समर्थन मूल्य पर सोयाबीन (Soyabean MSP News) बेचने को लेकर किसानों के लिए खड़ी हुई बड़ी परेशानी, पढ़िए डिटेल..
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Soyabean MSP News | पिछले चार से पांच सालों के दौरान सोयाबीन के भाव लगातार कम रहने से सोयाबीन उत्पादक किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
लगातार नुकसान झेल रहे किसानों के सब्र का बांध इस वर्ष टूट गया किसान सोयाबीन के भाव बढ़ाने के लिए सोयाबीन की कटाई के ठीक पहले सड़कों पर उतरे।
नतीजतन सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी का ऐलान किया, वहीं दूसरी ओर खाद्य तेलों पर भी अंकुश लगाने की बात कही।
सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों के पश्चात भी सोयाबीन के भाव अब तक नहीं बढ़ पाए हैं। इतना ही नहीं दीपावली के पश्चात सोयाबीन के भाव में लगातार गिरावट रही। : Soyabean MSP News
सोयाबीन के वर्तमान औसत भाव 4000 से 4300 प्रति क्विंटल के लगभग बने हुए हैं। इस संबंध में हमने विशेषज्ञों से चर्चा की तो उन्होंने सोयाबीन के कम भाव रहने को लेकर सरकार के ही निर्णय को जिम्मेदार ठहराया।
जानकारो का कहना है कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से किसानों का कोई फायदा नहीं हुआ है इतना ही नहीं समर्थन मूल्य Soyabean MSP News में भी सरकार द्वारा किसानों को सिर्फ दिलासा ही दिया गया है, आईए जानते हैं सरकार के निर्णयों के बारे में..
सोयाबीन खरीदी के सख्त नियमों के कारण नहीं बड़े भाव
Soyabean MSP News | सोयाबीन का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार ने 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी हो रही है। मध्य प्रदेश में यह यह खरीदी 31 दिसंबर तक चलेगी।
सोयाबीन का भाव मंडियों में कम रहने के कारण सोयाबीन को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए जाने लगे किंतु सोयाबीन खरीदी संबंधी नियम सख्त होने के कारण कई किसानों को निराशा हाथ लग रही है।
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सोयाबीन उपार्जन केंद्रों पर यह आदेश ही नहीं पहुंचा
Soyabean MSP News | सितंबर माह के दौरान बारिश के चलते सोयाबीन हल्के दाग लग गए, वहीं नमी अधिक बनी हुई थी। इसके पश्चात मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीदी के दौरान नियमों में ढिलाई के निर्देश दिए थे।
राज्य सरकार ने 15% नमी युक्त सोयाबीन की खरीदी करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। इसके पश्चात केंद्र ने इसकी मंजूरी देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 15% नमी युक्त सोयाबीन की खरीदी की जा सकती है।
ताज्जुब की बात यह है कि यह आदेश अब तक उपार्जन केंद्रों पर नहीं पहुंचा है। जिसके चलते किसानों को अभी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशानुसार यदि कोई किसान नॉन एफएक्यू (नमी वाला या मापदंडों के विपरीत) सोयाबीन लेकर खरीदी केंद्र पहुंचेगा, तो उसे तुरंत रिजेक्ट किया जा रहा है। यदि किसान चाहता है कि खरीदी केंद्र पर ही सोयाबीन अपग्रेड की जाए, तो इसका खर्च उसे स्वयं उठाना पड़ रहा है। : Soyabean MSP News
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इस आदेश के कारण कम हो रही खरीदी
सोयाबीन किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2024-25 सत्र के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सोयाबीन खरीद के नमी मानकों में छूट की घोषणा की है।
इस निर्णय के तहत, अब 12% की निर्धारित सीमा के बजाय 15% तक की नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी, जिससे गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के कारण किसानों को नुकसान न उठाना पड़े। यह आदेश उपार्जन केंद्र पर नहीं पहुंचने के कारण किसानों से नए मापदंडों के अनुसार खरीदी नहीं हो रही है। : Soyabean MSP News
उपार्जन केंद्रों पर की गई यह व्यवस्था
खरीदी के दौरान गोदाम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को संभालकर रखा जाएगा। किसी भी मामले में फुटेज मांगे जाने पर गोदाम संचालक को यह देना पड़ेगा।
गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र पर गुणवत्ता परीक्षण में NON FAQ पाए जाने वाले स्कंध का भंडारण उपार्जन समिति द्वारा गोदाम / केप पर नहीं किया जाएगा। : Soyabean MSP News
बेमौसम बारिश आदि की विशेष परिस्थिति उत्पन्न होने की दशा में गोदाम स्तरीय केन्द्र पर NON FAQ स्कंध का भंडारण पांच दिवस की अवधि हेतु किया जा सकेगा।
नियत अवधि में उपार्जन समिति से ऐसे स्कंध का अपग्रेडेशन आवश्यक रूप से कराया जाए। नियत अवधि में अपग्रेडेशन कार्य नहीं कराये जाने की स्थिति में उपार्जन केन्द्र की समिति को भंडारण शुल्क नियमानुसार भंडारण एजेन्सी की दर से जमा कराया जाना होगा।
खरीदी केंद्र प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसान से खरीदी के बाद भंडारण के लिए गोदाम भेजे गए किसी बोरे में धूल, कचरा, पत्थर या मिट्टी पाई जाती है, तो उन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। : Soyabean MSP News
इधर सीएम ने दिए मंत्रियों को यह निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि सोयाबीन और धान के उपार्जन की समीक्षा मंत्री अपने प्रभार के जिलों में करें। सोयाबीन की खरीदी 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक खरीदी की जाना है।
एमपी में इसके तहत अब तक 77 हजार से अधिक किसानों से 2 लाख 4 हजार मीट्रिक टन की खरीदी हो चुकी है। रोज 20 हजार मीट्रिक टन की खरीदी औसतन हो रही है। : Soyabean MSP News
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