एनआरसी 150, 188, 197 एवं एनआरसी सोयाबीन की अन्य सभी किस्मों के विषय में जानें..

खरीफ सीजन के पहले सोयाबीन की नवीन एनआरसी किस्मों NRC soybean variety के विषय में जानिए..

NRC soybean variety | खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई अधिक होती है। सोयाबीन की खेती मानसून पर निर्भर रहती है। पिछले कुछ वर्षों से मानसून की कहीं अधिक तो कहीं कम बारिश हो रही है। पिछले कुछ सालों से मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में मानसून की अंतिम दौर की बारिश नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में अब सोयाबीन की खेती का पैटर्न बदला चुका है जल्दी पकने वाली सोयाबीन की वैरायटी ही फायदेमंद रह गई है।

कृषि वैज्ञानिक भी रोग प्रतिरोधक एवं जल्दी पकने वाली सोयाबीन की वैरायटियों NRC soybean variety की खोज कर रहे हैं। सोयाबीन में की इन्हीं जल्दी पकने वाली कि मन में एनआरसी सोयाबीन की कई किस्म है जो अच्छा उत्पादन देने के साथ-साथ हाल ही में नोटिफाई हुई है आईए इन सभी एनआरसी की किस्मों के विषय में जानते हैं..

एनआरसी 150 सोयाबीन – NRC 150 Soybean

NRC soybean variety एनआरसी 150 सोयाबीन की किस्म ने पिछले वर्ष अच्छा रिजल्ट दिया। जेएस 9560 के समान ही अवधि में पकने वाली सोयाबीन की यह किस्म बहुत जल्द लोकप्रिय होने वाली है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय से उपयोग में होने के कारण जेस 9560 के रोग प्रतिरोधक क्षमता दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। जिसके कारण इस सोयाबीन की इस वैरायटी पर सबसे अधिक कीट एवं रोग का प्रभाव हो रहा है।

सोयाबीन की जेस 9560 वैरायटी केमिकल के रूप में के विकल्प के रूप में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र का विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए अनुशंसित एनआरसी 150 की किस्म बेहतर साबित होगी। सोयाबीन की NRC 150 किस्म आईसीएआर-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर (मध्य प्रदेश) द्वारा विकसित की गई है। सोयाबीन की यह किस्म गंध मुक्त है। NRC soybean variety यह किस्म सोयाबीन की प्राकृतिक गंध के लिए जिम्मेदार लाइपोक्सीजिनेज-2 एंजाइम से मुक्त है।

अखिल भारतीय समन्वित सोयाबीन अनुसंधान परियोजना की इंदौर द्वारा तैयार की गई सोयाबीन NRC soybean variety की उन्नत किस्म ‘एनआरसी 150’ की यह किस्म केवल 91 दिन में परिपक्व होती हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई इस किस्म को ट्रायल के तौर पर पिछले वर्ष कई क्षेत्रों में बोया गया। जहां पर इस किस्म की पैदावार अच्छी हुई। सोयाबीन की यह किस्म 7 क्विंटल प्रति बीघा की पैदावार देगी। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सोयाबीन की इस किस्म से 35 से 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होगी। एनआरसी 150 की पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें..

एनआरसी 165 सोयाबीन – NRC 165 Soybean

NRC soybean variety सोयाबीन की एनआरसी 165 किस्म की खास बात यह है की, इसमें तना मक्खी, चक्र भृंग तथा पत्ती भक्षकों के लिए भी प्रतिरोधी है। सोयाबीन एनआरसी 165 मध्य क्षेत्र में समय से बुवाई के लिए प्रस्तावित एक जल्दी पकने वाली किस्म है, जिसकी परिपक्वता अवधि 90 दिन और औसत उत्पादन 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

एनआरसी 181 सोयाबीन – NRC 181 Soybean

सोयाबीन की यह एनआरसी 181 किस्म सीमित वृद्धि वाली है। जिसके सफ़ेद फूल, गहरी भूरी नाभिका, भूरे रोयें होते हैं। कुनिट्ज़ ट्रिप्सिन इनहिबीटर मुक्त, पीला मोजेक एवं टारगेट लीफ ऑफ स्पॉट के लिए प्रतिरोधी यह किस्म राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट, चारकोल सड़न एवं एन्थ्रेक्नोज के प्रति संवेदनशील है। मध्य क्षेत्र के लिए अनुशंसित इस किस्म की परिपक्वता अवधि 93 दिन है और इसका औसत उत्पादन 16-17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। NRC soybean variety

एनआरसी 188 सोयाबीन – NRC 188 Soybean

NRC soybean variety सोयाबीन की एनआरसी 188 किस्म भी सीमित वृद्धि वाली है, लेकिन इसके फूल बैंगनी होते हैं। कली नाभिका, इसकी रोयें रहित हरी चिकनी फलियां होती। हैं, जिन्हें मटर की फलियों की तरह खाया जा सकता है। मध्य क्षेत्र के लिए प्रस्तावित यह पहली वेजिटेबल टाईप किस्म है। इसकी परिपक्वता अवधि 77 दिन और इसका औसत उत्पादन 46.72 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हरी फलियां है। एनआरसी 188 के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें..

एनआरसी 157 सोयाबीन – NRC 157 Soybean

एनआरसी 157 (आईएस 157) मध्यम अवधि की किस्म है जो सिर्फ 94 दिनों में पक जाती है। इसकी औसत उपज 26.5 क्विंटल / हेक्टेयर है और यह अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, बैक्टीरियल पस्ट्यूल और टारगेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए भी मध्यम प्रतिरोधी है। संस्थान में फील्ड परीक्षणों ने एनआरसी 157 को न्यूनतम उपज हानियों के साथ देरी से रोपण (20 जुलाई तक) के लिए उपयुक्त पाया है।

एक अन्य किस्म, एनआरसी 131 (आईएस131) के बारे में उन्होंने कहा कि यह 93 दिनों की मध्यम अवधि की किस्म जिसकी औसत उपज 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म चारकोल रॉट और टार्गेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधी है। NRC soybean variety

एनआरसी 136 सोयाबीन – NRC 136 Soybean

NRC soybean variety एनआरसी 136 (आईएस 136) जो पहले से ही देश के पूर्वी क्षेत्र में खेती के लिए अधिसूचित है, को भी इस वर्ष मध्य प्रदेश में खेती के लिए जारी किया गया है। इस किस्म के ब्रीडर और संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ ज्ञानेश कुमार सतपुते ने कहा कि यह किस्म 105 दिनों में 27 क्विंटल/हेक्टेयर की औसत उपज के साथ परिपक्व हो जाती है, एनआरसी 136 एमवायएमवी (मूंग बीन येलो मोज़ेक वायरस) के लिए मध्यम प्रतिरोधी है और भारत की पहली सूखा सहिष्णु किस्म है।

एनआरसी 149 सोयाबीन – NRC 149 Soybean

सोयाबीन किस्म NRC soybean variety एनआरसी 149 में उत्तरी मैदानी क्षेत्र के प्रमुख पीला मोेक रोग, राइोक्टोनिया एरियल ब्लाइट के साथ-साथ गर्डल बीटल और पर्णभक्षी कीटों के लिए प्रतिरोधी हैं। एनआरसी 152 नामक किस्म अतिशीघ्र पकने वाली (90 दिनों से कम), खाद्य गुणों के लिए उपयुक्त तथा अपौष्टिक क्लुनिट् ट्रिप्सिंग इनहिबिटर और लाइपोक्सीजेनेस एसिड-2 जैसे अवांछनीय लक्षणों से मुक्त है।

एनआरसी 197 सोयाबीन – NRC 197 Soybean

कृषि वैज्ञानिकों ने लम्बे अनुसंधान के बाद ऐसे सोयाबीन की पहली किस्म विकसित करने में कामयाबी हासिल की है, जो केटीआई फ्री अर्थात गंधमुक्त है। अधिकारियों का कहना है कि प्रोटीन से भरपूर यह किस्म पहाड़ी क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकती है। सोयाबीन की यह नवीन वैरायटी बिना प्रोसेसिंग के सीधे खाई जा सकती है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार NRC soybean variety सोयाबीन की एनआरसी 197 किस्म में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है।‌इसकी खेती को बढ़ावा देकर पहाड़ी इलाकों में कुपोषण की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है। अधिकारियों ने बताया कि ‘NRC 197’ की एक खूबी यह भी है कि इसकी फसल पहाड़ी इलाकों में उगाई जाने वाली सोयाबीन (Soybean) की आम किस्मों के मुकाबले जल्दी पक जाती है। यह किस्म पहाड़ी इलाकों में बुआई के बाद 112 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। एनआरसी 197 के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें..

एनआरसी 152 सोयाबीन – NRC 152 Soybean

सोयाबीन की नई किस्म एनआरसी 152 की खास बात यह है कि, यह किस्म सिर्फ 90 दिन की अवधि एवं कम वर्षा में पकेगी, साथ ही साथ ये बढ़िया उत्पादन देने में सक्षम है। यह किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र का विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है।

एनआरसी 152 नामक किस्म अतिशीघ्र पकने वाली, खाद्य गुणों के लिए उपयुक्त तथा अपौष्टिक क्लुनिट्ज़ ट्रिप्सिंग इनहिबिटर और लाइपोक्सीजेनेस एसिड -2 जैसे अवांछनीय लक्षणों से मुक्त है। सोयाबीन की एनआरसी 152 किस्म की अवधि की बात करें तो, यह किस्म सिर्फ 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके अलावा इस किस्म की पैदावार की बात करें तो, किसानों को अधिकतम 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देखने को मिलेगी। NRC soybean variety एनआरसी 150 की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें..

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