सरकार ने कृषि विकास (Agricultural Development) के संबंध में जानकारी जारी की है आईए देखते हैं डिटेल..
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Agricultural Development | भारत की 70 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है। कृषि विकास के पश्चात ही अन्य क्षेत्रों में विकास संभव है।
भारतीय कृषि मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर है, मानसून की बारिश अच्छी होने से कृषि विकास बेहतर होता है।
कृषि विकास के लिहाज से 2025 बेहतर रहने वाला है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत 2025 में खाद्यान्न उत्पादन के नए शिखर को छूने के लिए तैयार है। Agricultural Development
2025 किसानों की आर्थिक सुधारने वाला वर्ष साबित होने वाला है। मानसून की बारिश अच्छी होने से खरीद फसलों के बाद अब रबी फसलों की उपज में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
कृषि विकास (Agricultural Development) को लेकर केंद्र सरकार ने क्या आंकड़े जारी किए हैं, आईए जानते हैं Agricultural Development डिटेल..
खाद्यान्न उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अनुकूल मानसून के चलते खरीफ फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन अनुमानित है, लेकिन दालों और तिलहन में आत्मनिर्भरता की चुनौती अब भी बनी हुई है।
कृषि मंत्रालय के प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 2024-25 में खरीफ फसलों का उत्पादन 164.7 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। Agricultural Development
इस वर्ष की रबी फसलों की बुआई पूरी हो चुकी है। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा, ‘सामान्य वर्षा के कारण खरीफ फसल अच्छी रही। हालांकि, फरवरी-मार्च में संभावित गर्मी की लहरें रबी फसलों, खासकर गेहूं की पैदावार को प्रभावित कर सकती हैं।’
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कृषि क्षेत्र की विकास दर में होगा सुधार
बताया जा रहा है कि इस वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.5-4 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 1.4 प्रतिशत से काफी बेहतर है। Agricultural Development
कृषि अर्थशास्त्री श्री एस. महेंद्र देव के अनुसार, ‘अच्छे मानसून और ग्रामीण मांग में वृद्धि ने सुधार में मदद की है।’ हालांकि, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बाढ़ और सूखे की वजह से फसलें प्रभावित हुई हैं।
दाल-तिलहन में आत्मनिर्भरता बना चुनौती
भारत दाल-तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है। दाल और तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार 2025 में ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन’ (NMEO-Oilseeds) लॉन्च करेगी । इसके लिए 10, 103 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। Agricultural Development
इस वर्ष किसानों के लिए यह होगा
केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए जारी किए गए रोड मेप के अनुसार पीएम- किसान योजना के तहत 2018 से अब तक 11 करोड़ किसानों को 3.46 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। सितंबर 2024 में शुरू की गई 13,966 करोड़ रुपये की सात नई योजनाएं 2025 में पूरी तरह लागू होंगी। Agricultural Development
फलों और सब्जियों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पंजाब और हरियाणा में किसान न्यूनतम पर है, जिसका श्रेय उन्नत कृषि तकनीकों और समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे सरकारी योजनाओं को जाता है। ड्रोन और एआई हैं । संसदीय समिति ने पीएम- किसान योजना के आधारित तकनीक किसानों के बीच लोकप्रिय हो तहत किसानों को दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर रही हैं।
12,000 रुपये करने और छोटे किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सार्वभौमिक फसल बीमा लागू करने की सिफारिश की है।
सरकार की फसल बीमा योजना को बेहतर बनाने के लिए वैश्विक मानकों के साथ तुलना की जाएगी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कई योजनाओं में सुधार की आवश्यकता है। Agricultural Development
आने वाला वर्ष भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होगा, जहां पारंपरिक कृषि और नई तकनीक के समन्वय के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण पर ध्यान देना जरूरी होगा।
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