विदेश की नौकरी छोड़ खेती को बनाया लाभ का धंधा, अब ये युवा किसान कमा रहा लाखों का मुनाफा

Farmer Success Story : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले किसान प्राकृतिक खेती से सालाना कमा रहे 15 लाख रूपये।

Farmer Success Story | भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां अधिकतर इलाकों में किसान पारंपरिक रूप से खेती की जाती है। लेकिन अगर वह व्यवसायिक रूप से करें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

हम यहां एक ऐसे किसान के बारे में बात करने वाले है जिन्होंने नौकरी छोड़ कर खेती को लाभ धंधा बनाया। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर ब्लॉक के गांव गटोट के रहने वाले मोहन सिंह एक ऐसे किसान हैं। : Farmer Success Story

इन्होंने प्राकृतिक खेती के माध्यम से न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी एक मिसाल कायम की है।

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह आज प्राकृतिक खेती से सालाना 15 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। उनकी यह सफलता उनकी मेहनत, लगन और प्राकृतिक खेती के प्रति समर्पण का परिणाम है।

आइए जानते है यह किसान (Farmer Success Story) किस तरह प्राकृतिक खेती से सालाना 15 लाख रुपए कमा रहे है…

पहले विदेश में नौकरी करते थे किसान मोहन सिंह

Farmer Success Story | मोहन सिंह ने विदेश में नौकरी छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया और खेती को अपनाया। शुरुआत में उन्होंने रासायनिक खेती की, लेकिन जब उन्हें प्राकृतिक खेती के फायदों का पता चला।

इसलिए उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया और आज वे इसके जरिए अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। उनकी सब्जियां दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे बड़े बाजारों में बिकती हैं, जहां उनके उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है।

बता दें की, प्रगतिशील किसान मोहन सिंह पहले कतर और सऊदी अरब जैसे देशों में नौकरी करते थे। विदेश में रहते हुए उन्होंने देखा कि भारत के जैविक उत्पादों की वहां काफी मांग है और ये उत्पाद वहां महंगे दामों पर बिक रहे हैं। : Farmer Success Story

इससे उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने विदेश में नौकरी छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया. गांव आकर उन्होंने खेती शुरू की। शुरुआत में उन्होंने रासायनिक खेती की, जिसमें उन्हें अच्छा उत्पादन तो मिला, लेकिन खर्चा भी काफी अधिक था।

इसके बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती की ओर रुख किया और वर्ष 2018 में इसे अपनाया। प्राकृतिक खेती ने न केवल उनकी कृषि लागत को कम किया, बल्कि उत्पादन और मुनाफे में भी वृद्धि की।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

Farmer Success Story | किसान मोहन सिंह ने प्राकृतिक खेती को अपनाया

प्राकृतिक खेती की शुरुआत में प्रगतिशील किसान मोहन सिंह को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके गांव और आसपास के इलाकों में ज्यादातर किसान रासायनिक खेती करते थे और प्राकृतिक खेती के प्रति उनका रुझान कम था।

मोहन सिंह ने बताया कि शुरुआत में उनके मन में भी कई सवाल थे, लेकिन जब उन्होंने खेत में जीवामृत और दशपर्णी अर्क जैसे प्राकृतिक आदानों का उपयोग किया और उसके सकारात्मक परिणाम देखे, तो वे उत्साहित हो गए। : Farmer Success Story

उन्होंने देखा कि प्राकृतिक खेती से न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार हुआ, बल्कि कीटों और रोगों पर भी नियंत्रण पाया जा सका।

ये भी पढ़ें 👉 इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूँ खरीदी इस तारीख से होगी शुरू, सरकार ने दिए निर्देश, देखें डिटेल..

प्राकृतिक खेती से मिलेगा ज्यादा फायदा

Farmer Success Story | प्रगतिशील किसान मोहन सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती से उन्हें कई फायदे हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में फसलों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए रासायनिक दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती है।

इससे न केवल उनकी लागत कम हुई, बल्कि उत्पादन भी बढ़ा। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाई गई सब्जियां और फल अधिक समय तक ताजे रहते हैं और इनकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है।

इसके अलावा, प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है, जिससे लंबे समय तक अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है। मोहन सिंह ने बताया की किसान प्राकृतिक खेती से ज्यादा लाभ ले सकते है। : Farmer Success Story

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह प्राकृतिक खेती में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाते हैं। वह खीरा, फ्रेंच बीन, गोभी, मटर, टमाटर, मूली, शलगम, धनिया, पालक और अन्य सब्जियों की खेती की है।

इसके अलावा, उन्होंने अपने आम के बाग और अन्य फलों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाया है। मोहन सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों की गुणवत्ता बेहतर होती है और इनकी मांग बाजार में अधिक होती है।

Farmer Success Story | प्राकृतिक खेती में लागत और मुनाफा

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह ने प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल अपनी कृषि लागत को कम किया है, बल्कि उत्पादन और मुनाफे में भी वृद्धि की है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में प्रति बीघा खर्च केवल 6 हजार रुपये आता है, जिसमें बीज की कीमत भी शामिल है।

वहीं, रासायनिक खेती में यह खर्च काफी अधिक होता है। मोहन सिंह ने बताया कि वह 5 बीघा जमीन से प्राकृतिक खेती करके सालाना 15 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। उनकी सब्जियां दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे बड़े बाजारों में बिकती हैं। :

मोहन सिंह एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) से भी जुड़े हैं, जिससे उन्हें अपनी सब्जियों और अन्य उपज की मार्केटिंग करने में आसानी होती है। एफपीओ के माध्यम से वे अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचा पाते हैं और अच्छे दाम प्राप्त करते हैं।

कृषि योजना खेती किसानी, मंडी, भाव लेटेस्ट बिजनेस एवं टेक की जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए..👉 गेहूँ खरीदी की सभी तैयारियां पूर्ण, 2 दिन बाद होगी खरीदी शुरू, देखें डिटेल..

👉 खेती किसानी की सभी जानकारी मोबाइल पर, किसानों के सबसे ज्यादा काम आने वाले टॉप 3 मोबाइल ऐप्स

👉 कोटवार/बटाईदार एवं वनप‌ट्टाधारी किसान भी करवाएं MSP पर गेहूं विक्रय के लिए पंजीयन, देखें पंजीयन प्रक्रिया एवं नियम..

👉सोयाबीन के भाव में हो रही लगातार गिरावट, विशेषज्ञों से जानिए फरवरी, मार्च एवं अप्रैल में भाव बढ़ेंगे या नहीं..

👉 चने की बुवाई का रकबा घटा, आने वाले सीजन में चना का भाव क्या रहेगा, व्यापार विशेषज्ञों से जानिए..

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment