हमारे देश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने किसानों की सुविधा के लिए शुरू की नई लोन व्यवस्था (Agri Loan), जानें पूरी डिटेल..
Agri Loan | किसानों को कृषि संबंधी कई कार्यों के लिए ऋण की आवश्यकता पड़ती है। कई किसान स्थानीय साहूकारों से ऋण लेते हैं लेकिन उनकी ब्याज दर ऊंची होती है जिससे उन्हें ब्याज के रूप में अधिक राशि चुकानी पड़ती है। ऐसे में हमारे देश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने किसानों की सुविधा के लिए शुरू की नई लोन व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की है। इसके लिए किसानों को रजिस्टर्ड गोदामों में रखी उनकी उपज के बदले लोन Agri Loan हासिल करने की सुविधा देने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पेश किया है। आइए जानते है कैसे काम करेगी यह व्यवस्था..
किसानों को आसानी से मिलेगा कृषि लोन
Agri Loan | दरअसल, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों को रजिस्टर्ड गोदामों में रखी उनकी उपज के बदले लोन हासिल करने की सुविधा देने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पेश किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इससे किसान समुदाय की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और खेती की ओर रुझान बढ़ेगा। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि भांडागारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (WDRA) जल्द ही गोदाम मालिक के लिए सुरक्षा जमा राशि Agri Loan को मौजूदा भंडार मूल्य 3% से घटाकर 1% कर देगा।
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इन किसानों को दिया जायेगा लोन
Agri Loan | वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने एक कार्यक्रम में ‘ई-किसान उपज निधि’ (e-Kisan Upaj Nidhi) नामक डिजिटल गेटवे पेश किया। इसका मकसद किसानों को डब्ल्यूडीआरए (WDRA) रजिस्टर्ड गोदामों में रखे भंडार पर बैंकों से लोन लेने की सुविधा प्रदान करना है।
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किसानों को इलेक्ट्रॉनिक विक्रेय भंडारण रसीद (e-NWRs) के आधार पर लोन प्रदान किए जायेंगे। इस समय डब्ल्यूडीआरए के तहत 5,500 से अधिक पंजीकृत गोदाम हैं, दूसरी ओर कृषि गोदामों की कुल संख्या लगभग 1 लाख होने का अनुमान है।
Agri Loan | बिना किसी गारंटी के 7% ब्याज दर लोन
मंत्री ने किसानों की आय (Farmers Income) बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने पर जोर दिया। गोयल ने कहा कि इस गेटवे की पेशकश के साथ किसानों को बिना किसी गारंटी के 7% ब्याज दर पर आसानी से लोन मिलेगा।
गोयल ने इस बात पर बल दिया कि ‘ई-किसान उपज निधि’ और ई-एनएएम (e-NAM) के साथ, किसान एक इंटरकनेक्टिड मार्केट की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सक्षम होंगे, जो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर या उससे ज्यादा दाम Agri Loan पर अपनी उपज को सरकार को बेचने का फायदा पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में एमएसपी के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है।
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