देश के सभी जिलों के ब्लॉक स्तर पर सृजित होंगे कृषि इंजीनियरिंग अधिकारी (Agricultural Engineering) के पद, किसानों को यह मिलेगा फायदा..
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Agricultural Engineering | कृषि उत्पादन का मशीनीकरण फसल कटाई के बाद प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, पशुपालन, डेयरी, खाद्य सुरक्षा तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी आवश्यक है।
वर्तमान में ड्रोन, रोबोट, एआई और अन्य सेंसर तकनीकों का तेजी से विकास हो रहा है। इसलिए राज्य स्तर पर कृषि निदेशालय और पर्याप्त संख्या में कृषि इंजीनियरों की आवश्यकता है।
किसी को दृष्टिगत रखते हुए देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब प्रत्येक राज्य में कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय की स्थापना होगी। Agricultural Engineering
इसके लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर कृषि इंजीनियरों के नए पद भी सृजित होंगे। सरकार द्वारा किए जा रहे हैं इस कार्य से किसानों को किस प्रकार लाभ मिलेगा आइए जानते हैं डिटेल..
खेती से किसानों का रुझान कम हो रहा
पिछले दशक में कृषि सकल घरेलू उत्पाद औसतन 4% प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। इसके अलावा किसानों का शहर की ओर पलायन करने और बड़े पैमाने पर खेती के तरीकों में बदलाव के कारण पिछले कुछ दशकों में भारत में किसानों की संख्या घटी है। Agricultural Engineering
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के अनुसार भारत में किसानों की संख्या 2011-12 में 118.7 मिलियन से घटकर 2019-20 में 96.6 मिलियन रह गई है। यह चिंता का विषय है।
नए आंकड़ों के अनुसार भारत में एक किसान की औसत आयु 55 वर्ष है। मतलब यह है कि देश में किसानों का एक बड़ा प्रतिशत 50 पार आयु वर्ग में है और कई सेवानिवृत्ति की आयु के करीब हैं।
शहरों में बेहतर नौकरी की तलाश में युवा तेजी से ग्रामीण इलाकों को छोड़ रहे हैं। इसके अतिरिक्त कम लाभ और अप्रत्याशित मौसम पैटर्न के कारण खेती से किसानों का मोहभंग हो रहा है। यही कारण है कि सरकार अब नए प्रयास कर रही है। Agricultural Engineering
कृषि मशीनीकरण 2047 तक 75% तक बढ़ाने का लक्ष्य
भारत में कृषि यंत्रीकरण वर्तमान में नकदी फसलों जैसे गन्ना, कपास और तिलहन के उत्पादन के साथ-साथ गेहूं और चावल के उत्पादन में अधिक प्रचलित है। इसके विपरीत फलों, सब्जियाँ और अन्य बागवानी फसलों के उत्पादन में मशीनीकरण सीमित है। Agricultural Engineering
कृषि बिजली की उपलब्धता 1960 के दौरान 0.3 किलोवाट प्रति हैक्टेयर से बढ़कर 2020 में 2.54 किलोवाट प्रति हैक्टेयर हो गई है। ट्रैक्टरों के साथ-साथ देश में पावर टिलर, कंबाइन हार्वेस्टर, डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर में भी वृद्धि हुई है। देश में कुल कृषि मशीनीकरण 47% तक पहुंच गया है और वर्ष 2047 तक इसे 75% तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
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पूर्व कृषि मंत्री ने लिखा पत्र
भारत सरकार के तत्कालीन कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर, मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने भी देश के सभी मुख्यमंत्रियों को राज्य में कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय तथा जिला व ब्लॉकवार कृषि इंजीनियरिंग अधिकारी के पदों का सृजन करने के संबंध में लिखा है। Agricultural Engineering
उन्होंने यह भी हवाला दिया है कि कृषि कार्यों के लिए मैनपावर में कमी, बढ़ती लागत, हार्ड वर्क तथा कार्यों की समय-सीमा के कारण मशीनीकरण जरूरी हो गया है।
संसदीय समिति भी कर चुकी है सिफारिश
संसदीय स्थायी समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में राज्यों में कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय बनाने की सिफारिश की है। इस पर सचिवों के समूह के तहत कृषि के उप-समूह की सिफारिश पर एक समिति ने रिपोर्ट भी बनाई है। Agricultural Engineering
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जिले में होंगे पांच जिला सहायक कृषि इंजीनियर
अगर किसी राज्य में जिलों की संख्या 40 से अधिक है, वहां निदेशालय में अतिरिक्त पदों का प्रावधान होगा। इसके अलावा एक निदेशक या मुख्य इंजीनियर (कृषि इंजीनियरिंग) Agricultural Engineering
4 संयुक्त निदेशक या एसई (मशीनीकरण, एस एंड डब्ल्यूसीई तथा कटाई के बाद मूल्य संवर्धन, ऊर्जा), 7 डिप्टी या कार्यकारी इंजीनियर (फार्म मशीनीकरण, कटाई के बाद प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियां, संरक्षित कृषि, सिंचाई सहित अन्य ),
5 सहायक निदेशक या सहायक कार्यकारी इंजीनियर (जिला इकाइयों का तकनीकी समन्वय, कृषि और खाद्य उद्योगों के साथ संपर्क, कौशल विकास कार्यक्रम, कार्यक्रम कार्यान्वयन व मूल्यांकन), 5 जिला सहायक अभियंता (मशीनीकरण, मृदा व जल प्रबंधन कटाई के बाद प्रौद्योगिकी, संरक्षित कृषि) का प्रावधान किया जाना है। Agricultural Engineering
किसानों को यह मिलेगा फायदा
आधुनिक कृषि यंत्रीकरण से किसानों को खेती किसानी में विशेष फायदा मिलेगा। खेती में लागत कम होगी एवं उपज में वृद्धि। कटाई के बाद नुकसान लगभग 15% है। 2047 तक इसको 10% से कम करने का लक्ष्य है। 2047 तक जल उपयोग दक्षता को 40 से 60% तक बढ़ाने का लक्ष्य है। Agricultural Engineering
वर्ष 2047 तक देश की जनसंख्या 1.6 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है और सीमित संसाधनों से अधिक से अधिक खाद्य उत्पादन करने की आवश्यकता है, इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने कार्य योजना बनाई है।
भारत सरकार ने सभी राज्यों के कृषि डायरेक्टर को इस आशय का पत्र जारी कर दिया है। राजस्थान कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरके शर्मा ने बताया कि भारत सरकार का पत्र सीएस के पास आ गया है, इसमें फॉर्मेट भी है। प्राथमिक स्तर पर इसका प्रोसेस शुरू कर दिया गया है, इसे लागू तो करना ही है। Agricultural Engineering
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