किसान उत्पादक संगठन FPO किसानों को लाभ पहुंचा रहे हैं जानें ऐसे ही एक FPO success story के बारे में..
FPO success story | किसान उत्पादक संगठनों से किसानों को अच्छा फायदा मिल रहा है। इन संगठनों के माध्यम से एक तरफ किस जागरूक हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर इन्हें खेती किसानी की नई-नई तकनीकों से रूबरू होने का अवसर मिल रहा है।
किसानों के बीच किसानों का ही संगठन होने के कारण किसान कृषि उत्पादक संगठनों से आसानी पूर्वक जुड़ रहे हैं। सरकार भी किसान उत्पादक संगठन FPO success story अर्थात फार्मर्स एवं प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन को आर्थिक मदद प्रदान कर रही है। किसान उत्पादक संगठन अपने क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं। ऐसे ही एक संगठन की पूरी जानकारी इस खबर में पढ़िए..
एमपी के इस एफपीओ की पूरी कहानी जानिए
FPO success story | प्रदूषण कम करने की दिशा में प्रदेश के युवा किसानों ने नवाचार किया है। इन किसानों ने सीड लाइफ नाम से एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) बनाया है, जो खेती की गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण को कम करेगा।
इस एफपीओ से अभी तक धार जिले के 24 गांवों के किसानों को जोड़ा जा चुका है। इस एफपीओ में 60 गांवों के 2500 किसान जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक इस मुहिम से 262 किसान जुड़ चुके हैं। एफपीओ अध्यक्ष के मुताबिक पहले चरण में 500 किसानों को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही 500 हेक्टेयर जमीन इस प्रोजेक्ट में शामिल की जाएगी।
एफपीओ के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश मारू कहते हैं, गेहूं की फसल से निकलने वाली पराली या नरवाई के प्रबंधन पर काम करने जा रहे हैं। किसानों को इस बात के लिए तैयार कर रहे हैं कि वे पराली को खेत में न जलाएं। इसे भूसा बनाकर खेत की मिट्टी में ही मिला दें, जो कुछ समय में खाद बन जाएगा। इस तरह पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण को कम करके हम कार्बन क्रेडिट कमा सकेंगे। कार्बन क्रेडिट एफपीओ FPO success story के खाते में जमा होते जाएंगे।
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यह एफपीओ ऑर्गेनिक फार्मिंग, खेती के कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने, धुआं रहित चूल्हों का निर्माण और पानी की स्वच्छता पर काम करेगा। सहकारिता विभाग की उपायुक्त वर्षा श्रीवास बताती हैं, एफपीओ का गठन सहकारी संस्था के रूप में किया गया है। संस्था के सदस्य किसान पराली नहीं जलाएंगे और इसे कार्बन क्रेडिट में परिवर्तित कर देंगे। कार्बन क्रेडिट बड़ी कंपनियों को बेचकर इससे मिलने वाली राशि लाभांश के रूप में किसानों को मिलेगी।
FPO success story | किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा
सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पहला एफपीओ है, जो इस तरह का काम कर रहा है। भविष्य में 60 गांवों के 2500 किसानों को जोड़ा जाएगा। एक टन पराली जलाने में 50 किलो कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में उत्सर्जित होती है।
एक साथ कई किसानों को पराली जलाने से रोक इसे कार्बन क्रेडिट में बदल दिया गया तो प्रदूषण कम होगा। कार्बन क्रेडिट की बिक्री से किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा। एफपीओ के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश मारू के अनुसार खेतों में कम्पोस्ट बनाने के पिट भी लगाए जा रहे हैं। पराली काटने और भूसा बनाकर मिट्टी में मिलाने के लिए मल्चर, पॉवर ट्रिलर मशीनें खरीदी जाएंगी।
किसान उत्पादक संगठन FPO success story कैसे बनाए जाते हैं इसके लिए क्या करना होगा? इस संगठन के लिए पात्रता क्या है? आवश्यक दस्तावेज और अन्य पूरी जानकारी पढ़ने के लिए क्लिक करें.👉 किसान एफपीओ योजना: किसानों को सरकार से मिलेंगे 15 लाख रू, जानें पात्रता, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया..
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