जेएस 9560 एवं NRC 150 को टक्कर देने वाली सोयाबीन की नई वैरायटी अंकुर अग्रसर के बारे में जानिए..

सोयाबीन का सबसे अधिक उत्पादन देने वाली एवं रोग प्रतिरोधक नई वैरायटी Ankur Agrasar Soybean Variety के बारे में जानिए..

Ankur Agrasar Soybean Variety | मध्य भारत राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना उत्तर प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में हर एक सीजन के दौरान सोयाबीन की खेती अधिक की जाती है। अलग-अलग राज्यों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन के अलग-अलग वैरायटियों को भूमि, जलवायु एवं मानसून की सक्रियता के आधार पर विकसित किया है।

वर्तमान में सोयाबीन की नई नई वैरायटी चलन में आ रही है। इनमें से कई वैरायटी किसानों को अच्छा फायदा दे रही है। हाल ही में ऐसी ही एक वैरायटी विकसित हुई है जिसका नाम अंकुर अग्रसर है, Ankur Agrasar Soybean Variety यह वैरायटी कुछ ही समय में किसानों के बीच उत्पादन क्षमता एवं रोग प्रतिरोधक होने के कारण बहुत लोकप्रिय हो गई है।

पिछले वर्ष प्रतिकूल मौसम के दौरान सोयाबीन की इस वैरायटी से किसानों को अच्छा उत्पादन मिला। इस वैरायटी की इन्हीं खूबियों के कारण सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर ने भी सोयाबीन की इस वैरायटी को रिसर्च के लिए रखा। सोयाबीन की इस नवीन वैरायटी Ankur Agrasar Soybean Variety की उत्पादन क्षमता अवधि एवं अन्य सभी विशेषताओं के बारे में आइए जानते हैं..

कम अवधि में पकने वाली उपयुक्त किस्म

किसान अब खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई के लिए सोयाबीन की किस्मों का चयन करने में लग गए हैं। वर्तमान में मानसून की सक्रियता को देखते हुए एवं रबी सीजन में आलू, प्याज, लहसुन एवं मटर की अगेती खेती करने के लिए सोयाबीन की जल्दी पकने वाली वैरायटियों को अधिक महत्व दे रहे हैं। सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्मों से अच्छा उत्पादन मिलने के कारण किसानों के बीच ट्रेंड बन गया है कि जल्दी पकने वाली वैरायटी Ankur Agrasar Soybean Variety को ही बोया जाए।

जल्दी पकने वाली वैरायटी में सबसे अधिक पॉपुलर जेएस 9560 सोयाबीन की वैरायटी रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस वैरायटी में पीला मोजेक रोग अधिक आ रहा है। यही कारण है कि किसान 9560 का विकल्प Ankur Agrasar Soybean Variety तलाशने लगे हैं।

सोयाबीन की 9560 एवं एनआरसी (NRC) 150 के समान ही सोयाबीन की नई वैरायटी अंकुर अग्रसर से किसानों को पिछले वर्ष अच्छी पैदावार मिली है। इस Ankur Agrasar Soybean Variety वैरायटी के पकाने की अवधि मात्र 92 दिन है। जिसके कारण यह वैरायटी किसानों के बीच लोकप्रिय हो गई है। इस वैरायटी के विषय में सब कुछ जानते हैं।

अंकुर अग्रसर इन क्षेत्रों के लिए अनुसंशित

सोयविन की किस्मों को मानसून की सक्रियता एवं जलवायु, भूमि को देखते हुए अलग-अलग क्षेत्र के लिए अनुसंचित किया जाता है। सोयाबीन की अंकुर अग्रसर किस्म को खासतौर पर मध्यप्रदेश निमाड़ क्षेत्र के लिए ही अनुसंशित की गई है। इन क्षेत्रों के अलावा राजस्थान के लिए भी इस किस्म Ankur Agrasar Soybean Variety को उपयुक्त बताया जा रहा है।

अंकुर अग्रसर सोयाबीन की विशेषताएं

इस वैरायटी Ankur Agrasar Soybean Variety की प्रमुख विशेषता यह है कि इसका प्रत्येक पौधे में 4 और 3 दानों की चिकनी फलियां होती हैं, जिसके कारण कम समय अवधि में सबसे ज्यादा उत्पादन देने की क्षमता इस वैरायटी में है। यह अर्ध फैलने वाला प्रकार है, मजबूत पौधे वाली किस्म (गैर- आवास) है। इसके दाने मध्यम आकार के और पीले-सफेद रंग के होते है।

प्राइवेट रिसर्च सोयाबीन वैरायटी अंकुर अग्रसर जो की 90 से 92 दिन मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस वैरायटी Ankur Agrasar Soybean Variety की प्रमुख विशेषता यह है कि इसका प्रत्येक पौधे में 4 और 3 दानों की चिकनी फलियां होती हैं जिसके कारण कम समयाअवधि में सबसे ज्यादा उत्पादन देने की क्षमता इस वैरायटी में है।

रोगप्रतिरोधी है सोयाबीन की किस्म अंकुर अग्रसर

यह अंकुर अग्रसर किस्म 9560 किस्म की अवधि के बराबर ही है। यह किस्म 85 से 90 दिनों के अंतराल में पककर तैयार हो जाती है। साथ ही इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है की, इस किस्म में पीला मोजेक एवं अर्ध-सहिष्णु लूपर संक्रमण के रोगप्रतिरोधी है। जो यह एक बहुत बड़ी खासियत है। आजकल के दौर में सोयाबीन की 9560 एवं अन्य किस्मों में पीला मोजेक फैल जाता है एवं जिससे सारी फसल रोग के प्रकोप से नष्ट हो जाती है।

अंकुर अग्रसर की बीज दर

कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की इस Ankur Agrasar Soybean Variety नई किस्म अंकुर अग्रसर की बीज दर प्रति बीघा 16 से 18 किलो अनुशंसित की है।

अंकुर अग्रसर सोयाबीन की उपज क्षमता

सोयाबीन की यह किस्म Ankur Agrasar Soybean Variety कम अवधि में बंपर उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इस किस्म की प्रति बीघा में अधिकतम उपज क्षमता है 8 क्विंटल तक एवं इसकी औसत उपज क्षमता है 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा है। साथ ही साथ न्यूनतम उपज क्षमता है 4 बीघा प्रति क्विंटल है। पिछले वर्ष जिन किसानों ने इस किस्म को बोया था, उन्हें प्रतिकूल मौसम के बावजूद अंकुर अग्रसर किस्म से 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा का उत्पादन प्राप्त हुआ। सोयाबीन की इस किस्म के उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 35 से 40 क्विंटल की है। औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल बताया जा रहा है।

सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने भी इसे रिसर्च में रखा

अच्छा उत्पादन देने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में भी सोयाबीन की इस Ankur Agrasar Soybean Variety वैरायटी को रबी सीजन के पश्चात ट्रायल के तौर पर रिसर्च में रखा। सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर के प्लांट पर भी रिसर्च वैरायटी अंकुर अग्रसर का पिछले वर्ष ट्रायल किया गया है। भविष्य के लिए यह वैरायटी अनुसंधान द्वारा रिलीज भी कर दी जाएगी।

एक नजर में अंकुर अग्रसर की जानकारी

  • बीज दर – 16 –18 kg प्रति बीघा
  • अवधि – 90 से 92 दिन
  • उत्पादन – 6++ क्विंटल प्रति बीघा
  • बोने की दूरी – 14 इंच और 16 इंच

अंकुर अग्रसर सोयाबीन का बीज यहां से लें

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  • श्री गायत्री ट्रेडर्स, उज्जैन
  • MO. Number – 9575699947
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