मई के अंत तक करें कपास की बिजाई; खेत की तैयारी, बीज की मात्रा और कीटनाशकों के प्रयोग को लेकर एचएयू ने जारी की सलाह..

कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने कपास के बिजाई (Cotton Farming) को लेकर किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की है..

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Cotton Farming | चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने कपास की बिजाई के संबंध में महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। विश्वविद्यालय ने किसानों से आग्रह किया है कि वे मई के अंत तक कपास की बिजाई पूरी कर लें और केवल उन्नत व सुझाई गई किस्मों का ही उपयोग करें।

इसके अलावा बीज की किस्में, खाद, रोग नियंत्रण और खरपतवार प्रबंधन तक की विस्तृत जानकारी दी गई है। जड़ गलन की समस्या वाले क्षेत्रों में कपास न बोएं। यहां विकल्प स्वरूप ज्वार या बाजरा बोएं। बीटी कपास की बुवाई करनी है तो खेत में इसकी तैयारी करने के साथ बुवाई के लिए बीज प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें और बिल जरूर लें।

बीटी कपास में सफेद मक्खी की अधिकता नुकसानदायक है। कपास (Cotton Farming) के बीज को थीरम 2 ग्राम प्रति किलो बीज की मात्रा से उपचारित करें। देखें कृषि वैज्ञानिकों की सलाह..

खेत की तैयारी और बिजाई का तरीका

बिजाई से पहले खेत की अच्छी तरह से तैयारी जरूर करें। पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें और इसके बाद 3-4 बार हल चलाकर खेत को समतल करें। बिजाई के समय खेत में नमी (तर- बत्तर) बनी रहनी चाहिए। गीली अवस्था में दो बार जुताई करके सुहागा लगाएं।

बुआई की गहराई 4-5 सेमी रखें। बीटी किस्मों के लिए कतार से कतार की दूरी 100 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी रखें। अन्य किस्मों में क्रमशः 67.5 सेमी व 30 सेमी दूरी रखें। (Cotton Farming)

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बीज की मात्रा

नरमा (अमेरिकन कपास) : रोएं रहित बीज 6-8 किग्रा प्रति एकड़ और रोएंदार बीज 8-10 किग्रा प्रति एकड़।

बीटी संकर किस्म : 850 ग्राम प्रति एकड़।

संकर किस्म : रोएं उतरा बीज 1.2-1.5 किग्रा प्रति एकड़।

देसी कपास : एच 1226, एच 1098, एच एच एच 223, एच एच एच 287, एच डी 123, एच डी 324, एच डी 432 और एएएच 1, बीज मात्रा – 5 किलो प्रति एकड़। (Cotton Farming)

बीज उपचार और रोग नियंत्रण

बीजों को स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (1 ग्राम) और सक्सीनिक एसिड (1 ग्राम) के 10 लीटर घोल में भिगोएं। रोएंदार बीज को 6-8 घंटे और रोएं उतरे बीरों को 2 घंटे तक घोल में भिगोकर रखें।

उर्वरकों का उपयोग

रेतीली जमीन में (जैसे हिसार व सिरसा में) : – यूरिया 37 किग्रा, सुपर फास्फेट 75 किग्रा, जिंक सल्फेट 10 किग्र प्रति एकड़ डालें। बची हुई यूरिया की मात्रा बौकी आने पर डालें।

भारी जमीन में :– बिजाई के समय खाद डालें, विशेषकर फास्फोरस और जिंक संकर कपास में नाइट्रोजन और फास्फोरस की दोगुनी मात्रा डालें। पोटाश 40 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें। (Cotton Farming)

खरपतवार व कीट नियंत्रण के उपाय

बिजाई के तुरंत बाद पेंडीमैथलीन (स्टोम्प 30 ईसी) की 2 लीटर मात्रा को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होना जरूरी है। मिलीबग नियंत्रण के लिए खेतों की मेढ़ों, खालों, रास्तों व पिछली फसल के ठूंठों से उगने वाले पौधों और खरपतवारों जैसे कांग्रेस घास व कांगी बूटी को नष्ट करें। कपास की छंटाई के बाद गिरे टिंडों व पत्तों को जला देना चाहिए। (Cotton Farming)

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