खेती किसानी से 8 साल में करोड़पति बना किसान, सालाना टर्नओवर 7 करोड़ रुपये से ज्यादा, पीएम मोदी ने दिया अवार्ड

परंपरागत खेती के स्थान पर जैविक खेती करके किसान करोड़पति बना, पढ़िए किसान की सक्सेस स्टोरी Millionaire Farmer Success Story..

Millionaire Farmer Success Story | देश की 53% आबादी खेती पर निर्भर है। देश में खेती का रकबा अधिक होने के बावजूद किसानों की स्थिति अच्छी नहीं है। इसका प्रमुख कारण किसानों द्वारा अभी भी परंपरागत खेती करना हैं वहीं खेती किसानी के दौरान अत्यधिक फर्टिलाइजर एवं कीटनाशक दवाइयां का उपयोग कर रहे हैं इससे खेती लगातार बंजर होती जा रही है। वहीं लगातार खेती में लागत बढ़ रही है।

इसके विपरीत कई किसान ऐसे हैं जो जैविक ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं एवं अच्छा लाभ कमा रहे हैं ऐसे ही एक किसान को पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया। इस किसान ने 8 साल पहले जैविक खेती शुरू की थी इन 8 सालों के दौरान किसान ने करोड़पति Millionaire Farmer Success Story बनने तक का सफर तय किया। आईए जानते हैं इस किसान की सक्सेस स्टोरी..

किसान की सालाना टर्नओवर 7 करोड़

Millionaire Farmer Success Story | मौजूदा वक्त में बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो फसलों से अधिक उपज पाने के प्रयास में ज्यादा से ज्यादा रासायनिक उर्वरकों का सहारा ले रहे है। वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जो रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल छोड़ जैविक खाद का इस्तेमाल कर रासायनिक उर्वरक के मुकाबले अधिक उपज प्राप्त करने के साथ ही करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।

उन्हीं किसानों में से एक दिल्ली के जट खोर में रहने वाले लक्ष्य डबास भी हैं। लक्ष्य डबास लगभग एक दशक से आर्गेनिक फार्मिंग और नेचुरल फार्मिंग Millionaire Farmer Success Story से जुड़े हुए हैं। इनकी आमदनी परंपरागत तरीके से खेती कर रहे किसानों की तुलना में काफी अधिक है। इनकी सालाना टर्नओवर लगभग 7 करोड़ रुपये है।

2016 में शुरू मैं शुरू की थी कि खेती

दिल्ली के जट खोर के रहने वाले प्रगतिशील किसान लक्ष्य डबास ने 2016 में जैविक खेती करने की शुरुआत की थी। मुक्त किसान पिछले 8 वर्षों से खेती कर रहे हैं और हज़ारों युवाओं को जैविक खेती की ट्रेनिंग दे चुके हैं। खेती के प्रति अपनी लगन और मेहनत की बदौलत आज लक्ष्य अच्छा मुकाम हासिल करने के साथ अन्य किसानों के लिए मिसाल Millionaire Farmer Success Story बन गये हैं।

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प्रगतिशील किसान लक्ष्य डबास ने बताया कि कृषि क्षेत्र में उनका सफर 2016 में शुरू हुआ था। इससे पहले उन्हें खेती-किसानी की विशेष समझ नहीं थी। मेरे पिता जी सरकारी नौकरी के साथ में साल 2000 से नेचुरल फार्मिंग यानी प्राकृतिक खेती कर करते थे।

जैविक खेती में बनाया करोड़पति

अपने पिता द्वारा की जाने वाली नेचुरल फार्मिंग से प्रेरणा लेकर युवा किसान लक्ष्य डबास ने 2016 में खेती Millionaire Farmer Success Story करनी शुरू की। इसके दो साल बाद उनके भाई मृणाल भी उनके साथ जुड़े और दोनों ने साथ मिलकर काम करना शुरू किया।

धीरे-धीरे उन्होंने खेती का विस्तार किया और आज वे सफल तरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में उनकी काफी बड़ी मार्केट है और आज वे कई तरह के प्राकृतिक उत्पाद बेच रहे हैं। प्राकृतिक एवं जैविक खेती से किसान ने करोड़पति बनने तक का सफर तय किया।

यूट्यूब पर लाखों किसानों को सिखाते हैं खेती के गुर 

Millionaire Farmer Success Story | लक्ष्य डबास लंबे समय से जैविक और प्राकृतिक (organic and natural) खेती कर रहे हैं। लक्ष्य डबास, सोशल प्लेटफॉर्म ‘यूट्यूब YouTube’ पर काफी फेमस हैं। इनके द्वारा बनाए गए वीडियो को लाखों किसानों के द्वारा देखा जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर लक्ष्य डबास देश में जैविक खेती की आवश्यकता पर प्रकाश डालते है।

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इन्होंने 30 हजार से अधिक किसानों को खेती के तरीकों और फसलों को कीड़ों-मकोड़ों से बचाने के बारे में प्रशिक्षण दिया है। लक्ष्य ने बताया कि जब हमारा काम अच्छा चल रहा था, तो कई युवा हमसे प्रभावित हुए और वे भी हमारी तरह खेती करना चाहते थे। जिसके लिए हमने युवाओं को ट्रेनिंग देना शुरू किया।

उस दौरान मुझसे काफी लोग सवाल पूछते थे। उन सभी सवालों का जवाब एक जगह पर देने के लिए मैंने एक यूट्यूब चैनल Millionaire Farmer Success Story की शुरुआत की। जिस पर लोग सवाल पूछते गए और मैं जवाब देता गया। धीरे-धीरे लोगों के बीच हमारी पहुंच बढती गई और हमारा सोशल मीडिया मजबूत होता गया ।वही, लक्ष्य डबास का खुद का एक ब्रांड भी है, जिसका नाम Organic Acre है।

ऑर्गेनिक खेती को कमाई का जरिया बनाया

Millionaire Farmer Success Story | प्रगतिशील किसान लक्ष्य के पास लगभग 13 एकड़ निजी जमीन है, जिस पर खेती करते हैं। इस जमीन पर यह किसान औषधीय फसलों, फल-सब्जी, गेहूं और धान जैसी फसलों की खेती करते हैं। उनके पास एक पोल्ट्री फार्म भी है जिसमें वह मुर्गी पालन करते हैं। इसके अलावा, वह फूड प्रोसेसिंग का काम भी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ हजारों किसान जुड़े हुए हैं, जो उनके जरिए अपनी फसलों की मार्केटिंग करवाते हैं। इससे किसानों के साथ-साथ उनका भी फायदा होता है।

उन्होंने बताया कि वह प्राकृतिक रूप से खेती करते हैं और अपनी फसलों में रसायनों का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करते। वह खुद ही अपने फार्म में प्राकृतिक खाद तैयार करते हैं और उसी को खेतों में डालते हैं।

उन्होंने बताया कि हम मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरता पर विशेष ध्यान देते हैं, जो फसल की पैदावार Millionaire Farmer Success Story के लिए महत्वपूर्ण होती है। अगर जमीन उर्वरता अच्छी होगी, तो पैदावार भी अच्छी होगी। इसी वजह से हम प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल, खेती-बाड़ी, फूड प्रोसेसिंग, फसलों की मार्केटिंग और अन्य कामों से वह सालाना 7 करोड़ रुपये का टर्नओवर जनरेट कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने किया सम्मानित

Millionaire Farmer Success Story | पीएम मोदी ने भारत मंडपम नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार National Creators Award में लक्ष्य डबास को खेती में नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ कृषि तकनीक में सुधार पर काम के लिए सबसे प्रभावशाली कृषि निर्माता का पुरस्कार/ Most Influential Agri-Producer Award दिया। यह पुरस्कार लक्ष्य डबास के भाई मुकेश ने प्राप्त किया।

रासायनिक से ऑर्गेनिक खेती क्यों बेहतर है जानिए 

किसान साथियों जितने भी फोस्फेट होते हैं वो हमारी मिट्टी की पीएच बढ़ाने का काम करते हैं | जितनी पीएच ज्यादा बढ़ेगी Millionaire Farmer Success Story उतने पोषक तत्व पौधे को कम मिलेंगे, उसके लिए हम और ज्यादा खाद डालेंगे जिस से पीएच और ज्यादा बढ़ेगी, वो दिन दूर नहीं जब पीएच इतनी बढ़ जाएंगी कि चाहे हम कुछ डालें लेकिन पौधे को पोषक तत्व उपलब्ध नहीं होगें।

फोस्फेट का मतलब हैं कि पौधा फोस्फोरस को फोस्फेट फार्म में लेता हैं जैसे सल्फर को सल्फेट, नाइट्रोजन को नाइट्रेट फार्म में लेता हैं। फोस्फेट यानि कि डीएपी (डाई अमोनियम फोस्फेट), SSP ( सिंगल सुपर फोस्फेट) आदि खाद मिट्टी में मौजूद अन्य पोषक तत्वों के साथ मिलकर कंपाउंड बना लेती हैं जिसकी वजह से पौधे को पोषक तत्व उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।

यहीं कारण हैं कि डीएपी सिर्फ 20 प्रतिशत ही पौधे को उपलब्ध हो पाती हैं बाकि फिक्स Millionaire Farmer Success Story हो जाती हैं और धीरे धीरे पीएच बढ़ाने का काम करती हैं। जितनी पीएच बढ़ेगी उतनी जमींन बंजर होने की तरफ जाती जाएंगी। यही कारण है की जमीन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती अत्यधिक आवश्यक है।

विशेष नोट – जहां हल्की मिट्टी हैं और पीएच 8 से ज्यादा हैं वहां SSP बिल्कुल भी ना डाले क्योंकि SSP की मात्रा ज्यादा डालनी पड़ती हैं | आपको उतनी ही पैदावार के लिएं हर साल 10 प्रतिशत SSP की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी।

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1 thought on “खेती किसानी से 8 साल में करोड़पति बना किसान, सालाना टर्नओवर 7 करोड़ रुपये से ज्यादा, पीएम मोदी ने दिया अवार्ड”

  1. पी एच को लेकर बहुत अच्छी जानकारी दी गई है। धन्यवाद।

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