किसानों की सुविधा के लिए मंडी कृषि विपणन बोर्ड प्रदेश में लागू कर रही ई मंडी योजना। आइए जानते है ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) के बारे में सबकुछ।
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E Mandi Scheme | किसानों को उनकी फसल का बेहतर भाव मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने के साथ ही अब किसानों के लिए ई-मंडी प्लेटफार्म इससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडी में इंतजार नहीं करना होगा।
इस सुविधा के शुरू होने से किसान घर बैठे अपनी फसल बेच सकेंगे। राज्य सरकार का मानना है कि इस सुविधा से किसानों को उनकी फसल का बेहतर भाव मिल सकेगा।
दरअसल, प्रदेश की कई जिलों की मंडियों में कृषि विपणन मंडी बोर्ड प्रदेश में ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) लागू करने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान अपनी फसल को घर से नीलाम कर अच्छा भाव प्राप्त कर सकते है।
अभी प्रदेश की मंडियों में आज 30 शनिवार और 31 मार्च को अवकाश है। इसके बाद 1 अप्रैल से यह योजना लागू की जायेगी। योजना के अंतर्गत गेंहू सोयाबीन सहित अन्य फसलों की बिक्री की जा सकेगी।
आइए आर्टिकल में जानते है ई मंडी योजना क्या है ? यह योजना किसानों के लिए किस तरह फायदेमंद है एवं ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) कैसे काम करेगी?…
क्या है ई मंडी योजना ? (What is E Mandi Scheme ?)
एमपी की कई मंडियों में किसानों को उपज खरीदी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कृषि विपणन बोर्ड द्वारा ई मंडी योजना की शुरुआत की जा रही है। इस योजना को 01 अप्रैल से लागू किया जाएगा।
योजना के लागू होने से किसानों को फायदा मिलेगा। बता दें की, मंडी में खरीदी पारदर्शिता, सुव्यवस्था और सम व्यापार को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की जा रही है। इससे घर बैठे ही नीलाम कार्य किया जा सकेगा।
ई मंडी योजना में किन फसलों को बेचा जा सकेगा?
शामगढ़ मंडी सचिव पर्वत सिंह यादव का कहना है कि कृषि विपणन बोर्ड ने 1 अप्रैल से ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) लागू करने की घोषणा की है। ई मंडी योजना के अंतर्गत सोयाबीन, चना, मूंग, उड़द, गेहूं, धनिया, रायड़ा सहित अन्य उपज की खरीदी होगी।
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किस तरह काम करेगी ई मंडी योजना ?
शामगढ़ मंडी सचिव पर्वत सिंह यादव ने आगे बताया की, मंडी गेट से लेकर नीलामी तक की प्रक्रिया ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) से होगी। इस योजना के तहत मंडी गेट पर प्रवेश करते ही किसानों को पर्ची बनवाना जरूरी होगा।
प्रवेश पर्ची बनने के बाद ही किसानों की उपज की नीलामी हो पाएगी। प्रवेश पर्ची के लिए मोबाइल नंबर होना जरूरी है। किसान अपने एंड्रॉयड मोबाइल से भी ई मंडी एप से घर बैठे प्रवेश पर्ची बना सकते हैं।
मंडियों के सभी अधिकारियों एवं तुलावटी सहित अभी कर्मचारियों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा चुकी है। मंडी प्रवेश में कर्मचारियों द्वारा पीओएस मशीन में ऑनलाइन प्रवेश पर्ची का नंबर दर्ज करने के लिए शुरू करेगा। : E Mandi Scheme
उपज की बोली में उच्चतम भाव से संतुष्ट होने पर ही उपज बेच सकते है। इसके बाद भाव एवं करता फॉर्म का नाम एवं नंबर दर्ज कर सुरक्षित कर दिया जाएगा।
ऑनलाइन अनुबंध जारी करने के बाद एक पर्ची किसान और एक पर्ची क्रेटा कम को दी जाएगी इस प्रकार ई तौल और ई भुगतान पत्रक भी जारी होगा। इसमें खरीदी करने वाले व्यापारी या फार्म ई मंडी ऐप्स पर लोगिन करने पर ऑनलाइन अनुबंध तौल की जानकारी देखी जा सकती हैं। : E Mandi Scheme
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यहां से डाउनलोड कर सकेंगे ई मंडी एप
ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) को सुगम तरीके से संचालित करने के लिए कृषि विपणन मंडी बोर्ड ने ई मंडी ऐप जारी किया है। इस एप को किसान प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा यहां क्लिक कर भी डाउनलोड कर सकते है।
किसान भाई व्हाट्सएप या अन्य जगहों से नकली ई मंडी एप डाउनलोड करने से बचे। ध्यान ना देने पर आपके साथ फ्रॉड हो सकता है। बता दें की, हाल ही में व्हाट्सएप पर “पीएम लाभार्थी सूची” के नाम पार किसानों के साथ फ्रॉड हो रहा था।
अभी प्रदेश में चल रहा गेंहू खरीदी का कार्य | E Mandi Scheme
पूरे प्रदेश के सभी जिलों में 15 मार्च से रबी विपणन वर्ष 2025 – 26 के लिए गेंहू खरीदी का कार्य जोरों पर है। अब तक गेंहू खरीदी का आंकड़ा 5 लाख मीट्रिक टन पार हो चुका है।
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गेंहू खरीदी के आंकड़े जारी किए है। उन्होंने बताया की, अब तक 74,697 किसानों से 5 लाख 80 हजार 711 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है।
सरकार किसानों को समय पर भुगतान कर रही है। अब तक 757 करोड़ 36 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। मंत्री के मुताबिक, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। : E Mandi Scheme
लेकिन राज्य सरकार इसके ऊपर 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है। इस तरह किसानों से गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जा रहा है। भुगतान की प्रक्रिया को तेज करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें की, इस वर्ष अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ की बिक्री के लिये 13 लाख 98 हजार किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन की अंतिम तारीख 31 मार्च है। पूरी खबर पढ़ें 👉 गेंहू खरीदी में उज्जैन सबसे आगे, अब तक 5.80 लाख टन गेंहू खरीदा गया, 757 करोड़ का भुगतान हुआ, देखें डिटेल…
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