मूंगफली की कादरी-2 किस्म (Groundnut Variety) से किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। आइए जानते है इस किस्म के बारे में सबकुछ।
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
Groundnut Variety | भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती की जाती है। इन फसलों में मूंगफली का भी विशेष स्थान है। मूंगफली न केवल तेल निकालने वाली एक प्रमुख फसल है, बल्कि इसका उपयोग खाने के रूप में, चटनियों में और पशुओं के चारे के रूप में भी होता है। इसकी खेती मुख्यतः गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है।
किसानों के लिए अच्छी उपज और गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए मूंगफली की सही किस्म का चयन करना बहुत ज़रूरी होता है। यहां हम चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में मूंगफली की टॉप कादरी-2 किस्म (Groundnut Variety) के बारे में जानने वाले है। इस किस्म की खास बात ये है कि, इससे प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज निकाली जा सकती है। यह किस्म न केवल अधिक उपज देती है बल्कि इसमें तेल की मात्रा भी ज्यादा होती है, जिससे बाजार में इसकी जबरदस्त मांग बनी रहती है। आइए जानते है इसके बारे में सबकुछ…
प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज
Groundnut Variety | कादरी-2 किस्म की मूंगफली की फसल 110 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है। यदि किसान उचित देखरेख, समय पर सिंचाई और पोषण प्रबंधन करें तो प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल तक की उपज प्राप्त की जा सकती है। यह उत्पादन मात्रा पारंपरिक मूंगफली किस्मों की तुलना में अधिक है, जिससे किसानों की आय में सीधा लाभ मिलता है।
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
क्या है इस किस्म की प्रमुख खासियत?
मूंगफली की कादरी-2 किस्म (Groundnut Variety) की सबसे बड़ी खासियत इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है। यह किस्म पत्ती पर लगने वाले धब्बे जैसे रोगों के प्रति काफी हद तक सुरक्षित रहती है। इसके अलावा यह सूखा जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छा उत्पादन देती है, जो कि किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। इस किस्म में तेल की मात्रा करीब 51% तक पाई जाती है, जो इसे व्यावसायिक दृष्टिकोण से और भी लाभकारी बनाता है। यही कारण है कि किसान पारंपरिक खेती छोड़कर कादरी-2 मूंगफली की खेती की ओर रुख कर रहे हैं।
इस किस्म की बुवाई के लिए खेत तैयार…
किसान यदि इस किस्म (Groundnut Variety) की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से तैयारी करना बेहद जरूरी है। इसके लिए हल्की पीली दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है। खेत को 3 से 4 बार गहराई से जुताई करनी चाहिए और इसके साथ ही खेत में गोबर की सड़ी हुई खाद मिलानी चाहिए। इससे मिट्टी में पोषक तत्व बने रहते हैं और नमी भी बनी रहती है, जो मूंगफली की फसल के लिए अनुकूल होती है।
ट्रेनिंग से मिल रही है मदद
किसानों की बढ़ती मांग को देखते हुए कृषि प्रशिक्षण केंद्रों पर भी अब कादरी-2 किस्म (Groundnut Variety) की मूंगफली की खेती पर प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) दी जा रही है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को उन्नत तकनीक, समय पर खाद, सिंचाई और फसल सुरक्षा उपायों की जानकारी देना है, ताकि वे इस फसल से अधिक से अधिक लाभ कमा सकें।
👉 व्हाट्सऐप चैनल को फॉलो करें।
खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।
यह भी पढ़िए….👉 जून में शुरू करें इस फसल की खेती, प्रति एकड़ होगी 12 लाख रुपये तक की कमाई, देखें डिटेल…
👉 जून-जुलाई तक करें बाजरे की इन टॉप किस्मों की बुवाई, मिलेगा जबरदस्त फायदा..
👉 पिछले साल सोयाबीन की इन टॉप 3 नई किस्मों ने किया कमाल, निकाला था सबसे ज्यादा उत्पादन, देखें..
प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें