मूंग की फसल में यूरिया का प्रयोग : क्या करें और क्या न करें

मूंग की फसल (Moong Crop) में पीलापन देखकर यूरिया का छिड़काव ना करें किसान। अपनी फसल के लिए क्या करें क्या ना करें? जानिए…

Moong Crop | मूंग की फसल में यूरिया का प्रयोग एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर किसानों को ध्यान देना चाहिए। कई किसान मूंग की फसल में पीलापन देखकर यूरिया का छिड़काव कर देते हैं, जो कि सही नहीं है।

मूंग की फसल में यूरिया का प्रयोग कब करें

मूंग की फसल (Moong Crop) में यूरिया का प्रयोग केवल बुवाई पूर्व ही करना उचित है। आप 15 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से डाल सकते हैं। यदि आपने एसएसपी डाला है, तो यूरिया की आवश्यकता नहीं है।

क्यों नहीं डालना चाहिए यूरिया

Moong Crop | मूंग के पौधे को 20 दिन की अवस्था तक नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है, जो बुवाई के साथ डाली गई यूरिया से मिल जाती है। उसके बाद, पौधे की जड़ों में गांठें बनना शुरू हो जाती हैं, जिनमें रायजोबियम जीवाणु होता है, जो पौधे को नाइट्रोजन स्वत उपलब्ध कराता रहता है। इसलिए, मूंग की फसल या कोई भी दलहनी फसल में यूरिया ऊपर से डालना उचित नहीं है।

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पीलापन की समस्या का समाधान

यदि मूंग की फसल (Moong Crop) में पीलापन दिखे, तो इसकी वजह नाइट्रोजन की कमी से नहीं, बल्कि फंगस जनित बीमारी या रस चूसक कीटों का प्रकोप हो सकता है। इसलिए, समय पर नियंत्रण जरूरी है।

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