धान एवं गेहूं के समर्थन मूल्य को लेकर जरूरी खबर। दोनों कृषि जिंसों सहित अन्य रबी फसलों के MSP 2024-25 में होगी वृद्धि, पढ़ें डिटेल..
MSP 2024-25 | लोकसभा चुनाव 2024 के पश्चात हाल ही में मध्य प्रदेश और बिहार समेत 7 राज्यों की 13 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। इनमें से I.N.D.I.A ने 10, NDA ने 2 सीटें जीतीं। इन नतीजे के पश्चात मोदी सरकार फिर आत्म मंथन करने में लग गई है। मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के शुरुआत में ही किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया था।
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालते ही सर्वप्रथम पीएम किसान योजना की फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। वहीं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र में उन्नति के लिए 100 दिन की कार्य योजना बनाई। इसी कार्य योजना के तहत खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2024-25 में वृद्धि की गई।
हरियाणा, महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसे देखते हुए सरकार किसानों को खुश करने के हर संभव प्रयास में लग गई है। किसानों की सम्मान निधि की राशि बढ़ने वाली है, वहीं एमएसपी को लेकर भी बड़ा फैसला होने वाला है। आईए जानते हैं MSP 2024-25 को लेकर यह जरूरी खबर.. MSP 2024-25
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है
खरीफ एवं रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है। MSP 2024-25
फसलों पर MSP कैसे तय होता है?
MSP 2024-25 फसलों का उचित दाम दिए जाने के लिए केंद्र सरकार ने 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (CACP) का गठन किया था। CACP ही MSP तय करता है। देश में पहली बार 1966-67 में MSP की दर से फसलों की खरीदी की गई थी। राज्य सरकार भी इसे लागू कर सकती है।
2004 में कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स यानी किसान आयोग बनाया था। इसके अध्यक्ष एमएस स्वामीनाथन थे। इस कारण इसे स्वामीनाथन आयोग भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य किसानों से जुड़ी समस्याओं का पता लगाकर उनका हल पता करना था।
दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 के बीच किसान आयोग ने 5 रिपोर्ट तैयार की थीं। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रिपोर्ट MSP को लेकर थी। आयोग ने बताया कि MSP क्या होना चाहिए। MSP 2024-25
MSP को लेकर स्वामीनाथन आयोग का फॉर्मूला
स्वामीनाथन आयोग ने कहा कि जो MSP होगा वह फसल की लागत से 50% होगा। मान लीजिए कि एक फसल को उगाने में किसान के 1000 रुपए लगे। इसमें 50% यानी 500 रुपए जोड़ा जाए तो कुल MSP 1500 रुपए होगी। इसे C2+50% फॉर्मूला कहा जाता है। C2 मतलब कॉस्ट है। स्वामीनाथन आयोग द्वारा दिए गए फार्मूले के अनुसार गेहूं का समर्थन मूल्य इस समय 2478 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए, जबकि अभी यह 2275 रुपए प्रति क्विंटल है।
ऐसे में गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की संभावना बढ़ गई है, हाल ही में केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। वही राज्य सरकारों को यह निर्देश भी दिया है कि वह अपने स्तर पर समर्थन मूल्य तय करें। चालू वित्त वर्ष में भी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश सरकार में गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपए का बोनस जोड़कर 2400 रुपए प्रति क्विंटल के मान से किसानों से गेहूं की सरकारी खरीदी की थी। MSP 2024-25
धान की MSP ₹117 बढ़ाकर ₹2300 की
केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। जून महीने में केंद्र सरकार ने धान की नई MSP 2,300 रुपए तय की है, जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए धान का समर्थन मूल्य के अतिरिक्त इसमें बोनस जोड़ा जाएगा। सीजन की शुरुआत के दौरान स्वामीनाथन आयोग द्वारा तय किए गए फार्मूले के अनुसार दान का समर्थन मूल्य 2515 रुपए प्रति क्विंटल हो सकता है। वहीं दूसरे और अगले सीजन के पहले धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3100 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की संभावना है।
एमएसपी वृद्धि को लेकर रोड मैप बनाने के निर्देश
MSP 2024-25 ; केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने स्तर पर एमएसपी में वृद्धि करने की छूट दी है। इसके बाद साथ राज्य सरकारों ने रवि फसलों की एमएसपी वृद्धि की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव 2023 के पहले जारी किए गए अपने संकल्प पत्र के अनुसार धन को 3100 रुपए एवं गेहूं को 2700 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने इसके लिए मंत्रालय के अधिकारियों को रोड मैप तैयार करने के निर्देश जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा चुनाव के दौरान तैयार किए गए भाजपा के संकल्प पत्र को मंत्रालय में अफसरों को सौंप दिया है और अब इस संकल्प पत्र पर अमल के लिए अफसरों ने कवायद शुरू कर दी है। सात दिन में अफसरों को संकल्प पत्र पर अमल के लिए रोडमैप तैयार करना है। भाजपा के संकल्प पत्र को अब धरातल पर उतारने के क्रम में सरकार जहां किसानों से धान 3100 तो गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदेगी।
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