतरी नहीं हो रही थी। मैं कुछ ऐसा करना चाहता था जिससे अपनी आय को बढ़ाया जा सके। इसके लिए आधुनिक तकनीक से खेती करने वाले कुछ किसानों की कहानी पढ़नी शुरू की।
मुझे ऐसा लगा कि सब्जियों की खेती में मुनाफा ट्रेडिशनल खेती के मुकाबले अधिक है। इसी वजह से मैंने सब्जी की खेती करने की योजना बनाया। पिछले साल 8 एकड़ में सुनिधि किस्म की लाल और हरी मिर्च लगाई। पहले साल ही मिर्च का बंपर उत्पादन हुआ। इसी दौरान दुबई से सब्जियों का थोक कारोबार करने वाले कुछ एजेंट यहां आए हुए थे। उन लोगों ने 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 80 क्विंटल लाल मिर्च खरीदी।
इसमें मुझे करीब 16 लाख रुपए की आय हुई। इसके अलावा 7 लाख रुपए की हरी मिर्च बेची। सालभर में कुल 23 लाख रुपए की मिर्च बेची। इसमें सभी खर्च काटकर करीब 10 से 11 लाख रुपए का प्रॉफिट हुआ था। मिर्च की खेती में लेबर खर्च ज्यादा हो रहे थे और रेट भी सही नहीं मिल रहे थे। इसके बाद फिर मैंने टमाटर की खेती Success Farmer करने के बारे में सोचा।
अब तक 7 लाख रुपए के टमाटर बेचे
Success Farmer | किसान रामनरेश ने बताया की, वे 5 महीने पहले 3 एकड़ में हिमसोना किस्म के हाइब्रिड टमाटर के पौधे लगाए। दो महीने बाद ही टमाटर के उत्पादन शुरू हो गए। अब प्रतिदिन 30 से 40 कैरेट टमाटर पिपरिया, गाडरवाड़ा की सब्जी मंडी में भेज रहा हूं। शुरू में एक कैरेट के 400 रुपए मिले।
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फिर तीन सौ और अब करीब 200 रुपए मिल रहे हैं। अब तक करीब 7 लाख रुपए के टमाटर Success Farmer बेच चुका हूं। 3 से 4 लाख रुपए के टमाटर और निकलने की संभावना है। अब तक सभी खर्चे काटकर करीब तीन लाख रुपए का मुनाफा हो चुका है। कुल 6 लाख रुपए से ज्यादा का इनकम होने का अनुमान है।
एक बीघा में 40 ग्राम लगता है बीज
पहले अलग से क्यारियां बनाकर बीज से पौध तैयार की जाती है। एक बीघा खेत के लिए 40 ग्राम बीज लगता है। इनकी पौध को क्यारियों में तैयार किया जाता। लगभग 25 से 30 दिन में पौध तैयार हो जाती है।
पौधे तैयार हो जाने के बाद इन्हें एक-एक करके खेत में लगाया जाता है। यह 40 ग्राम बीज अलग-अलग रेट का होता है। 500 रुपए प्रति 10 ग्राम से बीज के दाम शुरू होते हैं, जो 1000 तक भी जाते हैं। : Success Farmer
टमाटर की खेती के लिए मिट्टी एवं जलवायु
टमाटर की फसल के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त रहती है। रबी के सीजन में इसकी खेती करना अच्छा होता है। ज्यादा तापमान और पाला इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके लिए 15 से 25 डिग्री का तापमान ठीक रहता है।
वही, मिट्टी की बात करे तो, टमाटर की फसल Success Farmer के लिए बलुई दोमट मिट्टी ठीक रहती है। मिट्टी का पीएच मान 70 से कम होना चाहिए। इसके लिए मिट्टी की जांच करवा लें। इसकी खेती समतल और अच्छी जल निकाली वाली भूमि में ही करें।
60 दिन में तैयार होती है फसल
Success Farmer | टमाटर की फसल अमूमन किसी भी महीने में लगाई जा सकती है। आजकल 12 महीने इसकी पैदावार हो रही है, लेकिन फसल लगाने का सबसे उपयुक्त समय जुलाई और अगस्त होता है।
अगस्त में लगाई गई फसल 60 दिन में तैयार हो जाती है। इसके बाद टमाटर को तोड़ना शुरू कर दिया जाता है। तोड़ने के बाद 25-25 किलो की कैरेट में भरकर मंडी में भेजा जाता है। कैरेट के हिसाब से ही मंडी में इसकी बोली लगती है।
फूल आने के समय पौधों को सहारा देना जरूरी
टमाटर मे फूल आने के समय पौधों में मिट्टी चढ़ाना और सहारा देना आवश्यक होता है। टमाटर की लम्बी बढ़ने वाली किस्मों को विशेष रूप से सहारा देने की आवश्यकता होती है। पौधों को सहारा देने से फल मिट्टी के सम्पर्क में नहीं आ पाते हैं।
जिससे फल सड़ने की समस्या नहीं होती। सहारा देने के लिए रोपाई के 30 से 45 दिन के बाद बांस या लकड़ी के डंडों में विभिन्न ऊंचाइयों पर छेद करके तार बांधकर फिर पौधों को तारों से बांधते हैं। इस प्रक्रिया कोस्टेकिंग कहा जाता है।
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