ई-मंडी योजना (E-Mandi Scheme) से किसानों को किस प्रकार मिलेगा फायदा, आइए जानते हैं..
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E-Mandi Scheme | मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियां हाईटेक हो रही है। इसी क्रम में प्रदेश की A क्लास मंडियों में ई-मंडी स्कीम लागू हो चुकी है।
1 जनवरी से B क्लास की 41 मंडियों में भी यह योजना शुरू की जा चुकी है। प्रदेश सरकार 1 अप्रैल 2025 से प्रदेश की सभी 269 मंदिरों में इस योजना को लागू कर देगी।
प्रदेश सरकार की यह योजना किसानों के लिए कई महीनो में लाभदायक साबित हो रही है। मंडियों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिये प्रदेश में निरंतर कार्य किया जा रहा है। E-Mandi Scheme
मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ( मंडी बोर्ड) अपनी महत्वपूर्ण ई-मंडी योजना का विस्तार कर रहा है। पूर्व से ई-मंडी योजना 42 मंडियों में क्रियाशील है।
इस योजना का लाभ किसानों को किस प्रकार मिल रहा है एवं क्या है पूरी E-Mandi Scheme योजना आइए जानते हैं..
क्या है ई-मंडी योजना, जानिए
ई-मंडी योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है। ई-मंडी योजना एक डिजिटल मंच है जो किसानों और व्यापारियों को ऑनलाइन मंडी में सामान बेचने और खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और मंडी में होने वाली अनियमितताओं को कम करना है। कुल मिलाकर ई-मंडी योजना कृषि उपज मंडियों को डिजिटलीकरण करने की योजना है। E-Mandi Scheme
ई-मंडी योजना से यह मिलेगा फायदा
ई-मंडी योजना के तहत सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस योजना में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलता है। मंडी की कार्यप्रणाली डिजिटल होने के कारण इस योजना से मंडी में होने वाली अनियमितताओं को कम किया जा सकता है। किसानों और व्यापारियों को ऑनलाइन मंडी में सामान बेचने और खरीदने की सुविधा मिलती है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर सकती है। E-Mandi Scheme
किसान अपने मोबाइल से बना सकेंगें प्रवेश पर्ची
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ई-मंडी योजना एक जनवरी 2025 से प्रदेश की बी-क्लास की 41 मंडियों में विस्तारित की गई है। ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिये स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। E-Mandi Scheme
मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिये या प्रवेश पर्ची के लिये लाईन में नहीं लगना होगा। ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी।
मंडियों को हाईटेक बनाया जा रहा है। लक्ष्य रखा गया है कि 01 अप्रैल 2025 से सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में कार्य करें। मंडी ऐप के द्वारा किसान भाइयों के लिये प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। किसानों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है कि वह मंडी आने से पहले मंडी में अपनी प्रवेश पर्ची स्वयं अपने मोबाइल से बना सकते हैं। E-Mandi Scheme
एक बार प्रवेश पर्ची बन जाने पर बार-बार उन्हें अपना संपूर्ण डाटा मंडी में देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। प्रवेश पर्ची बन जाने से किसान सीधे मंडी प्रांगण के नीलामी स्थलों पर जाकर अपनी कृषि उपज की नीलामी करा सकते हैं। नीलामी की कार्यवाही की जानकारी किसानों को मोबाइल पर भी प्राप्त होगी।
तुलावटी भाईयों को ई-मंडी योजना का प्रशिक्षण दिया गया है। वे एंड्रॉयड मोबाइल पर की गई तौल का फाइनल वजन दर्ज करेंगे और उन्हें कोई भी जानकारी लिखने की आवश्यकता नहीं रहेगी। साथ ही व्यापारी साथियों को भी भुगतान पत्रक बनाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। ई-मंडी योजना में व्यापारी की आईडी पर रेडीमेड भुगतान पत्रक प्रदर्शित होगा। व्यापारी को उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे भुगतान की सिर्फ एंट्री ही करनी होगी । E-Mandi Scheme
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बी-श्रेणी की इन 41 मंडियों में शुरू हुई यह योजना
बैरसिया, भैरूंदा, औबेदुल्लागंज, रायसेन, सिरोंज, ब्यावरा, पचौर, नरसिंहगढ़, कुरावर, खिरकिया, नर्मदापुरम, सांवेर, महू मनावर, कुक्षी, धामनोद, सनावद, भीकनगांव, बुरहानपुर, महिदपुर, तराना, पिपल्या, सैलाना, शाजापुर, दतिया, कुम्भराज, मुंगावली, कोलारस, श्योपुरकलां, बीना, खुरई, हरपालपुर, निवाड़ी, शहपुरा ‘भिटोनी’, सौंसर, गाडरवाड़ा, करेली, नरसिंहपुर, गोटेगांव, सिवनी और नागोद। E-Mandi Scheme
सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में होगी विकसित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ई-मंडी योजना मध्य प्रदेश की 83 मंडियों में की मंडी योजना को विस्तारित किया जा चुका है। ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिये स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। E-Mandi Scheme
मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिये या प्रवेश पर्ची के लिये लाईन में नहीं लगना होगा।
ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी। मंडियों को हाईटेक बनाया जा रहा है लक्ष्य रखा गया है कि 1 अप्रैल 2025 से सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में कार्य करें। E-Mandi Scheme
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