जायद में उड़द की खेती के लिए शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, किसानों को देंगे 3500 क्विंटल बीज, देखें डिटेल..

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने शुरू किया नया पायलट प्रोजेक्ट (Urad Farming Pilot Project), आइए जानते हैं डिटेल..

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Urad Farming Pilot Project | वर्तमान में दालों का आयात करना पड़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 4.65 मिलियन मीट्रिक टन दालों का आयात किया था। यह साल 2018-19 के बाद से सबसे ज्यादा आयात है।

देश में ज्यादातर दालें कनाडा, मोजाम्बिक, मलावी, ऑस्ट्रेलिया, तंजानिया, रूस, और तुर्की से आयात की जा रही है। मोजाम्बिक से 2 लाख टन तुअर / अरहर की दाल मंगवाई जाएगी। पीली मटर रूस और तुर्की से आते हैं।

आयात में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम- आशा) योजना Food Provider Income Protection Campaign (PM- ASHA) योजना को आगे बढ़ाया है। : Urad Farming Pilot Project

इसी योजना के तहत राजस्थान में पहली बार जायद सीजन में उदड़ की खेती की जाएगी। बिसलपुर एरिया के गांवों में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों को बीज दिए जाएंगे एवं उनसे खरीदे भी जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के विषय में सब कुछ जानिए..

सरकार उड़द, तुअर व मसूर की 100% करेगी खरीद

Urad Farming Pilot Project | दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने और आयात में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार किसानों के पास जितनी भी मात्रा में दालें होंगी, उसकी खरीद समर्थित मूल्य पर करेंगी। इस योजना के तहत सरकार अगले चार वर्षों तक तुअर, उड़द और मसूर उत्पादन का 100% खरीद की जाएगी।

अधिकारियों के अनुसार इस योजना के तहत खेती करने वाले किसानों से उड़द की फसल 35 से 40 रुपए ज्यादा के भाव में सरकार ही खरीद लेगी। उन्हें बाजार जाने की जरूरत नहीं रहेगी। न कम भाव में कहीं बेचना पड़ेगा। इससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। : Urad Farming Pilot Project

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किसानों को 3500 क्विंटल बीज दिए जाएंगे

राजस्थान में योजना के तहत पहली बार जायद सीजन में उदड़ की खेती की जाएगी। बिसलपुर एरिया के गांवों में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों को बीज दिए जाएंगे

यहां के करीब सौ किसानों को कोटा-4 किस्म के 3500 क्विंटल बीज दिए जाएंगे। किसानों का चयन कर लिया गया है। इन्हें कृषि वैज्ञानिक प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए जगह-जगह ट्रेनिंग व कार्यशालाएं होंगी। : Urad Farming Pilot Project

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फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह में इसकी बुवाई की जाएगी। बिसलपुर के कैचमेंट एरिया के गांवों की जमीन, पानी उदड़ की खेती के लिए अनुकूल है। यहां काली मिट्टी के साथ उसमें पर्याप्त मात्रा में फसल को नमी मिल पाएगी।

80-90 दिन में पक जाएगी फसल

Urad Farming Pilot Project | किसान फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह से उदड़ की बुवाई करेंगे। इसके बाद 80 से 90 दिनों में फसल पककर तैयार हो जाएगी।

एक हेक्टेयर में आठ से दस क्विंटल तक उत्पादन मिलेगा। फिलहाल बीज उत्पादन कराया जाएगा। अगर यहां यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो इसे दूसरे क्षेत्रों में भी बढ़ाया जाएगा।

बीज विधायन संयंत्र स्थापित, जीओटी परीक्षण करवा रहे

Urad Farming Pilot Project | राजस्थान सरकार के कृषि एवं उद्यानिकी सचिव राजन विशाल के अनुसार वर्तमान में राजस्थान राज्य बीज निगम की 22 इकाइयां व 5 विस्तार केन्द्र हैं, जिनकी कुल विधायन क्षमता 12 लाख 584 क्विंटल प्रतिवर्ष एवं कुल भण्डारण क्षमता 10 लाख 21 हजार क्विंटल है।

उन्होंने बताया कि बीजों के उत्पादन एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिए सुल्तानपुर एवं गुड़ामालानी में बीज विधायन संयंत्र स्थापित किए गए हैं। किसानों को उचित मूल्य पर उन्नत बीज समय पर उपलब्ध कराने के लिए व निगम द्वारा प्रमाणित बीजों की गुणवत्ता सुधार के लिए खरीफ 2015 से प्रमाणित बीजों का जीओटी परीक्षण करवाया जा रहा है।

जबकि वर्ष 2020-21 से खरीफ फसलों के प्रमाणित बीजों का भी जीओटी परीक्षण करवाया जा रहा है। राजस्थान स्टेट सीड्स कॉरपोरेशन ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 23405.01 लाख रुपए का कारोबार किया है। : Urad Farming Pilot Project

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