खरीफ फसलों में फंगस से जुड़े कई प्रकार के रोग (Fungus Disease) लग रहे है, ऐसे में किसान भाई यहां दी गई दवाई का उपयोग करें, मिलेगा बढ़िया रिजल्ट।
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Fungus Disease | सोयाबीन, धान सहित अन्य खरीफ फसलें अभी 50 से 60 दिनों की हो गई है। इस समय अधिकतर खरीफ फसलों के पौधे में दाने भरने की स्थिति में है।
इस स्थिति में फंगस से जुड़े शीथ ब्लाइट, पाउडरी फ़ंगस, स्कैब, और अल्टरनेरिया जैसी कई तरह की बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
इन बीमारियों का जल्द से जल्द निदान ना किया जाए तो यह पौधे की बड़वार को प्रभावित करती है। साथ ही दाने भी छोटे एवं पतले हो जाते है।
ऐसे में हम आपको बताने वाले है एक ऐसी फंगिसाइड दवाई के बारे में, जिससे फंगस से जुड़े सभी प्रकार के रोगों Fungus Disease से छुटकारा पाया जा सकता है।
आइए जान लेते है कौन सी है वह दवाई एवं इसे फसलों में कितना छिड़का जाना चाहिए एवं इसकी कीमत क्या है…
कौन सी है वह दवाई?
Fungus Disease | हम जिस दवाई के बारे में यहां बात कर रहे है वह है बेस्ट एग्रोलाइफ का ‘ ट्राइकलर फंगीसाइड ‘। जो की, पिछले वर्ष 2023 में बेस्ट एग्रोलाइफ (बीएएल) ने हाल ही में आंध्र प्रदेश में लॉन्च किया था।
यह दवाई सभी प्रकार के कवकनाशियों (fungus) से जुड़े सभी रोगों के नियंत्रण में सहायक है।
गेंहू धान सोयाबीन मक्का मुंग उड़द मिर्च टमाटर और आलू के साथ साथ सभी प्रकार की फसलों में छिड़काव Fungus Disease कर सकते है।
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फंगस से जुड़े इन रोगों के नियंत्रण में सहायक
ट्राइकलर फंगीसाइड में ट्राइफ़्लोक्सीस्ट्रोबिन 10%, डिफ़ेनोकोनाज़ोल 12.5%, और सल्फ़र 3% एससी जैसे तीन सक्रिय तत्व होते हैं।
जो की फंगस से जुड़ी शीथ ब्लाइट, पाउडरी फ़ंगस, स्कैब, और अल्टरनेरिया जैसी कई तरह की बीमारियों से लड़ता है।
यह दवाई Fungus Disease दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करता है। आइए जानते है इसकी कीमत क्या है एवं इसे फसलों में कितना छिड़का जाना चाहिए।
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फंगस से जुड़ी बीमारियों की पहचान कैसे करें?
Fungus Disease | सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए की, आपकी फसल में फंगस से जुड़ी बीमारियां लग रही है या नही।
जिसके बाद ही आप यहां दी गई दवाई का उपयोग कर सकते है। अन्यथा इस दवाई का उपयोग का ना करें।
किस तरह जानेंगे की आपकी फसल में फंगस से जुड़े रोग लग रहे या नही, हम आपको यहां बता रहे है फंगस से जुड़ी प्रमुख बीमारियों के लक्षण :-
शीथ ब्लाइट की पहचान :- शीथ ब्लाइट रोग, राइज़ोक्टोनिया सोलानी नाम के एक बेसिडिओमाइसीट के कारण होता है। यह भारत और एशिया के कई देशों में चावल की फ़सल को नुकसान पहुंचाता है। : Fungus Disease
पत्ती के आवरण पर अनियमित आकार के हरे-भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। ये धब्बे पानी से भीगे हुए होते हैं।
धब्बों का किनारा गहरा और बैंगनी रंग का होता है। धब्बे बड़े हो जाते हैं और भूरे-सफ़ेद रंग में बदल जाते हैं। धब्बे आपस में मिल जाते हैं और इनके बीच में सफ़ेद रंग का धब्बा बन जाता है।
धब्बों का रंग बाद में पुआल जैसा हो जाता है। संक्रमित पत्तियां मर जाती हैं। रोग पुष्पगुच्छ तक पहुंच सकता है। दाना भरने में दिक्कत होती है और पुष्पगुच्छ एक साथ चिपक जाते हैं।
पाउडरी फ़ंगस की पहचान :- यह एक तरह का पौधों का रोग है। यह सबसे आम और आसानी से पहचाने जाने वाले पौधों के रोगों में से एक है।
इसके Fungus Disease धब्बे या पैच सफ़ेद से भूरे रंग के होते हैं और टैल्कम पाउडर जैसे दिखते हैं।
सूरजमुखी पर पाउडरी फ़ंगस के कारण होने वाले लक्षणों में ऊपरी पत्ती की सतह पर हरे-पीले धब्बे दिखना शामिल है।
बड़े पत्तियों के आधार के पास उजागर सिर और निचली पत्तियों पर बहुत बारीक धब्बे दिखाई देते हैं।
स्कैब रोग की पहचान :- स्कैब रोग Fungus Disease सेब और कुछ अन्य पेड़ों और झाड़ियों जैसे कोटोनिएस्टर, पाइराकांथा और सोरबस के लिए विशिष्ट है। यह रोग एस्कोमाइसीट फ़ंगस वेंचुरिया इनएक्वेलिस के कारण होता है।
पत्तियों पर गोलाकार घाव दिखाई देते हैं। ये घाव पहले गहरे हरे रंग के होते हैं और धीरे-धीरे हरे-काले और फिर काले हो जाते हैं।
फलों पर मोटे और खुरदरे या “पपड़ीदार” घाव हो सकते हैं। परिपक्व फल विकृत या फटे हुए हो सकते हैं। पत्तियों पर घाव या तो अलग-अलग रह सकते हैं या एक बड़े घाव में विलीन हो सकते हैं।
Fungus Disease संक्रमित फल विकृत हो जाता है और फट सकता है जिससे अन्य द्वितीयक जीवों के प्रवेश का रास्ता मिल जाता है। गंभीर रूप से प्रभावित फल गिर सकता है, ऐसा विशेष रूप से तब होता है जब वह छोटा होता है।
अल्टरनेरिया रोग की पहचान :- अल्टरनेरिया रोग Fungus Disease से पत्तियों पर गोल, भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं. इन धब्बों में पीला आभामंडल होता है और वे बीच से टूटकर गिर सकते हैं।
धब्बे सबसे पहले पुरानी पत्तियों पर दिखाई देते हैं। अल्टरनेरिया रोग से पत्तियां झुलसी हुई दिखाई देती हैं।
रोग के बढ़ने के बाद, पत्तियों के ब्लेड और डंठल पर गहरे भूरे से काले रंग के अनियमित आकार के घाव दिखाई देते हैं।
मूंगफली के पत्तों पर पीला आभा मंडल लिए छोटे-छोटे अनियमित आकार के धूसर रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। ये Fungus Disease धब्बे बाद में आपस में जुड़ जाते हैं।
ट्राईकलर फंगीसाइड का छिड़काव कितना करें?
किसान भाई ट्राईकलर फंगीसाइड का 330 ml प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे करने पर बढ़िया रिजल्ट देखने को मिलता है।
सभी प्रकार के कीटनाशक फंगीसाइड और npk के साथ स्प्रे कर सकते है।
किसी भी प्रकार की चारा की Fungus Disease दवाई के साथ मिक्स करके स्प्रे ना करें। वरना आपकी फसल खराब हो सकती है।
उपयोग करने की विधि : उत्पाद की आवश्यक मात्रा मापे और इसे थोड़ी मात्रा में पानी के साथ अच्छी तरह मिलाए। पानी की शेष मात्रा को हिलाते हुए निर्दिष्ट मात्रा में मिलाए।
पतला कवकनाशी घोल स्प्रेयर में भरें और सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए फसल के पत्तों पर तुरंत समान रूप से छिड़के।
ट्राईकलर फंगीसाइड की कीमत क्या है?
इंडियामार्ट के मुताबिक, ट्राईकलर फंगीसाइड को 1 लीटर बोतल की कीमत 4000 रूपये तक है। आप इसे अपने नजदीकी स्टोर से भी खरीद सकते है। ध्यान रहें की, उपयोग करने से पहले अपनी नजदीकी कृषि विशेषज्ञों से सलाह अवश्य ले लेवे।
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