गेंहू की इस खास किस्म से किसान ने एक हेक्टेयर से निकाला था 102 क्विंटल उत्पादन, जानें पूरी डिटेल

आइए जानते है कौन सी है गेंहू की वह टॉप किस्म (Top Wheat), जिससे मध्यप्रदेश के किसान ने एक हेक्टेयर में 100 क्विंटल से ज्यादा पैदावार ली थी।

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Top Wheat | अक्टूबर महीने में किसान रबी फसलों की बुआई के लिए तैयारी शुरू कर देंगे। रबी में सबसे महत्वपूर्ण फसल गेहूं है जो देश के अधिकांश क्षेत्रों में लगाई जाती है।

बुआई के लिए अधिकतर किसान गेंहू की नई नई किस्मों का चयन करते है। लेकिन हम आपको बता दें की, गेंहू की एक ऐसी भी किस्म है जिससे एमपी के किसान ने 2015 में प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल से ज्यादा की पैदावार ली थी।

दरअसल, हम बात कर रहे है गेंहू की एचआई 8713 – पूसा मंगल किस्म Top Wheat के बारे में। यह किस्म पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इन्दौर द्वारा 2013 में लॉन्च की गई थी।

लॉन्च होने के इतने सालों बाद भी मार्केट में इस किस्म की डिमांड कम नहीं हुई है। अधिकतर किसान इस किस्म की लगाना पसंद कर रहे है। आइए आपको बताते है इस किस्म Top Wheat की पूरी डिटेल…

एमपी के सफल किसान की कहानी

Top Wheat | मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के खरदोन कलां गांव के प्रगतिशील किसान जयनारायण पाटीदार ने स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर 25 साल पहले खेती में कदम रखा।

उनके पास 6 हेक्टेयर की जमीन है, जिसमें वे फसल उत्पादन, बागवानी और पशुपालन का संतुलन बनाते हुए खेती करते हैं।

जयनारायण पाटीदार की 3.5 हेक्टेयर जमीन पर बागवानी होती है, जिसमें 2 हेक्टेयर संतरा, 1 हेक्टेयर अमरूद, और 0.5 हेक्टेयर आम की खेती शामिल है।

रबी मौसम में वे Top Wheat गेहूं, चना, मसूर, और सरसों की खेती करते हैं, जबकि खरीफ मौसम में मक्का, लहसुन और धनिया जैसी मसालेदार फसलों की बुवाई करते हैं।

उनके पास 15-20 पशुओं का एक डेयरी फार्म भी है, जो अतिरिक्त आय का स्रोत है और खेती में जैविक खाद का भी योगदान देता है।

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किसान ने गेहूं उत्पादन में बनाया रिकॉर्ड

Top Wheat | साल 2015 में जयनारायण पाटीदार ने जिले में सबसे अधिक गेहूं उत्पादन का रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने गेहूं की उन्नत किस्म पूसा मंगल की खेती से 102.33 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन किया, जिसके लिए उन्हें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।

गेंहू एचआई 8713 – पूसा मंगल की जानकारी

Top Wheat : पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इंदौर से जारी कठिया (ड्यूरम) गेहूँ की यह नवीनतम किस्म पूसा मंगल – एचआई 8713 मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ वाले मध्य क्षेत्र हेतु अनुशंसित की गई है।

पहले जारी कठिया किस्म मालव शक्ति से लगभग 5-10 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने वाली तथा सर्वाधिक प्रोटीन, विटामिन ए, जिंक तथा अन्य पोषक तत्व देने वाली यह किस्म मानवीय स्वास्थ्य एवं देश में कुपोषण की समस्या को दूर करने हेतु तथा गेहूँ के राष्टीय उत्पादन को बढ़ाने की दृष्टि से एक क्रांतिकारी किस्म सिद्ध होगी।

हमारे यहाँ प्रकृति ने कठिया (ड्यूरम) गेहूँ Top Wheat के लिये एक आदर्श वातावरण एवं परिस्थितियाँ प्रदान की है तथा गेहूँ की पूसा मंगल किस्म के आदर्श गुणों एवं कम पानी में अधिक उत्पादन देने की विशिष्ट क्षमता के कारण यह एक चमत्कारी किस्म सिद्ध होगी।

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लड्डू बाफले और चपाती के लिए उपर्युक्त

Top Wheat | इस गेहूँ की किस्म का दाना अत्यंत आकर्षक, बड़ा, सुनहरा चमकदार रंग गेहूँआ (अंबर) तथा खाने में अत्यंत स्वादिष्ट प्रोटीन, विटामिन व पोषक तत्वों की प्रचूर मात्रा होने से सुपर न्यूटीशनल वेल्यू के कारण बाफले, लड्डू, हलवा,

पराठा, थुली, रवा, बेकरी पदार्थ, इटालियन व चायनीज खाद्य पदार्थ, पास्ता, नूडल्स, सिवैय्या आदि बनाने के लिये गेहूँ की सर्वश्रेष्ठ / सर्वोत्तम किस्म तथा अर्राष्टीय स्तर की गुणवत्ता होने के कारण स्थानीय मंडियों में उच्चतम भाव तथा निर्यात की असीम संभावनायें हैं।

गेंहू एचआई 8713 – पूसा मंगल के गुण एवं विशेषताएं

Top Wheat | गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी पत्तियाँ, मोमयुक्त, जो इसे सूखा सहन करने की क्षमता देता है। बाली का रंग सफेद, रोंएदार नहीं।

गेहूँ की यह किस्म कम ऊँचाई वाली लगभग 83-88 से.मी. काफी कुचे (टिलरिंग) छोड़ने वाली तथा इसकी काड़ी मोटी कड़क होने से आँधी / वर्षा की स्थिति में सामान्यत: आड़ी (लॉजिंग) नहीं पड़ती हैं। जिससे अधिकतम उत्पादन प्राप्त होता है।

इस जाति के गेहूँ Top Wheat की अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक होने के कारण तथा कुचे अधिक छोड़ने की क्षमता तथा दाने का आकार मध्यम बोल्ड होने से इसकी बीज दर,

मौसम एवं स्थानीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 50 से 55 किलो प्रति एकड़ या 125-130 किलो हेक्टेयर तथा लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इंच पर रखने तथा 10 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक बोनी करने पर

तथा इस किस्म  में अधिकतम 3 से 4 सिंचाई देने पर लगभग 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन देने की क्षमता, रोग प्रतिरोधकता, खिरने की समस्या (शेटरिंग) नहीं, गेरूआँ,

कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि रोगों के लिए प्रतिरोधक किस्म होने से तथा अधिकतम उत्पादन देने के कारण गेहूँ की यह एक आदर्श कठिया किस्म भविष्य में किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी। इस किस्म की अवधि लगभग 125 दिवस।

यहां से खरीदे गेंहू एचआई 8713 – पूसा मंगल

गेंहू एचआई 8713 किस्म का बीज श्री गायत्री ट्रेडर्स सीड्स कंपनी : 9575699947 से खरीद सकते है। ध्यान रहे बीज अधिकृत कंपनी से खरीदे और बिल अवश्य लेवे।

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