गेहूं एवं अन्य रबी फसलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इस तरीके से करें भंडारण..

गेंहू सहित अन्य रबी फसलों की कटाई के बाद भंडारण (Wheat storage methods) की व्यवस्था कैसी करें, जानें आर्टिकल में पूरी जानकारी.

Wheat storage methods | पूरे देशभर में गेंहू, सरसों, चना, अलसी सहित अन्य रबी फसलों की कटाई लगभग खत्म हो गई है। फसलों की कटाई के बाद किसानों के पास सबसे बड़ी दिक्कत उनकी भंडारण की रहती है। कई बार किसानों को भंडारण की उचित जानकारी नहीं रहती है, जिसके चलते अनाज में नमी, दीमक, घुन और चूहे लग जाते है और अनाज बर्बाद हो जाता है। ऐसे में यदि किसान अपनी फसल का उचित भंडारण Wheat storage methods करें तो, वह अपनी फसल को बेचने तक सुरक्षित रख सकता है। अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए निम्न विधियों को अपना सकते है। जो की इस प्रकार से है :-

अनाज के लिए भंडारण गृह को तैयार करें

Wheat storage methods | केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, के कृषि विशेषज्ञ बताते हैं, “भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 15 फीसदी तक अनाज नमी, दीमक, घुन, बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है। सबसे पहले अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई कर दीमक और पुराने अवशेष आदि को बाहर निकालकर जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। दीवारों, फर्श और ज़मीन में अगर दरार हो तो उन्हे सीमेंट, ईंट से बंद करे दें, टूटी दीवारों की भी मरम्मत करा दें।”

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वह आगे बताते हैं, “अनाजों को अच्छी तरह से साफ-सुथरा कर धूप में सुखा लेना चाहिए, जिससे कि दानों में 10 फीसदी से अधिक नमी न रहने पाए। अनाज में ज़्यादा नमी रहने से फफूंद और कीटों का आक्रमण अधिक होता है। Wheat storage methods अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज़ करें तो समझना चाहिए कि अनाज भण्डारण के लायक सूख गया है।”

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ऐसे करें भण्डार गृह का चुनाव

Wheat storage methods | भंडारण में सबसे पहली बात आती है कि आप भंडारण कहाँ कर रहे हैं। इस पर डॉ. राजीव आगे बताते हैं, “भण्डारण के लिए वैसे भण्डार गृह का चयन करना चाहिए, जहाँ सीलन (नमी) न हो और चूहों से अन्न का बचाव किया जा सके।

भण्डार-गृह हवादार हो और ज़रूरत पड़ने पर वायुरूद्ध भी किया जा सके।” “भंडार पहले पक्के भण्डार गृह और धातु की कोठियों को साफ-सुथरा कर लेना चाहिए और कीटमुक्त करने के लिए मेलाथियान 50 फीसदी का पानी में 1:100 में बने घोल को दीवारों और फर्श पर प्रति एक सौ वर्ग मीटर में तीन लेयर घोल की दर से छिड़काव करना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “खौलते पानी में बोरियाँ डाल दें। बोरियों में अनाज भर कर रखने के पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक खौलते पानी में डाल देना चाहिए। इसके बाद धूप में अच्छी तरह सूखा देना चाहिए Wheat storage methods अथवा छिड़काव के लिए बने मेलाथियान 50 फीसदी के घोल में बोरियों को डुबाकर फिर बाहर निकालकर सुखा लेना चाहिए।

ठीक से सूख जाने के बाद ही उसमें अनाज भरना चाहिए। अनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से बीस से पच्चीस सेमी की ऊंचाई पर बाँस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार करना चाहिए, जो दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो। बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली जगह रखना फायदेमंद होता है। बादल छाए रहने, वर्षा होने या वातावरण में अधिक नमी रहने पर भंडारण Wheat storage methods नही करना चाहिए। पछुवा हवा चलते रहना भंडारण के लिए सही माना जाता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

Wheat storage methods | खुले हुए अनाज पर सीधे सूखे या तरल कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। चूहा शंकालु प्रकृति का होता है; इसलिए बदल-बदल कर विषाक्त चारा, चूहेदानी और टिकिया का इस्तेमाल करना चाहिए। अनाज में दवा डालने के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह धो लें।

भण्डारण में पुराने अनाज और भूसा वगैरह को निकालकर एक महीने पहले सफाई कर चूहों द्वारा किए गए छेद और अन्य टूट-फूट की मरम्मत कर नीम से शोधित करके अच्छी तरह से भण्डारण को बंद कर दें। इससे छिपे हुए कीट नष्ट हो जायेंगे।

अन्न का भण्डारण करते समय हवा के रुख को ज़रूर ध्यान में रखें अगर पुरवा हवा चल रही हो तब अन्न का भण्डारण न करें। अनाज भंडारण Wheat storage methods में नीम की पत्ती का प्रयोग करते समय नीम की पत्तियाँ सूखी होनी चाहिए। इसके लिए नीम की पत्तियों को भंडारण से 15 दिन पहले किसी छायादार स्थान पर कागज पर रख कर सुखा लें।

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