मटर की अगेती खेती के लिए Matar ki top 5 variety कौन सी है एवं उनकी विशेषता जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..
Matar ki top 5 variety | मटर, जिसे आमतौर पर सब्जी में डालकर खाया जाता हैं। आमतौर पर मटर का उपयोग सब्जी पकाने, सूप और जमे हुए डिब्बाबंद भोजन में भी किया जाता है। हरा मटर का भूसा एक पौष्टिक चारा है और इसका इस्तेमाल किसी भी जानवर (पशुधन) के लिए किया जाता है। भारत में इसकी खेती कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार और उड़ीसा में की जाती है।
सितंबर से शुरुआती अक्टूबर तक के समय में मटर की अगेती बुआई Matar ki top 5 variety की जाती है। यह समय मटर की अगेती बुआई के लिए उपयुक्त है। लेकिन मटर की खेती करने वाले कई किसानों को हाइब्रिड या उन्नत किस्मों के बीज के बारे में जानकारी नहीं रहती है और वह सामान्य सी किस्मों का चयन कर लेते है, जिनसे उनकी उपज ज्यादा नहीं हो पाती है।
देखा जाए तो फसल की अच्छी पैदावार होने के लिए जरूरी है की मटर की अच्छी किस्मों का चयन करना। ऐसे में आज चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में आपको मटर की ऐसी टॉप 5 किस्मों Matar ki top 5 variety के बारे में जानकारी देने जा रहे है, जो की इस प्रकार से है…
मटर की टॉप 5 किस्में
Matar ki top 5 variety जलवायु, राज्य और मिट्टी काे ध्यान रखते हुए मार्केट में मटर की कई अच्छी किस्में मौजूद है। लेकिन मटर के टॉप 5 किस्मों की बात करें तो वह इस प्रकार है।
- पंत मटर 155
- काशी मुक्ति
- काशी अगेती
- काशी उदय
- काशी नंदिनी
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अब जानें इनकी जानकारी विस्तारपूर्वक ..
1. पंत मटर 155 किस्म की जानकारी
मटर की Matar ki top 5 variety संकर किस्मों में, मटर की ये किस्म बेहतरीन है। बुआई के 50 से 60 दिनों के बाद ही हरी फलियों की तुड़ाई कर सकते हैं, यह किस्म 2009 में विकसित की गई है। इस किस्म की खासियत यह है कि इसमें रोगों का प्रकोप कम होता है। फफूंद रोग, फली छेदक कीटों का प्रकोप इस किस्म पर ज्यादा नहीं होता।
2. काशी मुक्ति किस्म की जानकारी
बिहार, झारखंड और पंजाब राज्य में मटर की इस किस्म की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसके दाने साइज में बड़े होते हैं, और इसकी फलियां लंबी होती है। इस किस्म की मांग विदेशों में भी काफी देखने को मिलती है। प्रति एकड़ उत्पादन की बात करें तो इस किस्म से प्रति एकड़ 46 क्विंटल तक की पैदावार ली जा सकती है। Matar ki top 5 variety
3. काशी अगेती किस्म की जानकारी
Matar ki top 5 variety काशी अगेती किस्म बेहद कम दिनों में तैयार होने वाली मटर की किस्मों में से एक है। इस किस्म की फलियां सीधी और गहरे हरे रंग की देखने को मिलती है। मटर की यह किस्म मात्र 50 दिनों में तैयार हो जाती है। पैदावार की बात करें तो इस किस्म से प्रति एकड़ 38 से 40 क्विंटल तक पैदावार ली जा सकती है।
4. काशी उदय किस्म की जानकारी
Matar ki top 5 variety बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश राज्यों में खेती के लिए मटर की ये किस्म काफी उपयुक्त है। काशी उदय को 2005 में विकसित किया गया। इसकी फलियों की लंबाई की बात करें तो 9 से 10 सेंटीमीटर लंबी होती है। प्रति एकड़ खेती करने पर किसानों को 42 क्विंटल मटर की पैदावार मिल सकती है। बाजार में इस किस्म के बीज के प्रति किलो रेट की बात करें तो 250 रुपए प्रति किलो हो सकती है और काशी उदय किस्म को कटाई के लिए पकने में 60 दिनों का समय लगता है।
5. काशी नंदिनी किस्म की जानकारी
वर्ष 2005 में विकसित किए गए मटर की इस बेहतरीन किस्म को उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू एवं केरल आदि इलाकों में खेती के लिए बनाया गया। काशी नंदिनी मटर का एक प्रसिद्ध ब्रांड है। Matar ki top 5 variety इस किस्म की पैदावार प्रति एकड़ 44 से 48 एकड़ तक होती है।
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मटर की खेती से लाखो की कमाई
मटर की खेती Matar ki top 5 variety से होने वाली कमाई कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जैसे कृषि कौशल, मिट्टी की क्वालिटी, जलवायु और फसल की देखरेख। सामान्य तौर पर किसान की प्रति हेक्टेयर पैदावार 18 से 35 क्विंटल हो जाती है, अगर फलियां पूरी तरह पकी हुई हो। अगर कच्ची फली, जो हरी सब्जी के लिए उपयोग में लाई जाती है, उसके पैदावार की बात करें तो कच्ची फली की पैदावार प्रति हेक्टेयर 90 से 150 क्विंटल हो जाती है।
इस तरह अगर 30 रुपए प्रति किलोग्राम ही कच्ची फली किसान बेचते हैं तो किसान की 150 क्विंटल फसल की रेट 4 लाख 50 हजार रुपए होगी। लागत के रूप में 1 लाख रुपए कम भी कर दिया जाए। तो एक हेक्टेयर खेत में किसान 3 लाख 50 हजार यानी 3.5 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा कर पाएंगे। मटर की खेती के बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए यहां क्लिक करें..
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