सोयाबीन में फूल आ चुके हैं, इस समय किसान साथी यह गलती भूलकर भी ना करें

इस दौरान Soybean kheti में कुछ सावधानियां रखने से पैदावार बढ़ जाएगी कृषि विशेषज्ञों से यह सावधानियां जानिए।

Soybean kheti | खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन में फूल आने शुरू हो चुके हैं कहीं ना कहीं कोई से करे भी बनने लगे हैं। ऐसी अवस्था में आवश्यक है कि किसान सोयाबीन की देखरेख अच्छी तरह से करें वही कुछ ऐसा ना करें जिससे कि उत्पादन प्रभावित हो जाए।

इस आर्टिकल में कृषि विशेषज्ञों से हम यही जानेंगे कि वर्तमान समय में सोयाबीन Soybean kheti के लिए क्या करना चाहिए कौन सी खाद या दवाई का इस्तेमाल उचित रहेगा। साथ ही यह भी जानेंगे कि लगातार पानी गिरने की दशा में किसानों को क्या करना उचित रहेगा?

किसान इन बातों का ध्यान रखें

  • लगातार वर्षा होने की स्थिति में अपने खेत से जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं 3-4 जगह के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली/कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि है, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाएं।
  • सोयाबीन में कीटनाशक एवं खरपतवारनाशक Soybean kheti के मिश्रित उपयोग का संयोजन अभी तक केवल निम्न 3 कीटनाशक एवं 2 खरपतवारनाशकों के लिए ही अनुशंसित किया गया है। सोयाबीन की फसल में अब फूल आने लगे हैं इसलिए भूल कर भी खरपतवार नाशक का प्रयोग ना करें।
  • खेत में यदि खरपतवार अभी भी है तो नींदाई गुराई से उन्हें नष्ट करें।
  • पीला मोज़ेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
  • कीटनाशक के छिड़काव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्सेक स्प्रेयर से 450 लीटर/हे. या पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर/हे. न्यूनतम)।
  • कीटनाशक के छिड़काव हेतु कोन नोजल का उपयोग करें। सोयाबीन में पक्षियों की बैठने हेतु ‘T’ आकार के बर्ड पर्चेस लगाएं।
  • किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल लें, जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखी हो।
  • सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान Soybean kheti कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारम्भिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जेंसिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1.0 ली/ हेक्टेयर) का प्रयोग करें।
  • तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमेन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाएं।

किसान इस समय भूलकर भी यह कार्य न करें

  • लगातार पानी गिरने की दशा में सोयाबीन की फसल Soybean kheti में पीलापन आने की खबरें आने लगी है। ऐसी दशा में किसान भूलकर भी सोयाबीन की फसल में यूरिया खाद का इस्तेमाल ना करें।
  • वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ आर डी खरे के मुताबिक किसान यदि सोयाबीन की फसल में अत्याधिक यूरिया का प्रयोग करते हैं तो इससे फसल की बढ़वार हो जाएगी लेकिन फूल एवं फल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा फूल झड़ने लगेंगे।
  • वहीं फलियां भी कमजोर हो सकती है। डॉ खरे के अनुसार इसके स्थान पर हल्की मात्रा में प्रति बीघा के मान से 4 किलो नाइट्रोजन सोयाबीन की फसल को दिया जा सकता है।

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फसल को इल्लियों के प्रभाव से बचाने के लिए यह करें

सोयाबीन फसल Soybean kheti में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये। तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी एक कीटनाशक का छिडकाव करने की सलाह है। इससे पत्ती खाने वाली अन्य इल्लियों (चने की इल्ली या सेमीलूपर इल्ली) का भी नियंत्रण होगा।

लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.90 सीएस (300 मिली प्रति हेक्टेयर) या क्विनालफॉस 25 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली प्रति हेक्टेयर) या इमामेक्टिन बेंजोएट 1.90 (425 मिली प्रति हेक्टेयर) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी (333 मिली प्रति हेक्टेयर) या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या स्पायनेटोरम 11.7 एससी (450 मिली प्रति हेक्टेयर)।

कामलिया कीट की रोकथाम के लिए यह करें

Soybean kheti कुछ क्षेत्रों में बिहार हेयरी कैटरपिलर (कामलिया कीट) का प्रकोप प्रारंभ होने की सूचना हैं। किसानों को सलाह है कि प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित खेत से निष्कासित करें।

एवं इसके नियंत्रण हेतु फसल Soybean kheti पर क्विनालफॉस 25 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.90 सीएस, 300 मिली प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी, 333 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करें। कुछ क्षेत्रो में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का प्रकाप होने की सूचना प्राप्त हुई है। कृषकों को सलाह हैं कि नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाझोल 5 ईसी (1 मिली प्रति लीटर पानी) का छिडकाव करें।

सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान Soybean kheti कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1 लीटर प्रति हेक्टेयर) का प्रयोग करें।

सोयाबीन में अब यह रोग फैलने की आशंका

भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान Soybean kheti इंदौर की अनुशंसा के आधार पर कृषि विभाग द्वारा कृषकों को सोयाबीन फसल की सुरक्षा के लिए सलाह जारी की गई है कि पिछले 3-4 दिवस से प्रदेश में अच्‍छी वर्षा हुई है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार लगातार बारिश के पश्चात मौसम खुलते ही कीट रोग का असर सोयाबीन पर पड़ने की संभावना अधिक रहती है।

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चक्र भृंग एवं प‍त्ती खाने वाली इल्लियां का प्रकोप होने लगा

सोयाबीन की फसल Soybean kheti पर चक्र भृंग एवं प‍त्ती खाने वाली इल्लियां तथा पीला मोजेक वायरस रोग के संक्रमण की स्थितियां देखी जा रही हैं। फसलों की इस स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने कृ‍षकों को सलाह दी है कि जहाँ-जहाँ पर जलभराव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो रही है, वहां पर खेत से जल निकास की उचित व्‍यवस्‍था करें। साथ ही अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहें एवं किसी भी कीट या रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही निम्‍नानुसार नियंत्रण के उपाय अपनायें :-

Soybean kheti पीला मोजेक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्‍काल रोगग्रस्‍त पौधों को खेत से उखाडकर निष्‍कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्‍खी की रोकथाम हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्‍सम+लैम्‍ब्‍डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्‍लोप्रिड (350मिली/हे) का छिडकाव करें। इनके छिड़काव से तना मक्‍खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है तथा साथ ही यह भी सलाह है कि सफेद मक्‍खी के नियंत्रण हेतु किसान अपने खेत में विभिन्न स्‍थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

Soybean kheti चक्र भृंग (गर्डल बीटल) के नियंत्रण हेतु प्रारंभिक अवस्‍था में ही टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या थायक्‍लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1ली/है) या इमामेक्‍टीन बेन्‍जोएट (425मिली/है) का छिडकाव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्‍था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोडकर नष्‍ट कर दें।

चक्र भृंग तथा पत्ती खाने वाली इल्लियों के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक क्‍लोरएन्‍ट्रानिलिप्रोल 09.30%+लैम्‍बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC (200 मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्‍लोप्रिड (350 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्‍सम+लैम्‍बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हे) का छिड़काव करें। इनके छिड़काव से तना मक्‍खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है।

पत्ती खाने Soybean kheti वाली इल्लियाँ (सेमीलूपर, तम्‍बाकू की इल्‍ली एवं चने की इल्‍ली, बिहारी हेयर केटरपिलर) हो, इनके नियंत्रण के लिए निम्‍न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें। क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1ली/हे), या ब्रोफ्लोनिलिडे 300 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), या फ्लूबेडियामाइड 30.35 एस.सी. (150 मि.ली.) या इंडोक्‍साकार्ब 15.8 एस.सी. (333 मि.ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या नोवाल्‍युरोन+इन्‍डोक्‍साकार्ब 04.50% एसी.सी. (825-875 मिली/हे)

या क्‍लोरएन्‍ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी.(150 मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 सी.एस. (425 मिली/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्‍ल्‍यू.जी (250-300 ग्राम/हे) या लैम्‍बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी.एस.(300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी.(1ली/हे) या स्‍पायनेटोरम 11.7 एस.सी. (450 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्‍लोप्रिड (350 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्‍सम+लैम्‍बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हे) या क्‍लोरएन्‍ट्रानिलिप्रोल 09.30% लैम्‍बडा सायहेलाथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/हे) का Soybean kheti छिड़काव करें।

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फसल सुरक्षा के अन्‍य उपाय यह है

  • कृ‍षकों को सलाह हैं कि जहाँ-जहाँ पर जल भराव की स्थिती उत्‍पन्‍न हो रही है वहाँ पर खेत से जल निकास की उचित व्‍यवस्‍था करें साथ ही अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहे।
  • सोयाबीन की फसल Soybean kheti में तंबाखू की इल्‍ली एवं चने की इल्‍ली के प्रबंधन के लिए बाजार में उपलब्‍ध कीट-विषेश फिरोमोन ट्रैप्‍स का उपयोग करें। इन फेरोमोन ट्रैप में 5-10 पतंगे दिखने का संकेत यह दर्शाता है कि इन कीडों का प्रादुर्भाव आप की फसल हो गया है जो कि प्रारंभिक अवस्‍था में है। अत: शीघ्रातिशीघ्र इनके नियंत्रण के लिए उपाय अपनाने चाहिए।
  • खेत के विभिन्न स्‍थानों पर निगरानी करते हुए यदि आपको कोई ऐसा पौधा मिले जिस पर झुण्‍ड में अंडे या इल्लिया हो, ऐसे पौधों को खेत से उखाडकर निष्‍काषित करें।
  • जैविक सोयाबीन उत्‍पादन में रुची रखने वाले कृषका गण पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तंबाखू की इल्‍ली) की छोटी अवस्‍था की रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्‍युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1 ली/हे) का प्रयोग कर सकते हैं। यह भी सलाह है कि प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • सोयाबीन की फसल Soybean kheti में पक्षियों की बैठने हेतु ”T” आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये। इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्‍या कम करने में सहायता मिलती है।
  • कीट या रोग नियंत्रण के लिए केवल उन्‍ही रसायनों का प्रयोग करें जो सोयाबीन की फसल में अनुशंसित हो।
  • कीटनाशक या फफूंदनाशक के छिडकाव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्‍सेक स्‍प्रयेर से 450 लीटर/हे या पॉवर स्‍प्रेयर से 120 लीटर/हे न्‍यूनतम)
  • किसी भी प्रकार का कृषि-आदान क्रय करते समय दूकानदान से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्‍सपायरी दिनांक स्‍पष्‍ट लिखा हो।
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