भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केन्द, इन्दौर द्वारा किसानों के लिए जरूरी सलाह (Wheat Herbicide) जारी की गई है। आइए जानते है डिटेल…
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Wheat Herbicide | धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है।
कही कही गेंहू की फसल 10 से 15 दिन की होने को है। इसी बीच भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र, इन्दौर द्वारा किसानों के किए समसामयिक सलाह जारी की है।
इसमें बुवाई, बीज दर, सिंचाई, उर्वरक के अलावा खरपतवार नियंत्रण की जानकारी दी गई है। अनुसंधान केंद्र ने बताया की, जिन क्षेत्रों में अभी तक गेंहू की बुवाई नही हुई है।
क्षेत्र के लिए अनुशंसित प्रजातियों का ही इस्तेमाल करें। प्रजाति का चुनाव अपने संसाधनों यानि उपलब्ध सिंचाई की मात्रा तथा आवश्यकताओं के अनुरूप करें।
आइए अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों से जानते है खरपतवार (Wheat Herbicide) के साथ साथ बुवाई, बीज दर, सिंचाई, उर्वरक के लिए जारी की गई सलाह…
कृषि विभाग की सलाह! गेंहू में खरपतवार नियंत्रण हेतु दवाइयां
Wheat Herbicide | क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, इंदौर ने सलाह देते हुए बताया की, खड़ी फसल में डोरे (व्हील हो) या मजदूरों द्वारा खरपतवारों की सफाई करायें।
खेती में जहरीले रसायनों का उपयोग सीमित करें।
रोग व नीदा नियंत्रण के लिये जीवनाशक रसायनों का उपयोग वैज्ञानिक संस्तुति के आधार पर ही करें।
चौड़ी पती वाले खरपतवारों के लिये 2-4 डी 650 ग्राम सक्रिय तत्व / हे., अथवा मैटसल्फ्युरॉन मिथाइल 4 ग्राम सक्रिय तत्व/हे, 600 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल होने पर छिड़कें।
संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिये क्लॉडीनेफॉप प्रोपरजिल 60 ग्राम सक्रिय तत्व / हे, 600 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल होने पर छिड़कें। : Wheat Herbicide
दोनों प्रकार के खरपतवारों के लिये एटलान्टिस 400 मिलीलीटर अथवा वैस्टा 400 ग्राम अथवा सल्फोसल्फ्युरॉन 25 ग्राम सक्रिय तत्व / हे. अथवा सल्फोसल्फ्युरॉन 25 ग्राम सक्रिय तत्व / हे. मैटसल्यूरॉन मिथाइल 4 ग्राम सक्रिय तत्व/हे. 600 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल होने पर छिड़कें।
इसके अलावा खरपतवारों के नियंत्रण के लिए पायरोक्सासल्फोन 85@60 ग्राम/एकड़ या क्लोडिनाफॉप 60 ग्राम या फेनोक्साप्रॉप 100 ग्राम या सल्फोसल्फ्यूरॉन 25 या पिनोक्साडेन 50 ग्राम/हेक्टेयर का उपयोग किया जा सकता है।
इन्हें बुआई के 30-35 दिन बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी होने पर लगाया जा सकता है। मौसम साफ (न वर्षा, न कोहरा ओस आदि) होने पर किसानों को फसल पर छिड़काव (स्प्रे) करना चाहिए। : Wheat Herbicide
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बथुआ के नियंत्रण के लिए यह करें किसान
Wheat Herbicide | धान वाले क्षेत्र में गेंहू की फसल में बथुआ की समस्या बहुत आती है। इसके नियंत्रण के लिये समय सीमा का बहुत महत्व है यदि समय से निंदाई और खरपतवारनाशी का उपयोग नहीं किया गया हो तो खर्च व्यर्थ सिद्ध होता है।
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के समय से नियंत्रण किये जाने से फसल को पोषक तत्वों को होने वाले बंटवारे से निजात मिल जाती है। आप कृपया निम्न करें :-
बुआई के 30-35 दिनों के भीतर ही एक निंदाई हाथों से वो भी दो पौधों के बीच में छुपे खरपतवारों को निकालें।
एक स्प्रे 2-4 डी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत की 500-700 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टर की दर से छिड़काव करें। : Wheat Herbicide
इसके अलावा पेन्डीमिथालिन का 1000 ग्राम/ हेक्टर की दर से छिड़काव किया जा सकता है।
बुआई के 30-35 दिनों के भीतर ही एक निंदाई हाथों से वो भी दो पौधों के बीच में छुपे खरपतवारों को निकालें।
एक स्प्रे 2-4 डी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत की 500-700 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टर की दर से छिड़काव करें।
इसके अलावा पेन्डीमिथालिन का 1000 ग्राम/ हेक्टर की दर से छिड़काव किया जा सकता है। Wheat Herbicide
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गेंहू में फसल में कब एवं कितना उर्वरक उपयोग करें?
नत्रजन स्फुर पोटाश संतुलित मात्रा अर्थात् 4:2:1 के अनुपात में डालें।
ऊँचे कद की (कम सिंचाई वाली) जातियों में नत्रजन स्फुर पोटाश की मात्रा 80:40:20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बुआई से पूर्व ही दें।
बोनी शरबती किस्मों को नत्रजन स्फुर : पोटाश की मात्रा 120:60:30 तथा मालवी किस्मों को 140:70:35 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर दें। : Wheat Herbicide
नत्रजन की आधी मात्रा और स्फुर एवं पोटाश की पूरी मात्रा बुआई पूर्व दें तथा नत्रजन की शेष आधी मात्रा प्रथम सिंचाई (बुआई के 20 दिन बाद) देनी चाहिये।
बुवाई से पहले मिश्रित खाद जैसे 12:32:16 तथा यूरिया का उपयोग करें।
मृदा में जीवांश पदार्थ यानि कार्बनिक या हरी खादों का प्रति तीसरे वर्ष प्रयोग अवश्य करें ताकि भूमि को सूक्ष्म तत्वों की कमी से बचा जा सके।
सिंचाई कब कब एवं कितनी करें ?
Wheat Herbicide | बुवाई के बाद खेत में दोनों ओर से (आड़ी तथा खड़ी) नालियाँ प्रत्येक 15-20 मीटर (खेत के ढाल के अनुसार) पर बनायें तथा बुवाई के तुरन्त बाद इन्हीं नालियों द्वारा बारी बारी से क्यारियों में सिंचाई करें।
अर्द्धसिंचित कम सिंचाई (1-2 सिंचाई) वाली प्रजातियों मैं एक से दो बार सिंचाई 35- 40 दिन के अंतराल पर करें।
पूर्ण सिंचित प्रजातियों में 20-20 दिन के अंतराल पर 4 सिंचाई करें। सिंचाई समय पर, निर्धारित मात्रा में, तथा अनुशंसित अंतराल पर ही करें। : Wheat Herbicide
रोग नियंत्रण के लिए क्या करें किसान
गेरुआ रोग से बचाव तथा कुपोषण निवारण के लिए कम से कम आधे क्षेत्रफल में मालवी गेहूं की नई किस्मों की खेती अवश्य करें।
सतत अच्छी उपज के लिए फसल विविधता एवं किस्म विविधता अपनायें।
फसल अवशेषों को जलायें नहीं, उनकी खाद बनायें। : Wheat Herbicide
परस्पर सहभागिता व सहकारी समूहों के माध्यम से गेहूं की सामुदायिक खेती, वैज्ञानिक भंडारण व यथोचित समय पर बिक्री द्वारा खेती का लाभांश बढ़ायें। (क्रमश:)
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