गेंहू की अच्छी पैदावार के लिए डालें जिंक सल्फेट, जानें कब कब एवं कितना कितना छिड़काव करें

गेंहू की फसल में जिंक (Zinc in Wheat Crop) की कमी से हो सकता है भारी नुकसान, जानें इसके वैज्ञानिक उपचार..

Zinc in Wheat Crop | रबी सीजन में देश के किसान अपने खेतों में गेहूं की फसल प्रमुख रूप से करते हैं। गेहूं की फसल से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान कई तरह के कार्यों को करते हैं। ताकि गेहूं की फसल अच्छे से विकसित हो सके।

लेकिन अक्सर देखा जाता है की, गेहूं की फसल में अक्सर जिंक की कमी के चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण व उपचार Zinc in Wheat Crop की जरूरी कृषि सलाह जारी की है। ताकि किसान समय रहते इसपर नियंत्रण कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सके।

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गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण (Zinc in Wheat Crop)

हरियाणा कृषि विभाग के द्वारा जारी की गई गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण व उपचार के लिए निम्नलिखित कृषि सलाह जारी की है, जो कुछ इस प्रकार से हैं:-

  • जस्ते की कमी में गेहूं Zinc in Wheat Crop के पत्तों पर झुलसे रंग की (जैसा कि लोहे पर जंग लगने से होता है) बारीक लाइनें या धब्बे दिखाई देते हैं।
  • पौधों की पीलापन : गेहूं की फसल में जिंक की कमी से फसल के पत्ते पीले हो जाते हैं, जिससे फसल का सामान्य रूप से हरा रंग पीला हो जाता है।
  • पत्तों में सूखापन : जिंक की कमी से पत्तियां सूखने लगती है जिससे पौधों की सही फोटोसिंथेसिस नहीं हो पाती है, जिससे इनके उत्पादन में कमी देखने को मिलती है।
  • बीज की विकसित में कमी : जिंक की कमी से बीज की विकसित होने की गति में कमी देखने को मिलती है। इसके अलावा इससे अच्छे गुणवत्ता वाले फसल के विकास Zinc in Wheat Crop में भी दिक्कतें होना शुरू हो जाती है।

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गेहूं की फसल में जिंक की कमी के उपचार

Zinc in Wheat Crop | किसानों को गेहूं की फसल में एक किलोग्राम जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) व आधा किलोग्राम चूना (बुझा हुआ) 200 लीटर पानी में घोलकर मलमल के कपड़े से छानकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. ऐसा करने से किसान को गेहूं की पैदावार में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

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