गेंहू फसल में मंडूसी होने पर पड़ेगा उत्पादन पर असर, जानें इस खरपतवार के नियंत्रण के उपाय, यह सावधानी जरूरी..

बिजाई के 21 दिन बाद करें गेहूं की पहली सिंचाई, 35 दिन बाद खरपतवारनाशक (Wheat herbicide) डालें, दोपहर के समय ही करें स्प्रे।

Wheat herbicide | गेंहू की बिजाई के बाद अब बारी आती है उसकी सिंचाई एवं खरपतवार नाशक दवाई का चयन करना। अच्छी पैदावार के लिए किसानों को खरपतवार को नियंत्रित करना होगा। यदि इन पर ध्यान नहीं दिया जाए तो जाहिर सी बात है यह फसल का भारी नुकसान पहुंचा सकती है। यहां आर्टिकल में हम बात करने वाले है की, किसानों को कौन सी खरपतवार नाशक दवाई Wheat herbicide डालनी चाहिए एवं खरपतवार नाशक दवाई के क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए, जानें आर्टिकल में पूरी जानकारी..

बिजाई के 35 दिन बाद डालें खरपतवार नाशक दवाई

Wheat herbicide : किसान बिजाई के 21 दिन बाद फसल में पहली सिंचाई करे, जबकि बिजाई के 35 दिन के बाद फसल में खरपतवारनाशक दवा का स्प्रे प्रति एकड़ 200 लीटर पानी का घोल बनाकर साफ मौसम में दोपहर के समय करें। गेहूं के खेतों में बहुत से अनावश्यक पौधे उग जाते हैं, जो खरपतवार होते हैं। खरपतवार नियंत्रण समय पर करना अति आवश्यक है। यदि किसान ऐसा नहीं करते तो उनके खेतों में पैदावार कम रह जाती है। खेती Wheat herbicide पर लागत पूरी होने के बाद उपज कम मिलने पर किसान चिंतित होते हैं। ऐसे में किसानों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

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इस तरह पहचाने मंडूसी/गुल्ली डंडा खरपतवार

Wheat herbicide : गेहूं के खेत में शुरू में उगने वाले खरपतवार मंडूसी या गुल्ली डंडा की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है। इस तरह के खरपतवार की वजह से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गेहूं की फसल भी खराब हो जाती है।

गेहूं के खेत में मंड्सी के पौधों की पहचान काफी मुश्किल होती है, लेकिन ध्यान से देखने पर पता चलेगा कि मंड्सी के पौधे गेहूं के मुकाबले हल्के रंग के होते हैं। मंडूसी में लैग्यूल और गेहूं में आरिकल्ज ज्यादा विकसित होते हैं। इसके अतिरिक्त मंडूसी Wheat herbicide का तना जमीन के पास से लाल रंग का होता है। तना तोड़ने या काटने पर इसके पत्तों, तने और जड़ों से भी लाल रंग का रस निकलता है, जबकि गेंहू के पौधे से निकलने वाला रस रंगविहीन होता है।

ऐसे करें खरपतवार की रणनीति

Wheat herbicide : भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनिल खिप्पल ने कहा कि बुआई के लिए हमेशा खरपतवार रहित गेहूं के बीज का उपयोग करें। साथ ही साथ..

  • खरपतवार नाशक को सही मात्रा, सही समय व उपयुक्त तकनीक से छिड़काव करें।
  • बुआई के 30 से 35 दिन की अवधि में छिड़काव अवश्य कर दें।
  • खरपतवारनाशी को अदल-बदल कर उपयोग में लाएं।
  • फसल चक्र में चारे वाली फसलें जैसे बरसीम, जई आदि का समायोजन अवश्य करें।
  • शाकनाशी प्रतरोधकता नियंत्रण Wheat herbicide के लिए जीरो टिलेज मशीन द्वारा बुआई करने से पहले ग्लाईफोसेट जमा फ्रेंडीमैथालीन का प्रयोग अवश्य करें।
  • अधिक असर के लिए सल्फासल्फ्यूरॉन जमा मैटसल्फ्यूरान का पहली सिंचाई से पहले उपयोग करें।

गेंहू में पीला रतुआ से ऐसे करें बचाव

पीला रतुआ गेहूं Wheat herbicide की फसल का रोग है, जिसके उत्तर भार में गेहूं की फसल प्रभावित होती है। फसल सत्र के दौरान उच्च आर्द्रता एंव वर्षा से पीले रतुआ के संक्रमण से लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करती हैं।

इस रोग का संक्रमण पौधों के विकास की प्रारंभिक अवस्थाओं में होने पर अधिक हानि हो सकती है। गेहूं की खेती में पीला, भूरा व काला रतुआ से बचाव के लिए किसान मैन्कोजेब (एम. 45 ) नामक दवाई का 800 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें। आवश्यकता पड़ने पर 10 से 15 दिन के अंतराल पर दूसरा छिड़काव Wheat herbicide करें।

खरपतवार नाशक दवाई का इस्तेमाल करते ये रखें सावधानी

क्लोडिनफॉप/ फिनोक्साप्रॉप / फिनोक्साइडेन को 2.4 डी के साथ न मिलाएं, 2.4डी का छिड़काव पहले छिड़काव के एक सप्ताह के बाद करें। खरपतवारनाशी Wheat herbicide की अनुशासित मात्रा से कम या अधिक मात्रा में छिड़काव न करें। साथ ही खेत में खरपतवार के बीज न बनने दें।

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