धान की खेती करने वाले किसानों को भरपूर पैदावार देगी गेंहू की पछेती किस्में (Wheat Variety)। आइए आपको बताते है इसकी डिटेल…
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Wheat Variety | धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है।
अब तापमान गेहूं की समय पर बुआई के लिए उपयुक्त हो गया है। देशभर में बुआई तेज़ी से हो रही है, और किसान समय, श्रम, तथा बीज बचाने के लिए मशीन से बुआई को प्राथमिकता दे रहे हैं।
किसानों को सलाह दी जाती है कि अधिक उपज प्राप्त करने के लिए वे बुआई के समय और स्थिति के आधार पर बहुत सावधानी से किस्मों का चयन करें। बीज किसी विश्वसनीय स्रोत से खरीदना चाहिए।
यहां आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है गेंहू की उन किस्मों के बारे में, जो देरी से बुवाई के लिए उपर्युक्त है। यह किस्में Wheat Variety धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बेस्ट ऑप्शन है। आइए आपको बताते है इनकी डिटेल…
समय पर बोई जाने वाली गेंहू की किस्में (Wheat Variety)
★ समय पर बुवाई के लिए किसान भाई डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 222, एचडी 3406, पीबीडब्ल्यू 826, पीबीडब्ल्यू 3226, एचडी 3086 डब्ल्यूएच 1105 किस्म का चयन कर सकते है।
जिन्हें सिंचित, समय पर बोया गया (20 नवंबर तक) तक बोया जा सकता है। यह किस्में एनडब्ल्यूपीजेड के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान का कुछ भाग, पश्चिम यूपी जैसे क्षेत्रों के लिए अनुशंसित की गई है।
★ गेंहू की डीबीडब्ल्यू 187, पीबीडब्ल्यू 826, एचडी 3411, डीबीडब्ल्यू 222, एचडी 3086, के 1006 किस्म को सिंचित, समय पर बोया गया (20 नवंबर तक) तक बोया जा सकता है। यह किस्में एनईपीजेड तकनीक हेतु पूर्वी यूपी, बिहार, बंगाल, झारखंड के लिए उपर्युक्त है। : Wheat Variety
★ सीजेंड तकनीक हेतु एमपी, गुजरात, राजस्थान के लिए गेंहू की डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 187, एचआई 1636, एमएसीएस 6768, जीडब्ल्यू 366 किस्म का चयन कर सकते है। जो की, सिंचित और समय पर बुवाई (20 नवंबर तक) के लिए उपर्युक्त है।
★ पीजेड तकनीक हेतु महाराष्ट्र, कर्नाटक के लिए गेंहू की डीबीडब्ल्यू 168, एमएसीएस 6478, यूएएस 304, एमएसीएस 6222 किस्म का चयन कर सकते है, जिन्हें 20 नवंबर तक बोया जा सकता है। : Wheat Variety
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देर से बोई जाने वाली गेंहू की किस्में
Wheat Variety | देरी से बुवाई के लिए किसान भाई गेंहू की 261, पीबीडब्ल्यू 752, एचडी 3407, एचआई 1634, सीजी 1029, एमपी 3336 किस्म का चयन कर सकते है। जिन्हें सीजेड तकनीक हेतु एमपी, गुजरात, राजस्थान में 30 नवंबर तक बोया जा सकता है।
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बहुत देर से बोई जाने वाली किस्में
बहुत देर से बोई जाने वाली किस्मों में गेंहू एचडी 3271, एचआई 1621, डब्ल्यूआर 544 किस्म का नाम सबसे ऊपर आता है। जो सिंचाई बहुत देर से बुवाई (25 दिसंबर से आगे) हेतु उपर्युक्त है। यह किस्में सभी इलाकों के लिए अनुशंसित की गई है। : Wheat Variety
गेहूं की फसल के लिए क्षेत्रवार बुआई बीज दर एवं उर्वरक की मात्रा
सिंचित, समय पर बोया गया गेंहू : इन किस्मों के लिए 100 किग्रा/ हेक्टर बीज दर पर्याप्त है। इनकी खेती में 150:60:40 किया एनपीके हे. (बुवाई के समय बेसल के रूप में 1/3 एन और पूर्ण पी और के और शेष एन को पहली और दूसरी सिंचाई में दो बराबर भागों में विभाजित करें) उर्वरक का इस्तेमाल करें।
सिचित, देर से बोया गया : इनमें 125 किलोग्राम /हैक्टर बीज दर रखें। उर्वरक का उपयोग 120:60:40 किग्रा एनपीके है (1/3 एन और पूर्ण पी और के बुआई के समय बेसल के रूप में और शेष एन पहली और दूसरी सिंचाई में दो बराबर भागों में) करें। : Wheat Variety
सिचित, बहुत देर से बोया गया : इन किस्मों में भी 125 किया/हैक्टर बीज दर रखें। खाद एवं उर्वरक का उपयोग 90:60:40 किया एनपीके है (1/3 एन और पूर्ण पी और के बुआई के समय बेसल के रूप में और शेष एन पहली और दूसरी सिंचाई में दो बराबर आगाँ में) करें।
किसानों के लिए जरूरी सुझाव
लागत कम करने और जल बचाने के लिए समय पर सिंचाई करें।
अधिक उपज के लिए बुआई के समय और स्थिति के अनुसार सावधानीपूर्वक किस्मों का चयन करें।
विश्वसनीय स्रोतों से ही बीज खरीदें।
समय पर बुआई करें और देरी से बचें ताकि फसल परिपक्वता के समय गर्मी के प्रतिकूल प्रभावों से बचा जा सके। : Wheat Variety
अपने क्षेत्र के अनुसार सर्वोत्तम उपयुक्त किस्म का चयन करें।
अधिक उपज के लिए उर्वरक, सिंचाई, शाकनाशी और कवकनाशी का इष्टतम उपयोग करें।
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