क्या डीएपी की जगह एनपीके खाद डाल सकते है? किसके इस्तेमाल से ज्यादा फायदा, जानें दोनों में अंतर

फसल की अच्छी पैदावार के लिए एनपीके डालें या डीएपी (NPK and DAP fertilizers) ? जानें दोनों में अंतर एवं क्षमता..

NPK and DAP fertilizers | आमतौर पर परंपरागत खेती के दौरान किसान एनपीके के स्थान पर रासायनिक खाद का इस्तेमाल सही प्रकार से नहीं कर पाते हैं, इसी कारण खेती में फसलों का उत्पादन प्रभावित होता है। किसानों को यह पता नहीं रहता है कि रबी एवं खरीफ सीजन की फसलों के दौरान कौन-कौन सा रासायनिक खाद किस फसल के लिए उपयुक्त होता है। ऐसे में रासायनिक उर्वरक NPK and DAP fertilizers डालने से खेती की लागत बढ़ जाती है, लेकिन उत्पादन लागत के अनुरूप नहीं हो पाता है।

बिना जानकारी के उपयोग में न ले खाद/उर्वरक

रबी एवं खरीफ दोनों फसलों के लिए एनपीके एवं डीएपी खाद NPK and DAP fertilizers की आवश्यकता होती है। किसान दूसरों के द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार कभी भी कुछ भी अपनी फसलों में डाल देता है, जिससे कि फसलों को बहुत नुकसान होता है।

किसानों को इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए की, वह जो खाद-उर्वरक इस्तेमाल कर रहे है, वह उनकी फसल के लिए बेहतर है या नही? ऐसे में आज हम आपको चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में बतायेंगे की उनकी फसल के लिए डीएपी ज्यादा बेहतर रहेगा या फिर एनपीके NPK and DAP fertilizers साथ ही साथ जानेंगे इन दोनों में क्या अंतर है।

डीएपी (DAP) तथा एनपीके (NPK)

कई बार ऐसा होता है की किसान अपने खेत की मिट्टी को समझ नहीं पाता है, और दूसरों के द्वारा जो खाद बता दिया जाता है, वह खाद अपने खेतों में डाल देते है। अधिकतर किसानों को यह नही पता होगा कि, डीएपी (DAP) तथा एनपीके (NPK) में क्या अंतर है एवं इन्हें कब व कितना कितना उपयोग में लेना चाहिए। बता दे की, दोनों ही उर्वरक NPK and DAP fertilizers अलग-अलग पोषक तत्व को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

डीएपी (DAP) तथा एनपीके (NPK) में क्या अंतर है?

खेती किसानी के कार्यों में डीएपी एवं एनपीके NPK and DAP fertilizers दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले बात करते है डीएपी खाद की, तो इसमें फसलों को 2 प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं, 18 % नाइट्रोजन और 46 % फास्फोरस मिलता है। वही एनपीके खाद की बात करें तो इसमें 3 प्रकार के पौषक तत्व पाए जाते है: नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम।

डीएपी (DAP) एवं एनपीके (NPK) में से कौन सा ज्यादा अच्छा है?

NPK and DAP fertilizers : जैसा कि हमने ऊपर देखा की, डीएपी जिसमे सिर्फ 2 प्रकार के पौषक तत्व (नाइट्रोजन एवं फास्फोरस) पाए जाते है वही एनपीके में 3 प्रकार के पौषक तत्व (नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम) पाए जाते है। इसी प्रकार देखा जाए तो डीएपी की तुलना में एनपीके पौधे को ज्यादा पौषक तत्व प्रदान करता है।

इसलिए किसानों को डीएपी की जगह एनपीके का इस्तेमाल करना चाहिए। यह उर्वरक NPK and DAP fertilizers अलग अलग रेश्यो में उपलब्ध हो सकते है। लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है की, यदि आपकी मिट्टी का परीक्षण किया गया है ओर पोटेशियम की कमी नहीं देखने को मिलती है तो, फिर फसल में डीएपी का ही इस्तेमाल कर सकते है।

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पौधों में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम के फायदे

पौधे में नाइट्रोजन के फायदे :– पौधे के जड़ो को तेजी से बढ़ने में मदद करता है। यह पौधे के बढ़वार NPK and DAP fertilizers के लिए जरुरी पोषक तत्व है और इसके कमी से पौधे की बढ़वार रूक जाती है। यह पौधे में हरा रंग (क्लोरोफिल) को बढ़ाता है। यह पौधे के वानस्पतिक विकास के लिए जरुरी तत्व है। पौधे की वृद्धि के लिए जरूरी प्रोटीन और विटामिन निर्माण के लिए नाइट्रोजन जरूरी है।

पौधे में फॉस्फोरस के फायदे :– जड़ प्रणाली को विकसित करने में मदद करता है। पौधों में स्वस्थ बीज निर्माण तथा बीजों के वजन बढ़ने में मदद करता है। यह पौधे के तने और डंठल को मजबूती प्रदान करता है। पौधों में नए फूल और फल बनने में मदद करता है। यह फलों को आकार प्रदान करता है तथा परिपक्वता में मदद करता है। दलहनी फसलों NPK and DAP fertilizers में जड़ों की ग्रंथियों के निर्माण के लिए जरुरी है।

पौधे में पोटैसियम के फायदे :– पौधे में प्रोटीन की मात्रा तथा अनाज में शर्करा की मात्रा को बढ़ाता है। पौधे की रोग रोधन क्षमता को बढ़ाता है। अनाज के दानो में चमक लाता है। फलो को पकने में मदद करता है। उपज की गुणवत्ता में सुधार करता है। पौधों में कार्बोहाइड्रेट के संचरण में मदद करता है। जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। पौधे में सूखा सहन करने की क्षमता विकसित करता है।

डीएपी खाद क्या है?

NPK and DAP fertilizers : डायअमोनियम फास्फेट जिसे हम सामान्य भाषा में डीएपी (DAP) कहते है। इस खाद की खोज 1960 में की गई थी तब से लेकर अब तक इस खाद का प्रयोग किया जाता है। डीएपी (DAP) में 18% नाइट्रोजन होता है, जिसमें 15.5 प्रतिशत अमोनियम नाइट्रेट होता है, तथा 46% फास्फोरस होता है, जिसमें से 5 % का फास्फोरस पानी में घुलनशील होता है।

डीएपी खाद के उपयोग यह है

डीएपी खाद का उपयोग धान की फसल में कल्ले बढ़ाने में बहुत आवश्यक होता है। पौधों को अपने संपूर्ण काल में 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस NPK and DAP fertilizers होते हैं। डीएपी खाद मिट्टी में मिल कर पानी कि उपस्थिति में मिट्टी में घुल जाती है, और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है।

डीएपी खाद फसलों की जड़ों का विकास करती है, जैसे आपने कोई फसल बोई है और उसमें यह खाद डाली है तो यह खाद पौधों की जड़ों एवं कोशिकाओं का विभाजन करता है। जैसे किसी पौधे की शाखाएं बढ़ रही है तो यह उस पौधे की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है।

आमतौर पर फसले 130 से 140 दिनों की होती है, ऐसे में DAP 120 दिनों तक अच्छा कार्य कर सकती है। ऐसे में अगर आप किसी फसल में एक बार यह डाल NPK and DAP fertilizers देते हैं, तो आपको दोबारा से डालने की आवश्यकता नहीं होती है।

एनपीके (NPK) खाद क्या है?

पौधों में अक्सर दो तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जैसे मैक्रो तत्व (Macro Nutrients) जो कि पौधों को अधिक मात्रा में चाहिए होता है, और दूसरा सूक्ष्म तत्व (Micro Netrients) वह जो पौधों को काफी कम मात्रा में आवश्यक होते हैं। एनपीके का फुल फॉर्म कुछ इस तरह से है :-

  • N – नाइट्रोजन, जो कि पौधे के हरे भाग यानी पत्तियों NPK and DAP fertilizers के विकास के लिए आवश्यक होता है।
  • P – फास्फोरस, जो पौधे के फल और फूल बनने के लिए आवश्यक होता है।
  • K – पोटेशियम, जो पौधे के जड़ तना के विकास के लिए आवश्यक होता है।

एनपीके की कमी से क्या होता है ?

NPK खाद की कमी से पौधों का विकास रुक जाता है, जिससे पौधों की पत्तियां पीली पड़ जाती है और उनके फूल एवं फल का भी विकास रुक जाता है तथा उनका तना कमजोर होकर मुरझा जाता है। ऐसी स्थिति में आपकी फसलों को एनपीके खाद NPK and DAP fertilizers की बहुत आवश्यकता होती है, जिससे कि उन्हें वे सभी पोषक तत्व मिल सके जो उन्हें आवश्यक हो।

NPK का Ratio क्या है?

एनपीके के ratio के द्वारा हम पता कर सकते हैं, कि आपके खाद में कितने प्रतिशत कौन से तत्व हैं, जो कि आप की फसलों के लिए आवश्यक एवं सही है।

  • 1-1-1 Ratio का मतलब – आपके खाद में नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम तीनों ही बराबर मात्रा में इस तरह के खाद का उपयोग आप सभी पौधों NPK and DAP fertilizers के विकास के लिए कर सकते हैं।
  • 1-2-1 Ratio का मतलब – आपके खाद में नाइट्रोजन और पोटेशियम बराबर मात्रा में तथा फास्फोरस थोड़ी सी अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जिससे कि पौधों की जड़ों के विकास के लिए यह उपयुक्त माना गया है।
  • फूल एवं फलों के विकास के लिए 1-2-2 या 1-1-2 का Ratio होना चाहिए।
  • पतियों के विकास के लिए 2-1-1 या 3-1-1 का Ratio होना चाहिए।
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