किसानों के लिए अच्छी खबर ; स्टॉक सीमा हटाने से गेहूं के भाव (Wheat Commodity Price) में बढ़ोतरी होगी, आईए देखते हैं डिटेल..
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Wheat Commodity Price | मार्च अप्रैल में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई होती है। इस दौरान गेहूं की आवक मंडियों में बढ़ जाती है, वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी सरकारी खरीदी होती है।
मंडियों में गेहूं की बंपर आवक होने के पहले केंद्र ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण करने वालों के लिए गेहूं भंडारण की सीमा सख्त कर दी थी।
सरकार के इस फैसले के पश्चात गेहूं (Wheat Commodity Price) का स्टॉक करने वाले स्टॉकिस्टों ने खरीदी कम कर दी, जिसके चलते गेहूं के भाव टूटकर काफी कम हो गए। सीजन की शुरुआत के पहले गेहूं के भाव 3000 रुपए के आसपास चल रहे थे, जो अब गिरकर 2200 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह गए।
इधर अलग-अलग राज्यों में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी भी हो रही है। एमपी में 2600 एवं राजस्थान में 2575 रुपए प्रति क्विंटल के मान से सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीदी हो रही है।
इसी बीच केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक सीमा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गेहूं का कारोबार करने वाले व्यापारियों के अनुसार सरकार के इस फैसले का गेहूं के भाव पर सकारात्मक असर पड़ेगा। सरकारी निर्णय के पश्चात गेहूं के भाव (Wheat Commodity Price) पर क्या असर पड़ेगा एवं भाव कितने बढ़ेंगे आगे क्या स्थिति रहेगी? आइए जानते हैं ..
स्टॉक सीमा 31 मार्च तक रहेगी | Wheat Commodity Price
केंद्र सरकार ने कहा कि 31 मार्च तक लागू रहने वाली संशोधित भंडारण सीमा के अनुसार व्यापारी/थोक विक्रेता केवल 250 टन गेहूं रख सकते हैं। पहले के मानदंड के अनुसार यह सीमा 1,000 टन थी।
खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडारण की सामा को पांच टन से घटाकर चार टन कर दिया गया है। सभी राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में सभी संवर्गों की फर्मों के लिए गेहूं पर लागू स्टॉक सीमा की अवधि 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रही है।
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स्टॉक सीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी | Wheat Commodity Price
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने गेहूं का उत्पादन 1154.30 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। वहीं खाद्य मंत्रालय ने 310 लाख टन खरीदी का लक्ष्य रखा है। रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना को देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने गेहूं पर लागू स्टॉक सीमा की अवधि को 31 मार्च 2025 से आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस निर्णय का असर गेहूं के भाव (Wheat Commodity Price) पर दिखाई देगा। सरकार के इस फैसले के पश्चात गेहूं के भाव में 50 से 100 रुपए तक की तेजी देखने को मिल सकती है।
हालांकि सरकार ने इसके साथ ही 1 अप्रैल 2025 से स्टॉक की अनिवार्य साप्ताहिक घोषणा का नियम जारी रखा जाएगा। इससे खाद्य मंत्रालय को पता रहेगा कि किस फर्म द्वारा कितनी मात्रा में गेहूं की खरीदी की जा रही है। वैसे व्यापारियों व स्टॉकिस्टों को आशंका है कि गेहूं खरीदी के लक्ष्य तक पहुंचने तक सरकार समय पर स्टॉक सीमा फिर लागू कर सकती है।
गेहूं के भाव में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी | Wheat Commodity Price
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के स्टॉक पर गहरी नजर रख रहा है, ताकि घरेलू प्रभाग में कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। सरकार ने व्यापारियों व स्टॉकिस्टों, खुदरा कारोबारियों, बिग चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स के लिए गेहूं के स्टॉक का विवरण सरकारी पोर्टल पर देना अनिवार्य कर दिया है।
इसके तहत सबसे पहले एक अप्रैल 2025 को स्टॉक का विवरण देना होगा। इसके बाद हर शुक्रवार को स्टॉक की जानकारी उपलब्ध करवानी पड़ेगी। केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। : Wheat Commodity Price
सभी वैधानिक फर्मों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पोर्टल पर गेहूं के स्टॉक की जानकारी नियमित रूप से और सही-सही मात्रा में डाली जाए। उसके बाद इन फर्मों को सरकारी पोर्टल पर गेहूं के स्टॉक का खुलासा करना पड़ेगा। जो भी फर्मों अभी तक इस पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हुई हैं उन्हें जल्द ही अपना पंजीकरण कराना जरूरी है।
गेहूं के भाव पर यह पड़ेगा असर
Wheat Commodity Price | गेहूं का कारोबार करने वाले व्यापारी मुकेश जैन बताते हैं कि सरकार समर्थन मूल्य पर पर्याप्त खरीदी के प्रति आशान्वित है। यही कारण है कि सरकार ने स्टॉक सीमा की अवधि आगे नहीं बढ़ाई है लेकिन इसके पश्चात सरकार स्टॉक पर पूरी खरीदी भी रखेगी इससे गेहूं के भाव में ज्यादा बढ़ोतरी होने की आशा नहीं है।
व्यापारी चंद्रशेखर चेलारमानी ने कहा कि गेहूं के भाव (Wheat Commodity Price) में 50 से ₹100 तक की ही तेजी आने की संभावना है, वह भी गेहूं की उन्ही वैरायटियों में तेजी आएगी, जो चपाती के लिए उपयुक्त है। इधर, विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं के भाव में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी खत्म होने के पश्चात तेजी देखने को मिलेगी।
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