न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP wheat purchase के भुगतान संबंधी बड़ी खबर.. सरकार ने यह आदेश जारी किया..
MSP wheat purchase | मध्य प्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो चुकी है। हालांकि इस वर्ष गेहूं के भाव मंडी में अच्छे मिलने के कारण किसान अपने उपज भेजने के लिए समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर कम पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद कई किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने के लिए स्लॉट बुक कर रहे हैं। इसी दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय संबंधी एक आदेश (MSP wheat purchase) से किसानों में हड़कंप है। आईए जानते हैं पूरी डिटेल..
₹2400 प्रति क्विंटल पर हो रही सरकारी खरीदी
गेहूं का समर्थन मूल्य MSP wheat purchase केंद्र सरकार ने 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है इस भाव के अतिरिक्त राज्य सरकार 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है बोनस दिए जाने संबंधी आदेश जारी हो चुका है। इस हिसाब से इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2400 प्रति क्विंटल है हालांकि यह भाव मंडी भाव के समकक्ष ही है।
मंडियों में इस समय गेहूं के यही भाव चल रहे हैं। इतना ही नहीं गेहूं की कुछ वैरायटियों जैसे पूर्णा, लोकवन, शरबती, JW 513, एच आई 1634, GW 322, सुरभि आदि वैरायटियों जो की चपाती बनाने के लिए उपयुक्त है इनके भाव 2600 से 2700 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक बने हुए हैं। MSP wheat purchase
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सरकार ने गेहूं खरीदी के लिए यह लक्ष्य तय किया
कृषि मंत्रालय ने इस साल गेहूं की फसल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस साल इसका उत्पादन करीब 11.4 करोड़ टन से लेकर 11.5 करोड़ टन होने का अनुमान है। सरकार इस बार सिर्फ 3.41 करोड़ टन गेंहू की खरीद करेगी। यह लक्ष्य पिछले साल के मुकाबले कम हैं। सरकार ने 2023-24 में 2.62 करोड़ टन गेहूं की खरीदा था। वहीं 2022-23 में 4.44 करोड़ टन गेहूं MSP wheat purchase खरीदा था।
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समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में किसानों की रुचि कम
गेहूं के भाव मंडियों में अच्छे बने रहने से इस वर्ष भी सरकारी खरीदी कम होने की संभावना है। व्यापारी वर्ग बताता है कि समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद मंडी भाव में ₹200 प्रति क्विंटल तक की बढ़त हो सकती है। व्यापारियों का कहना है कि यह बढ़त सरकारी खरीदी MSP wheat purchase शुरू होने के बाद होगी।
विश्लेषकों की मानें तो इस वर्ष गेहूं के चपाती बनाने वाली वैरायटियों के भाव 3500 रुपए प्रति क्विंटल को टच कर सकते हैं। भाव अधिक रहने की प्रमुख वजह इस वर्ष गेहूं की पैदावार MSP wheat purchase कम होना है। किसानों के अनुसार इस वर्ष उपज 8 से 10 क्विंटल प्रति बीघा हो रही है। मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में इससे भी काम उपज हो रही है। किसानों के अनुसार खेतों में पकने वाला गेहूं मौसम से प्रभावित हो चुका है।
आधार लिंक बैंक खाता में होगा भुगतान
किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और IFSC कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
जनधन, अक्रियाशील, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीयन में मान्य नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा किसानों को उनकी उपज के मूल्य MSP wheat purchase का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में गेहूं बेचने के 48 घंटे में नियमानुसार कर दिया जाएगा। खाद्य विभाग के अधिकारी भुगतान की अधिकतम अवधि 7 दिन की बता रहे हैं।
सरकार के इस आदेश के पश्चात आफत में किसान
न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं उपार्जन के भुगतान MSP wheat purchase संबंधी एक आदेश के पश्चात किसान आफत में आ गए हैं इससे किसानों में हड़कंप मच गया है। दरअसल सरकार ने आदेश दिया है कि जिन किसानों पर कृषि ऋण बकाया है उन किसानों द्वारा यदि समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय किया जाता है तो उसकी 50% राशि ऋण खाते में जमा कर ली जाए।
अर्थात समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के बाद किसानों को विक्रय किए गए गेहूं की आदि कीमत ही मिल पाएगी बाकी ऋण खाते में जमा हो जाएगी।
जिन किसानों पर कृषि ऋण बकाया है एवं जिन्होंने समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के लिए पंजीयन करवाया है उन किसानों को इस आशय के मैसेज मोबाइल पर भेजे जा रहे हैं। किसानों के मोबाइल पर ऋण वसूली के मैसेज आने लगे हैं। समर्थन मूल्य MSP wheat purchase पर गेहूं बेचा तो 50 प्रतिशत तक ऋण राशि काटकर किसानों को भुगतान होगा। इस आदेश के पश्चात किसानों में हड़कंप मच गया है।
सरकार ने यह भी निर्देश जारी किए
शासन ने निर्देश जारी किया है कि सभी उपार्जन केन्द्रों पर निर्बाध और सुचारू रूप से खरीदी की जाए। जिला स्तर पर सभी एसडीएम तहसीलदार अपने क्षेत्र में उपार्जन केंद्रो की सतत निगरानी करें।
किसानों की सुविधा के लिए प्रत्येक उपार्जन केंद्र MSP wheat purchase पर पंखा, छन्ना, शेड,पेयजल आदि की सुविधा उपलब्ध हो। केंद्रो पर खरीदी के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रहें। सभी एसडीएम एवं उपार्जन संबंधी अधिकारी किसानों से भी निरंतर संवाद बनाए रखें। किसानों द्वारा बताई गई समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए।
कृषि ऋण चुकाने के लिए सरकार ने यह तिथि घोषित की
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों लाखों किसान कृषि ऋण लेते हैं। किसानों द्वारा खरीफ फसल के लिए लिया गया ऋण 28 मार्च और रबी फसल के ऋण को 15 जून तक चुकाना होता है। यह अवधि बीतने पर 13 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलने का प्रावधान है। इसकी गणना ऋण लेने के दिनांक से की जाती है। इसी ऋण को चुकाने की अवधि को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि खरीफ 2023 सीजन में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि 28 मार्च, 2024 से बढाकर 30 अप्रैल, 2024 रखी जाये। कृषि ऋण चुकाने की अवधि बढ़ाए जाने के पश्चात बैंक की ओर से ऋण समायोजन के मैसेज आने से किसान किसानों की परेशानी बढ़ गई है। MSP wheat purchase
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